नई दिल्ली : भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) ने छात्रवृत्ति सहित अन्य माध्यमों से भारत में पढ़ाई पूरी कर चुके दूसरे देशों के छात्रों को जोड़ने एवं बदलती वैश्विक परिस्थितियों में देश की 'सॉफ्ट पॉवर' को मजबूत बनाने की पहल के तहत 'इंडिया एलुमनई पोर्टल' की शनिवार को शुरुआत की. आईसीसीआर के 72वें स्थापना दिवस के अवसर पर विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी एवं आईसीसीआर के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने इस पोर्टल की शुरुआत की. इस कार्यक्रम के तहत कुछ छात्रों को इंडिया एलुमनई पहचान कार्ड भी प्रदान किए गए.
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This is in line with Hon'ble PM Sh @narendramodi Ji’s vision to build an India alumni network to engage them & keep them connected & updated on a dynamic India so they can be the bridges of friendship. pic.twitter.com/AL6ycyxl3r
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— Meenakashi Lekhi (@M_Lekhi) April 9, 2022
सहस्रबुद्धे ने कहा कि परिषद के माध्यम से हर साल लगभग चार हजार विदेशी छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है. उन्होंने बताया कि इनमें पड़ोस के देशों सहित अफगानिस्तान तथा लैटिन अमेरिका, अफ्रीका के कुछ देशों तथा गिरमिटिया देशों के छात्र शामिल होते हैं. सहस्रबुद्धे ने कहा कि इसके तहत अनेक छात्र गुरु-शिष्य परंपरा के तहत तानपुरा, तबला, सितार, जल-तरंग जैसी संगीत साधना आदि के लिए आते हैं और एक या दो वर्ष की शिक्षा प्राप्त करके चले जाते हैं.
उन्होंने कहा, 'दूसरे देशों के ऐसे पूर्व छात्रों को भारत से जोड़ने एवं भारत की 'सॉफ्ट पॉवर' को सशक्त बनाने के लिए हम इंडिया एलुमनई पोर्टल शुरू कर रहे हैं. इसके साथ ही इंडिया एलुमनई पहचान कार्ड भी जारी किए जा रहे हैं.' सहस्रबुद्धे ने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से भारत में पढ़ाई कर चुके विदेशी छात्र-छात्राओं से पुन: संपर्क बनाया जाएगा और विभिन्न प्रकार की गतिविधियों से उन्हें जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि पोर्टल के माध्यम से जरूरत पड़ने पर विदेशी छात्रों को स्थानीय संसाधन प्रबंधन या स्थानीय संपर्क अधिकारी के रूप में जोड़ा जा सकेगा.
इंडिया एलुमनई पोर्टल विदेशी छात्र-छात्राओं को भारत द्वारा दी जा रही छात्रवृत्ति की पहुंच को व्यापक बनाने में मदद करेगा. पोर्टल के शुरुआती चरण में 16 हजार पूर्व छात्र-छात्राओं का पूर्ण विवरण उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके माध्यम से दूसरे देशों के छात्र अपने यहां कई तरह की गतिविधियां शुरू कर सकते हैं और इनमें आईसीसीआर उनका सहयोग करेगी.
सहस्रबुद्धे ने कहा, 'ऐसे छात्र भारत में पढ़ाई करने के कारण हमारे देश के बारे में जानते हैं, ऐसे में पढ़ाई पूरी करने के बाद वे अपने देश में पुस्तकालय स्थापित कर सकते हैं और भारत के बारे में जानकारी दे सकते हैं.' उन्होंने कहा कि ये छात्र इंडिया क्विज, भारतीय भाषाओं के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं तथा अनुवाद एवं अन्य कार्य कर सकते हैं.
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इस अवसर पर विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि छात्रवृत्ति के जरिए भारत में पढ़ाई करने वाले दूसरे देशों के छात्रों के दिल में देश की अमिट छाप बन जाती है और बाद में भी इन छात्रों के साथ उस रिश्ते को बनाए रखना जरूरी है. उन्होंने कहा कि ऐसे में पुराने रिश्तों एवं संपर्कों को प्रगाढ़ बनाने एवं आपस में जुड़ने में यह पोर्टल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह पूछे जाने पर कि विदेशों में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों का डेटा रखने एवं उनसे जुड़ने के लिए सरकार क्या पहल कर रही है, लेखी ने कहा, 'भारत के जो छात्र विदेशों में पढ़ाई करने जाते हैं, उनसे हमारा आग्रह है कि वे स्थानीय उच्चायोग के संपर्क में रहें.' मंत्री ने कहा कि यह इसलिए जरूरी है कि किसी समस्या की स्थिति में स्थानीय भारतीय उच्चायोग अभिभावक की तरह से उनकी मदद कर सकेगा.