कोलकाता : पीएम मोदी के साथ हुई बैठक में देर से पहुंचने पर सफाई देते हुए ममता बनर्जी ने कहा, मुझे बुरा लगा, उन्होंने पीएमओ द्वारा प्रसारित एकतरफा सूचना को चलाकर मुझे अपमानित किया है. जब मैं काम कर रही थी तो वे ऐसा कर रहे थे. मैं बंगाल के कल्याण के लिए नरेंद्र मोदी के पैर छूने के लिए तैयार हूं, कृपया गंदी राजनीति न करें. यह राजनीतिक प्रतिशोध बंद करें.
ममता ने कहा, हमें प्रचंड जीत मिली है इसलिए आप ऐसा व्यवहार कर रहे हैं? आपने सब कुछ करने की कोशिश की और हार गए. हमारे साथ हर दिन झगड़ा क्यों कर रहे हैं?
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री तोते की तरह वह सारी फर्जी सूचनाएं बता रहे हैं जो उनके विभाग द्वारा दी जा रही हैं. उन्होंने प्रश्न किया, राज्य सरकार कोविड-19 और यास के इस दोहरे संकट से निपटने के लिए दिन-रात काम कर रही इस बीच यह सब करना क्या प्रधान मंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री का काम लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए है?
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को सेवा विस्तार दिए जाने को लेकर ममता बनर्जी ने कहा, मेरा और मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय का अपमान किया गया है. उन्होंने सवाल किया, वे इतने गुस्से में क्यों हैं? क्या यह गुस्सा सिर्फ मुख्य सचिव के बंगाली होने के कारण है? केंद्र राज्य सरकार को काम नहीं करने दे रहा है.
हमारा क्या कसूर था? पिछले दो वर्षों में संसदीय विपक्षी नेताओं की कोई आवश्यकता क्यों नहीं थी या गुजरात में विपक्षी नेताओं को (बैठकों में) क्यों नहीं बुलाया गया? मेरे (सीएम) शपथ लेने के बाद, राज्यपाल ने कानून और व्यवस्था के बारे में बात की और केंद्रीय टीमों को भेजा गया.
उन्होंने कहा, मेरा इस तरह अपमान मत करो, बंगाल को बदनाम मत करो. मेरे सीएस, एचएस और एफएस हर समय बैठकों में भाग ले रहे हैं, वे केंद्र के लिए काम कर रहे हैं, वे राज्य की नौकरी कब करेंगे. क्या आपको नहीं लगता कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है.
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बता दें पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास से हुए नुकसान का जाएजा लेने प्रधानमंत्री मोदी बंगाल पहुंचे थे. जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 30 मिनट की देरी से पहुंची थी. ममता बनर्जी ने राज्य में चक्रवाती तूफान 'यास' से हुए नुकसान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को एक रिपोर्ट सौंपी और सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की. उसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी मांग रखकर वहां से रवाना हो गईं.
केंद्र ने साथ ही अधिकारी को सोमवार को दिल्ली में रिपोर्ट करने का निर्देश भी दिया. पश्चिम बंगाल काडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे। हालांकि, केंद्र से मंजूरी के बाद उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया.
राज्य सरकार को भेजे एक पत्र में कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (काडर) नियम, 1954 के प्रावधानों के अनुसार बंदोपाध्याय की सेवाओं को भारत सरकार में शामिल करने को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी है.
इसमें राज्य सरकार को तत्काल प्रभाव से अधिकारी को कार्यमुक्त करने के लिए कहते हुए, बंदोपाध्याय को 31 मई को सुबह 10 बजे तक कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, नॉर्थ ब्लॉक, नयी दिल्ली को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.
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