हैदराबाद: हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस (Hyderabad Cyber Crime Police) ने देशभर में फैले लगभग 903 करोड़ रुपये के चीनी निवेश धोखाधड़ी (Chinese Investment fraud busted) का भंडाफोड़ किया है. साथ ही एक चीनी नागरिक और एक ताइवानी नागरिक समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हैदराबाद पुलिस ने लोक्सम नामक एक निवेश ऐप में 1.6 लाख रुपये का निवेश करने के बाद एक युवक द्वारा धोखाधड़ी की शिकायत की जांच के दौरान धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया. साइबर क्राइम पुलिस की जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता का पैसा इंडसइंड बैंक के खाते में जिंदाई टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जमा किया गया था. जांच में घोटाले का खुलासा हुआ.
हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने इस मामले का खुलासा करते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा विदेशी मुद्रा में सौदा करने के लिए लाइसेंस प्राप्त मनी चेंजर घोटाले में शामिल थे. हालांकि उन्हें विदेश यात्रा करने वालों को विदेशी मुद्रा देने का लाइसेंस दिया गया था, लेकिन उन्हें फेमा का उल्लंघन करते पाया गया. दिल्ली और मुंबई से हवाला घोटाला चलाने के आरोप में चीनी नागरिक लेक उर्फ ली झोंगजुन (Li Zhongjun) और ताइवान के नागरिक चू चुन-यू (Chu Chun-yu) को आठ अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया है.
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Telangana | The Hyderabad cyber crime police arrested 10 people, including two Chinese nationals, for their alleged involvement in a big investment fraud running into nearly Rs 903 crores spread across the country: Hyderabad police commissioner CV Anand pic.twitter.com/BrXhOPtKiV
— ANI (@ANI) October 12, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) October 12, 2022Telangana | The Hyderabad cyber crime police arrested 10 people, including two Chinese nationals, for their alleged involvement in a big investment fraud running into nearly Rs 903 crores spread across the country: Hyderabad police commissioner CV Anand pic.twitter.com/BrXhOPtKiV
— ANI (@ANI) October 12, 2022
गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में साहिल बजाज, सनी उर्फ पंकज, वीरेंद्र सिंह, संजय यादव, नवनीत कौशिक, मोहम्मद परवेज (हैदराबाद), सैयद सुल्तान (हैदराबाद) और मिर्जा नदीम बेग (हैदराबाद) हैं. पुलिस के मुताबिक, दिल्ली के रहने वाले कौशिक ने पिछले साल दो मनी एक्सचेंज-रंजन मनी कॉर्प प्राइवेट लिमिटेड और केडीएस फॉरेक्स प्राइवेट लिमिटेड के लिए आरबीआई लाइसेंस हासिल किया था. पुलिस जांच में पता चला कि रंजन मनी के खाते में सात महीने की अवधि में 441 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ. अन्य 462 करोड़ रुपये का लेनदेन केडीएस फॉरेक्स द्वारा किया गया.
पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने कहा कि जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि हवाला के जरिए 903 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है. पुलिस आयुक्त ने खुलासा किया कि इस मामले में अब तक विभिन्न बैंक खातों में 1.91 करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं. जब पुणे के वीरेंद्र सिंह को एक पीड़ित की शिकायत की जांच के तहत गिरफ्तार किया गया और पूछताछ की गई, तो उसने खुलासा किया कि उसने जैक (चीनी) के आदेश पर जिंदाई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक बैंक खाता खोला और जैक को बैंक खाते का इंटरनेट बैंकिंग उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड दिया.
जांच के दौरान यह पता चला कि बेटेनच नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड और जिंदाई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते में एक ही फोन नंबर है. दिल्ली के संजय कुमार ने लेक उर्फ ली झोंगजुन के निर्देश पर बेटेनच का खाता खोला और चीन में पेई और हुआन झुआन को दे दिया. इसी तरह उसने 15 अन्य बैंक खाते खोले और उन्हें ताइवान के चू चुन-यू को दे दिए, जो अस्थायी रूप से मुंबई में रह रहा है और मंगलवार को उसे मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया. वह अन्य देशों को खाता विवरण, यूजर आईडी, पासवर्ड और सिम कार्ड भेज रहा था.
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संजय यादव और वीरेंद्र राठौर को प्रति खाता 1.2 लाख रुपये का कमीशन मिलता था, जिसकी व्यवस्था लेक उर्फ ली झोंगजुन ने की थी. पुलिस ने पाया कि पैसा जिंदाई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के खाते से 38 अन्य बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया था. यह हैदराबाद के सुल्तान और बेग के बैंक खातों में भी किया गया. उन्होंने परवेज के निर्देशानुसार कमीशन के लिए बैंक चालू खाते खोले. परवेज ने बदले में उन बैंक खातों को दुबई में रहने वाले इमरान को दे दिया. इमरान ने अन्य लोगों के साथ इन दोनों बैंक खातों का इस्तेमाल निवेश धोखाधड़ी के लिए किया.
जिंदाई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के 38 खातों से बड़ी रकम रंजन मनी कॉर्प और केडीएस फॉरेक्स प्राइवेट लिमिटेड को गई. कौशिक बैंक खाते में मिले पैसे को अंतरराष्ट्रीय दौरों के नाम पर चलाए जा रहे फॉरेक्स एक्सचेंज में भेज रहा था. वह रुपये में प्राप्त धन को अमेरिकी डॉलर में नकद में परिवर्तित कर साहिल और सनी को दे रहा था. पुलिस ने कहा कि साहिल और सनी ने अन्य धोखेबाजों से हाथ मिलाया था और हवाला के जरिए विदेशों में पैसे ट्रांसफर किए थे. (इनपुट- एजेंसी)