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ICCR के 'जेन नेक्सट डेमोक्रेसी नेटवर्क' आयोजन में आठ देशों के प्रतिनिधि शामिल

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Published : Nov 26, 2021, 5:17 PM IST

Updated : Nov 26, 2021, 8:36 PM IST

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (Indian Council for Cultural Relations) द्वारा शुरू किए गए जेन नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क (Gen Next Democracy Network) कार्यक्रम में आठ देशों के प्रतिनिधि भारत की एक सप्ताह की लंबी यात्रा पर हैं.

Gen Next Democracy Network program etv bharat
जेन नेक्सट डेमोक्रेसी नेटवर्क कार्यक्रम

नई दिल्ली : आईसीसीआर द्वारा घोषित कार्यक्रम (Schedule announced by ICCR) की शुरूआत गुरूवार को 8 लोकतंत्रों के 19 प्रतिनिधियों के पहले बैच के साथ हुई है. आजादी के बाद पिछले 75 वर्षों से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक (One of the largest democracies) कैसे सफलतापूर्वक काम कर रहा है, इसकी एक झलक पाने के लिए ये प्रतिनिधि भारत के दौरे पर हैं.

यह कार्यक्रम आईसीसीआर द्वारा स्वतंत्रता के 75 वर्ष को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाने के एक भाग के रूप में आयोजित किया जा रहा है. प्रतिनिधियों के उद्घाटन बैच में भूटान, स्वीडन, जमैका, तंजानिया, श्रीलंका, पोलैंड, उज्बेकिस्तान और मलेशिया जैसे लोकतांत्रिक देशों के 35 वर्ष से कम आयु के राजनेता, सांसद, उद्यमी, सामाजिक कार्यकर्ता, कलाकार और प्रभावशाली लोग शामिल हैं.

आईसीसीआर के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे

प्रतिनिधियों के आगमन पर नई दिल्ली में एक सांस्कृतिक संध्या के साथ स्वागत किया गया, जहां आईसीसीआर के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे (Dr. Vinay Sahasrabuddhe, President, ICCR) ने उन्हें संबोधित किया और बधाई दी. उन्होंने कहा कि भारत उन लोकतंत्रों में से एक है जो अपने लोकतांत्रिक लोकाचार से कभी पीछे नहीं हटता. किसी भी प्रकार के राजशाही या निरंकुशता के लिए यहां कोई जगह नहीं है.

डॉ सहस्रबुद्धे ने कहा कि लोकतंत्र के विचार के लिए भारतीय लोगों की प्रतिबद्धता अद्वितीय है. हमने अब फैसला किया है कि एक मंच विकसित करें जिसे हमने जेन नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क नाम दिया है. यह लोकतंत्रों का एक नेटवर्क होने जा रहा है जो मूल रूप से अगली पीढ़ी के नेताओं के बारे में बात कर रहा है. हम भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को समझने के लिए 75 लोकतंत्रों के युवा नेताओं को भारत में आमंत्रित कर रहे हैं.

कहा कि कल का लोकतंत्र युवा पीढ़ी और युवा नेताओं की क्षमताओं पर निर्भर करता है ताकि इसे भारत में हम जिस तरह का प्रयास कर रहे हैं, वैसा ही लोकतंत्र बना सकें. लोकतंत्र हमारे जीवन के खून का हिस्सा है और हमने उन्हें कुछ एक्सपोजर हासिल करने में मदद करने के लिए आमंत्रित किया है.

अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के सप्ताह भर के प्रवास में सूचना और ज्ञान साझा करने वाले कार्यक्रम शामिल होंगे. जैसे कि विचार मंच, सेमिनार, सरकारी संस्थानों के विभिन्न स्तरों के दौरे और विरासत से समृद्ध भारतीय शहरों का भ्रमण आदि. गतिविधियों में कला दीर्घाओं का दौरा, लोक कला कार्यक्रम, हस्तशिल्प मेला और 75 वर्षों के लिए भारत की लोकतांत्रिक यात्रा की सफलता का प्रदर्शन करने वाली कई संगोष्ठियां भी शामिल हैं.

आईसीसीआर महानिदेशक दिनेश के पटनायक (ICCR Director General Dinesh K Patnaik) ने कहा कि हम दुनिया भर के सभी लोकतंत्रों को एक साथ आने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. न केवल यह देखने के लिए कि लोकतंत्र एक-दूसरे देशों में कैसे कार्य करता है बल्कि लोकतंत्र का भविष्य क्या है? इस कार्यक्रम का पूरा विचार सभी प्रतिनिधियों को एक झलक देना है कि भारत की यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं हैं, हमारी आर्थिक सफलता है और हम विभिन्न स्तरों पर खुद को कैसे नियंत्रित करते हैं.

यह भी पढ़ें- संविधान दिवस: कैरेक्टर खो चुके दल कैसे करेंगे लोकतंत्र की रक्षा:पीएम

आईसीसीआर का लक्ष्य कुल 75 प्रतिनिधिमंडलों की मेजबानी करना है, जिसमें से 60 प्रतिनिधिमंडल 60 लोकतांत्रिक देशों से और 15 वैश्विक मंचों जैसे विश्व बैंक, यूएन-हैबिटेट, एशियाई विकास बैंक, आसियान, ब्रिक्स, बिम्सटेक आदि से आमंत्रित हैं.

