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असम में एक बड़े मानव अंग तस्करी रैकेट का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार - एक बड़े मानव अंग तस्करी रैकेट का भंडाफोड़

असम में एक बड़े मानव अंग तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने ग्रामीणों को अपनी किडनी बेचने के लिए राजी किया था. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

मानव अंग तस्करी रैकेट का भंडाफोड़
मानव अंग तस्करी रैकेट का भंडाफोड़
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Published : Jul 15, 2021, 6:08 PM IST

गुवाहाटी: असम में एक बड़े मानव अंग तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने ग्रामीणों को अपनी किडनी बेचने के लिए राजी किया था. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. असम के धरमतुल गांव से जुड़े मामले में अभी तक कई ग्रामीण अंग तस्करों को अपनी किडनी बेच चुके हैं.

पुलिस के अनुसार ग्रामीणों की गरीबी का फायदा उठाते हुए अंग तस्कर ग्रामीणों को अंग बेचने के बदले में एक मोटी रकम देने का वादा कर गिरोह चलाते हैं. इसीक्रम में पुलिस ने मोरीगांव जिले के दक्षिण धरमतुल गांव में ग्राम प्रहरी के सहयोग से तीनों लोगों को पकड़ लिया. पकड़े गए लोगों में गुवाहाटी की महिला लिलिमाई बोरो के अलावा उसका बेटा और उसका साथी रमेन मेधी शामिल हैं.

हालांकि कोविड महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन की वजह से ग्रामीणों को आय के लिए संघर्ष करना पड़ा. फलस्वरूप पिछले एक साल में इस तरह की घटनाओं में इजाफा हुआ है. इसी का लाभ उठाते हुए कथित तौर पर बोरो के साथी रमेन मेधी ने दक्षिण धरमतुल के एक असहाय पिता को फुसलाया. क्योंकि उसे अपने बेटे के दिल की बीमारी के इलाज के लिए रुपयों की जरूरत थी. गिरोह ने उससे 5 लाख रुपये देने का वादा किया था लेकिन उसे एक किडनी के बदले में सिर्फ 1.5 रुपये ही दिया गया. उनके समझौते के अनुसार पैसे के साथ-साथ बेटे के इलाज के लिए भी रुपये का भुगतान किया जाना था, लेकिन गिरोह ने इसके लिए इनकार कर दिया. इसके बाद पीड़ित ने मामले का खुलासा कर दिया.

ये भी पढ़ें - हरियाणा में 100 किसानों पर देशद्रोह का मुकदमा, डिप्टी स्पीकर की कार पर किया था हमला

वहीं एक चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई है कि गांव के ही बीस से अधिक लोग इस गिरोह के चंगुल में फंसकर अपने अंग दे चुके हैं. वहीं अंगदान करने के लिए तैयारी कर रहे धरमतुल के पांच अन्य लोग घटना की जानकारी मिलते ही कोलकाता भाग गए.

इसी तरह एक अन्य मामले में मध्य असम के नागांव जिले के हुजगांव में एक ग्रामीण ने एक संपन्न परिवार के मरीज को अपनी किडनी बेचने की बात कबूली है. उसने कहा है कि एक इंजीनियर ने उससे जमीन और संपत्ति का वादा किया था, जिसे किडनी बदलने की जरूरत थी. वहीं डिब्रूगढ़ जिले में ऐसी ही एक और घटना सामने आई है.इसमें जिले के लाहोवाल स्थित चेंगेलिजान टी एस्टेट के रहने वाले रामू करमाकर ने कोलकाता में अपनी किडनी 3.50 लाख रुपये में बेच दी. बताया जाता है कि एक महिल के साथ-साथ दो पुरुषों ने भी अपनी किडनी बेच दी है.

गुवाहाटी: असम में एक बड़े मानव अंग तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने ग्रामीणों को अपनी किडनी बेचने के लिए राजी किया था. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. असम के धरमतुल गांव से जुड़े मामले में अभी तक कई ग्रामीण अंग तस्करों को अपनी किडनी बेच चुके हैं.

पुलिस के अनुसार ग्रामीणों की गरीबी का फायदा उठाते हुए अंग तस्कर ग्रामीणों को अंग बेचने के बदले में एक मोटी रकम देने का वादा कर गिरोह चलाते हैं. इसीक्रम में पुलिस ने मोरीगांव जिले के दक्षिण धरमतुल गांव में ग्राम प्रहरी के सहयोग से तीनों लोगों को पकड़ लिया. पकड़े गए लोगों में गुवाहाटी की महिला लिलिमाई बोरो के अलावा उसका बेटा और उसका साथी रमेन मेधी शामिल हैं.

हालांकि कोविड महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन की वजह से ग्रामीणों को आय के लिए संघर्ष करना पड़ा. फलस्वरूप पिछले एक साल में इस तरह की घटनाओं में इजाफा हुआ है. इसी का लाभ उठाते हुए कथित तौर पर बोरो के साथी रमेन मेधी ने दक्षिण धरमतुल के एक असहाय पिता को फुसलाया. क्योंकि उसे अपने बेटे के दिल की बीमारी के इलाज के लिए रुपयों की जरूरत थी. गिरोह ने उससे 5 लाख रुपये देने का वादा किया था लेकिन उसे एक किडनी के बदले में सिर्फ 1.5 रुपये ही दिया गया. उनके समझौते के अनुसार पैसे के साथ-साथ बेटे के इलाज के लिए भी रुपये का भुगतान किया जाना था, लेकिन गिरोह ने इसके लिए इनकार कर दिया. इसके बाद पीड़ित ने मामले का खुलासा कर दिया.

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वहीं एक चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई है कि गांव के ही बीस से अधिक लोग इस गिरोह के चंगुल में फंसकर अपने अंग दे चुके हैं. वहीं अंगदान करने के लिए तैयारी कर रहे धरमतुल के पांच अन्य लोग घटना की जानकारी मिलते ही कोलकाता भाग गए.

इसी तरह एक अन्य मामले में मध्य असम के नागांव जिले के हुजगांव में एक ग्रामीण ने एक संपन्न परिवार के मरीज को अपनी किडनी बेचने की बात कबूली है. उसने कहा है कि एक इंजीनियर ने उससे जमीन और संपत्ति का वादा किया था, जिसे किडनी बदलने की जरूरत थी. वहीं डिब्रूगढ़ जिले में ऐसी ही एक और घटना सामने आई है.इसमें जिले के लाहोवाल स्थित चेंगेलिजान टी एस्टेट के रहने वाले रामू करमाकर ने कोलकाता में अपनी किडनी 3.50 लाख रुपये में बेच दी. बताया जाता है कि एक महिल के साथ-साथ दो पुरुषों ने भी अपनी किडनी बेच दी है.

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