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सीडीएस हेलीकॉप्टर हादसा : तकनीकी गड़बड़ी या साजिश से इनकार, खराब मौसम को माना गया मुख्य कारण

सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलिकाप्टर हादसे (CDS Bipin Rawat chopper crash) की जांच रिपोर्ट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंप दी गई है. बीते आठ दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलिकाप्टर क्रैश हुआ था. इस हादसे में रावत और 13 अन्य लोगों की मौत हो गई थी.

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Published : Jan 5, 2022, 1:32 PM IST

Updated : Jan 5, 2022, 10:07 PM IST

नई दिल्ली : तमिलनाडु में कुन्नूर के पास प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat death) को ले जाते समय वायु सेना के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त kannur chopper crash) होने के मामले में कोई तकनीकी गड़बड़ी या साजिश नहीं हुई थी. खराब मौसम के कारण कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन (सीएफआईटी) की स्थिति को घटना का मुख्य वजह माना गया है. घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. हादसे में रावत और 13 अन्य लोगों की मौत हो गई थी.

सीएफआईटी से आशय ऐसी परिस्थिति से है जब दुर्घटना के समय विमान पर नियंत्रण तो रहता है लेकिन खराब मौसम या पायलट त्रुटि के कारण कोई विमान जमीन, पानी या अन्य अवरोधक से टकरा जाता है.

दुर्घटना की त्रि-सेवा जांच का नेतृत्व करने वाले वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी और एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जांच के निष्कर्षों से अवगत कराया.

सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ताओं ने रूस में निर्मित दो इंजन वाले एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे किसी तकनीकी गड़बड़ी या साजिश की आशंका से भी इनकार किया है. यह हादसा उस वक्त हुआ था जब आठ दिसंबर को सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन के लिए हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहा था.

विशेषज्ञों के अनुसार, सीएफआईटी का मतलब ऐसी परिस्थिति से है जब खराब मौसम या पायलट त्रुटि के कारण किसी विमान को जमीन, पानी या अन्य इलाकों में उतारने का प्रयास किया जाता है. सीएफआईटी की घटना आम तौर पर खराब मौसम की स्थिति में या विमान के उतरते समय होती है.

भारतीय वायु सेना या रक्षा मंत्रालय द्वारा जांच रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है. आईएटीए (इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन) के अनुसार, सीएफआईटी उन दुर्घटनाओं को संदर्भित करता है, जब कोई विमान नियंत्रण गंवाने के संकेत के बिना घाटी, पानी या अन्य अवरोधकों के साथ टकराता है. इस प्रकार की दुर्घटनाओं में महत्वपूर्ण अंतर यह है कि विमान उड़ान चालक दल के नियंत्रण में होता है.

अमेरिका के संघीय उड्डयन प्रशासन ने सीएफआईटी को क्षेत्र (जमीन, पहाड़, जलाशय, या किसी अवरोध) के साथ अनजाने में टकराव के रूप में वर्णित किया है और ऐसी घटना तब होती है जब चालक का विमान पर पूरा नियंत्रण रहता है.

घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने कहा कि अचानक बादल छाने से सीएफआईटी की स्थिति बन सकती है. विमानन क्षेत्र के एक विशेषज्ञ ने कहा, 'कभी-कभी, दृश्यता व्यवधान होने पर पायलट पस्थितिजन्य चेतना खो सकता है.'

दुर्घटना से पहले स्थानीय लोगों ने जो वीडियो बनाए थे उससे पता चलता है कि हेलीकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ रहा था. हेलीकॉप्टर वेलिंगटन में अपनी निर्धारित लैंडिंग से लगभग आठ मिनट पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. सूत्रों ने कहा कि जांच दल ने संभावित मानवीय त्रुटि सहित दुर्घटना के लिए सभी संभावित परिदृश्यों की जांच की. यह भी पता लगाया गया कि क्या यह चालक दल द्वारा चूक का मामला था.

तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हुई इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले 14 लोगों में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शामिल थे.