नई दिल्ली : आईसीसीआर द्वारा घोषित कार्यक्रम (Schedule announced by ICCR) की शुरूआत गुरूवार को 8 लोकतंत्रों के 19 प्रतिनिधियों के पहले बैच के साथ हुई है. आजादी के बाद पिछले 75 वर्षों से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक (One of the largest democracies) कैसे सफलतापूर्वक काम कर रहा है, इसकी एक झलक पाने के लिए ये प्रतिनिधि भारत के दौरे पर हैं.

यह कार्यक्रम आईसीसीआर द्वारा स्वतंत्रता के 75 वर्ष को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाने के एक भाग के रूप में आयोजित किया जा रहा है. प्रतिनिधियों के उद्घाटन बैच में भूटान, स्वीडन, जमैका, तंजानिया, श्रीलंका, पोलैंड, उज्बेकिस्तान और मलेशिया जैसे लोकतांत्रिक देशों के 35 वर्ष से कम आयु के राजनेता, सांसद, उद्यमी, सामाजिक कार्यकर्ता, कलाकार और प्रभावशाली लोग शामिल हैं.

आईसीसीआर के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे

प्रतिनिधियों के आगमन पर नई दिल्ली में एक सांस्कृतिक संध्या के साथ स्वागत किया गया, जहां आईसीसीआर के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे (Dr. Vinay Sahasrabuddhe, President, ICCR) ने उन्हें संबोधित किया और बधाई दी. उन्होंने कहा कि भारत उन लोकतंत्रों में से एक है जो अपने लोकतांत्रिक लोकाचार से कभी पीछे नहीं हटता. किसी भी प्रकार के राजशाही या निरंकुशता के लिए यहां कोई जगह नहीं है.

डॉ सहस्रबुद्धे ने कहा कि लोकतंत्र के विचार के लिए भारतीय लोगों की प्रतिबद्धता अद्वितीय है. हमने अब फैसला किया है कि एक मंच विकसित करें जिसे हमने जेन नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क नाम दिया है. यह लोकतंत्रों का एक नेटवर्क होने जा रहा है जो मूल रूप से अगली पीढ़ी के नेताओं के बारे में बात कर रहा है. हम भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को समझने के लिए 75 लोकतंत्रों के युवा नेताओं को भारत में आमंत्रित कर रहे हैं.

कहा कि कल का लोकतंत्र युवा पीढ़ी और युवा नेताओं की क्षमताओं पर निर्भर करता है ताकि इसे भारत में हम जिस तरह का प्रयास कर रहे हैं, वैसा ही लोकतंत्र बना सकें. लोकतंत्र हमारे जीवन के खून का हिस्सा है और हमने उन्हें कुछ एक्सपोजर हासिल करने में मदद करने के लिए आमंत्रित किया है.

अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के सप्ताह भर के प्रवास में सूचना और ज्ञान साझा करने वाले कार्यक्रम शामिल होंगे. जैसे कि विचार मंच, सेमिनार, सरकारी संस्थानों के विभिन्न स्तरों के दौरे और विरासत से समृद्ध भारतीय शहरों का भ्रमण आदि. गतिविधियों में कला दीर्घाओं का दौरा, लोक कला कार्यक्रम, हस्तशिल्प मेला और 75 वर्षों के लिए भारत की लोकतांत्रिक यात्रा की सफलता का प्रदर्शन करने वाली कई संगोष्ठियां भी शामिल हैं.

आईसीसीआर महानिदेशक दिनेश के पटनायक (ICCR Director General Dinesh K Patnaik) ने कहा कि हम दुनिया भर के सभी लोकतंत्रों को एक साथ आने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. न केवल यह देखने के लिए कि लोकतंत्र एक-दूसरे देशों में कैसे कार्य करता है बल्कि लोकतंत्र का भविष्य क्या है? इस कार्यक्रम का पूरा विचार सभी प्रतिनिधियों को एक झलक देना है कि भारत की यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं हैं, हमारी आर्थिक सफलता है और हम विभिन्न स्तरों पर खुद को कैसे नियंत्रित करते हैं.

यह भी पढ़ें- संविधान दिवस: कैरेक्टर खो चुके दल कैसे करेंगे लोकतंत्र की रक्षा:पीएम

आईसीसीआर का लक्ष्य कुल 75 प्रतिनिधिमंडलों की मेजबानी करना है, जिसमें से 60 प्रतिनिधिमंडल 60 लोकतांत्रिक देशों से और 15 वैश्विक मंचों जैसे विश्व बैंक, यूएन-हैबिटेट, एशियाई विकास बैंक, आसियान, ब्रिक्स, बिम्सटेक आदि से आमंत्रित हैं.

Last Updated : Nov 26, 2021, 8:36 PM IST
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