कोरबा : कोर्ट के आदेश के बाद तेलंगाना कैडर के IAS अधिकारी संदीप कुमार झा के खिलाफ सिविल लाइन थाना रामपुर में केस दर्ज हुआ है. पीड़िता ने सबसे पहले घरेलू हिंसा की शिकायत पुलिस से की थी.लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वकील के माध्यम से अदालत का दरवाजा खटखटाया.जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस को आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर, इस केस में जांच के आदेश दिए थे.
FIR दर्ज कर जांच के आदेश :थाने में एफआईआर दर्ज नहीं होने पर नवविवाहिता ने कोर्ट में केस दायर किया था. इस केस में कोरबा के न्यायालय ने सुनवाई करते हुए आईएएस संदीप कुमार झा के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश पिछले दिनों पुलिस को दिया गया. इस मामले में वकील शिवनारायण सोनी ने कोर्ट में जिरह की थी. जिस पर कोरबा में कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को सिविल लाइन थाना रामपुर में आईएएस संदीप कुमार झा के खिलाफ धारा 377, 498 (क) के तहत केस दर्ज हुआ है.
कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया FIR : इस मामले में सिविल लाइन थाना, रामपुर के टीआई नितिन उपाध्याय ने बताया कि "कोर्ट के आदेश पर आईएएस अधिकारी के ऊपर केस दर्ज किया गया है. दहेज प्रताड़ना के मामलों में भी एफआईआर दर्ज की गई है. जिसकी जांच कर कोर्ट में रिपोर्ट पेश की जाएगी".
कब हुई थी शादी: तेलंगाना कैडर के आईएएस संदीप कुमार झा की शादी 2021 में कोरबा में रहने वाली युवती से हुई थी.ये शादी दरभंगा में हुई थी. नवविवाहिता का आरोप है कि शादी के कुछ दिनों के बाद ही उसके पति और ससुराल के लोग दहेज के लिए परेशान करने लगे. शिकायत में पति पर अप्राकृतिक सेक्स के लिए दबाव डालने का भी गंभीर आरोप लगाया गया है. नवविवाहिता के अनुसार शादी में एक करोड़ रुपए से अधिक पैसे खर्च हुए. भारी भरकम दहेज भी दिया गया है. जिसमें नकद और ऐशो आराम की चीजें शामिल हैं. लगातार प्रताड़ना सहने के बाद आखिरकार विवाहिता ने पुलिस में शिकायत की. कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट की शरण ली. जिसके बाद अब आईएएस पर एफआईआर दर्ज की गई है.आपको बता दें कि आईएएस अफसर संदीप कुमार झा तेलंगाना में तैनात हैं.
क्या है घरेलू हिंसा कानून :घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 से महिलाओं का संरक्षण एक नागरिक कानून है. जो घर में पुरुषों से महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करता है. इसमें यह भी प्रावधान है कि पीड़िता पति या पुरुष साथी के किसी रिश्तेदार के खिलाफ भी शिकायत दर्ज करा सकती है.धारा 498A IPC के तहत क्रूरता, धारा 294 IPC के तहत अश्लील भाषा, IPC की धारा 354 के तहत अपमानजनक शील, IPC की धारा 509 ऐसी महिला की शील का अपमान करना जैसे मामलों में केस दर्ज होता है.