पढ़ें : जनरल बिपिन रावत और मधुलिका की अस्थियां गंगा में विसर्जित, दोनों बेटियों ने किया तर्पण

जांच दल का नेतृत्व करने वाले एयर मार्शल सिंह वर्तमान में भारतीय वायुसेना के बेंगलुरु मुख्यालय वाले प्रशिक्षण कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्यरत हैं. हवाई क्षेत्र में दुर्घटना की जांच करने वालों में सिंह को देश में सर्वश्रेष्ठ जांचकर्ताओं में से एक माना जाता हैं. रक्षा सचिव अजय कुमार और मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी उस समय मौजूद थे जब भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने रक्षा मंत्री को जानकारी दी.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : तमिलनाडु में कुन्नूर के पास प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat death) को ले जाते समय वायु सेना के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त kannur chopper crash) होने के मामले में कोई तकनीकी गड़बड़ी या साजिश नहीं हुई थी. खराब मौसम के कारण कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन (सीएफआईटी) की स्थिति को घटना का मुख्य वजह माना गया है. घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. हादसे में रावत और 13 अन्य लोगों की मौत हो गई थी.

सीएफआईटी से आशय ऐसी परिस्थिति से है जब दुर्घटना के समय विमान पर नियंत्रण तो रहता है लेकिन खराब मौसम या पायलट त्रुटि के कारण कोई विमान जमीन, पानी या अन्य अवरोधक से टकरा जाता है.

दुर्घटना की त्रि-सेवा जांच का नेतृत्व करने वाले वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी और एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जांच के निष्कर्षों से अवगत कराया.

सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ताओं ने रूस में निर्मित दो इंजन वाले एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे किसी तकनीकी गड़बड़ी या साजिश की आशंका से भी इनकार किया है. यह हादसा उस वक्त हुआ था जब आठ दिसंबर को सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन के लिए हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहा था.

विशेषज्ञों के अनुसार, सीएफआईटी का मतलब ऐसी परिस्थिति से है जब खराब मौसम या पायलट त्रुटि के कारण किसी विमान को जमीन, पानी या अन्य इलाकों में उतारने का प्रयास किया जाता है. सीएफआईटी की घटना आम तौर पर खराब मौसम की स्थिति में या विमान के उतरते समय होती है.

भारतीय वायु सेना या रक्षा मंत्रालय द्वारा जांच रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है. आईएटीए (इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन) के अनुसार, सीएफआईटी उन दुर्घटनाओं को संदर्भित करता है, जब कोई विमान नियंत्रण गंवाने के संकेत के बिना घाटी, पानी या अन्य अवरोधकों के साथ टकराता है. इस प्रकार की दुर्घटनाओं में महत्वपूर्ण अंतर यह है कि विमान उड़ान चालक दल के नियंत्रण में होता है.

अमेरिका के संघीय उड्डयन प्रशासन ने सीएफआईटी को क्षेत्र (जमीन, पहाड़, जलाशय, या किसी अवरोध) के साथ अनजाने में टकराव के रूप में वर्णित किया है और ऐसी घटना तब होती है जब चालक का विमान पर पूरा नियंत्रण रहता है.

घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने कहा कि अचानक बादल छाने से सीएफआईटी की स्थिति बन सकती है. विमानन क्षेत्र के एक विशेषज्ञ ने कहा, 'कभी-कभी, दृश्यता व्यवधान होने पर पायलट पस्थितिजन्य चेतना खो सकता है.'

दुर्घटना से पहले स्थानीय लोगों ने जो वीडियो बनाए थे उससे पता चलता है कि हेलीकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ रहा था. हेलीकॉप्टर वेलिंगटन में अपनी निर्धारित लैंडिंग से लगभग आठ मिनट पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. सूत्रों ने कहा कि जांच दल ने संभावित मानवीय त्रुटि सहित दुर्घटना के लिए सभी संभावित परिदृश्यों की जांच की. यह भी पता लगाया गया कि क्या यह चालक दल द्वारा चूक का मामला था.

तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हुई इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले 14 लोगों में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शामिल थे.

पढ़ें : जनरल बिपिन रावत और मधुलिका की अस्थियां गंगा में विसर्जित, दोनों बेटियों ने किया तर्पण

जांच दल का नेतृत्व करने वाले एयर मार्शल सिंह वर्तमान में भारतीय वायुसेना के बेंगलुरु मुख्यालय वाले प्रशिक्षण कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्यरत हैं. हवाई क्षेत्र में दुर्घटना की जांच करने वालों में सिंह को देश में सर्वश्रेष्ठ जांचकर्ताओं में से एक माना जाता हैं. रक्षा सचिव अजय कुमार और मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी उस समय मौजूद थे जब भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने रक्षा मंत्री को जानकारी दी.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Jan 5, 2022, 10:07 PM IST
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