नई दिल्ली : आईसीएमआर की नेशनल टॉस्क फोर्स ने कोविड 19 के रोगियों के उपचार में आइवरमेक्टिन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर लगाई रोक को हटा दिया है. टॉस्क फोर्स का मानना है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से कोई मृत्यु का मामला नहीं मिला, जबकि एज़िथ्रोमाइसिन के साथ इसका उपयोग होने इसका खतरा बढ़ जाता है. साथ ही निरंतर अध्ययन से भी Ivermectin के मामले में मृत्यु दर और क्लिनिकल रिकवरी के संबंध में कोई स्पष्टता नहीं मिली है. हालांकि, टॉस्क फोर्स ने कुछ मानदंडों के साथ आपातकालीन उपयोग के लिए रेमेडिसविर और टोसीलिज़ुमैब के उपयोग को जारी रखा.
गुरुवार रात जारी किए गए नए प्रोटोकॉल में कहा गया है कि रेमडेसिविर को मध्यम से गंभीर बीमारी (पूरक ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले) और लक्षणों की शुरुआत के 10 दिनों के भीतर रोगियों में उपयोग के लिए माना जा सकता है. लेकिन रेमडेसिविर का उपयोग उन रोगियों में नहीं किया जाना चाहिए जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर नहीं हैं या घर में हैं.
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दूसरी ओर, गंभीर रूप से बीमार होने पर टोसीलिज़ुमैब पर विचार किया जा सकता है. गाइडलाइंस में कहा गया है कि स्टेरॉयड के इस्तेमाल के बावजूद मरीजों में कोई सुधार नहीं होने पर टोसीलिज़ुमैब का इस्तेमाल किया जा सकता है. गाइडलाइंस में कहा गया है कि स्टेरॉयड के इस्तेमाल के बावजूद मरीजों में कोई सुधार नहीं होने पर टोसीलिज़ुमैब का इस्तेमाल किया जा सकता है. गाइडलाइंस के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति आईसीयू में भर्ती है तो उसकी हालत बिगड़ने पर ही एचआरसीटी चेस्ट किया जाना चाहिए.
वहीं पहले के अध्ययन कहा गया था कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का उपयोग कोविड 19 पाजिटिव रोगियों में एज़िथ्रोमाइसिन के साथ संयुक्त होने पर वायरल लोड में उल्लेखनीय कमी या कमी दर्शाता है. हालांकि यह आमतौर पर मलेरिया की रोकथाम और उपचार में प्रयोग किया जाता है. इसके अलावा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उपयोग गठिया व अन्य बीमारी में किया जाता है.