नई दिल्ली : भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत कई अन्य देशों के सहयोग से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित करेगा.
आईसीसीआर ने घोषणा की है कि वह आने वाले दिनों में फिजिकल इवेंट आयोजित करने की योजना बना रहा है, लेकिन परिषद की इवेंट्स को वर्चुअली स्ट्रीम करने के लिए अपना खुद का ओटीटी प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की भी योजना है.
आईसीसीआर के चेयरमैन और भाजपा सांसद डॉ विनय सहस्रबुद्धे ने मीडिया से बात करते हुए 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाने की योजना का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि पूरा देश 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहा है और यह आईसीसीआर के भी एजेंडा में शामिल है. हम कार्यक्रम के हिस्से के रूप में 35 वर्ष से कम आयु के विश्व के 75 लोकतंत्रों के युवा नेताओं को अपने देश में आमंत्रित कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के तीन आयाम हैं. विभिन्न देशों के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों का उपयोग करना और भारत तथा भारतीय संस्कृति की समान समझ के निर्माण के माध्यम से उन्हें और मजबूत करना जो कि आईसीसीआर का प्रमुख मिशन रहा है.
ICCR की गतिविधियां अब केवल संगीत, नृत्य और थिएटर तक सीमित नहीं हैं और परिषद ने दुनिया के 190 से अधिक देशों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान के दायरे का विस्तार करने पर काम करना शुरू कर दिया है.
डॉ सहस्रबुद्धे ने कहा, परंपरागत रूप से सांस्कृतिक संबंधों को केवल थिएटर समूहों तक सीमित संगीत और नृत्य के रूप में देखा जाता था, लेकिन पिछले साल हमने एक बड़ा नीतिगत निर्णय लिया था और हम अपने सभी पारंपरिक कलाकारों को सांस्कृतिक संबंधों को विकसित करने से संबंधित गतिविधियों में शामिल कर रहे हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए, आईसीसीआर के महानिदेशक दिनेश के. पटनायक ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान परिषद की गतिविधियां और कार्यक्रम वर्चुअल मोड में जारी रहे और सोशल मीडिया से उन्हें लोगों तक पहुंचने में मदद मिली.
उन्होंने कहा कि हमने महामारी के दौरान खुद को फिर से गढ़ा. पेंटिंग प्रतियोगिता, आर्ट शो से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों तक सब कुछ ऑनलाइन था. लेकिन जैसे-जैसे स्थिति में सुधार हो रहा है और चीजें खुल रही हैं, हमें ऑफलाइन भी वापस आने की जरूरत है, लेकिन भविष्य हाइब्रिड होने जा रहा है और आपको ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों का संयोजन करने की आवश्यकता है. हम हाइब्रिड जाना चाह रहे हैं, लेकिन महामारी के बाद दुनिया खुल रही है, हमारी सभी योजनाएं जो पिछले साल और इस साल के लिए थीं, उन्हें 2022 में स्थानांतरित कर दिया गया है. हम दोनों के लिए तैयार हैं, अगर कोई और लहर आती है तो हम उसके लिए भी तैयार हैं.
भविष्य में बड़ी संख्या में कार्यक्रम होंगे. बांग्लादेश और कोस्टा रिका जैसे देशों के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए पहले से ही भारत में हैं. आजादी का अमृत महोत्सव की घोषणा के बाद से, ICCR के मिशन और केंद्र पहले ही दुनिया भर में 2000 से अधिक गतिविधियां कर चुके हैं.
दिनेश पटनायक ने सांस्कृतिक गतिविधियों को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने की क्षमता पर भी जोर दिया.
डीजी आईसीसीआर ने कहा, भारत में हम संस्कृति को एक सामाजिक घटना के रूप में देखते हैं जो समाज और मनोरंजन के लिए है, लेकिन हम इसे एक आर्थिक गतिविधि के रूप में नहीं देखते हैं. यही कारण है कि महामारी के दौरान जिस क्षेत्र को सबसे अधिक नुकसान हुआ वह संस्कृति थी, क्योंकि इसे आर्थिक गतिविधि के रूप में नहीं देखा गया था. लेकिन संस्कृति किसी भी देश की सबसे बड़ी आर्थिक गतिविधियों में से एक है.
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उन्होंने कहा, देश की लगभग 14% गतिविधियां संस्कृति से संबंधित हैं. इसलिए हमें संस्कृति को उद्योग का दर्जा देना चाहिए ताकि हमारे पास निवेश के अवसर हों. हमें बुनियादी ढांचे में अधिक निवेश करने की जरूरत है. ये सब हमारी जरूरत की चीजें हैं. ये सब तभी होता है जब आप संस्कृति को एक आर्थिक गतिविधि के रूप में देखते हैं, न कि केवल सामाजिक गतिविधि के रूप में.