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विशेष : सीरिया में संघर्ष के 10 साल, खतरे में अगली पीढ़ियां - यूनिसेफ

10 साल तक चले सीरियाई संघर्ष के कारण सीरिया के लोगों को बहुत कुछ सहना पड़ा है. इससे सीरियाई लोगों का भविष्य खतरे में पड़ गया है. पढ़ें पूरी खबर...

सीरियाई संघर्ष
सीरियाई संघर्ष
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Published : Mar 11, 2021, 1:16 PM IST

Updated : Mar 11, 2021, 2:16 PM IST

हैदराबाद : सीरियाई संघर्ष के लगभग 10 साल होने पर यूनिसेफ ने कहा कि सीरिया में युद्ध ने आज की पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी को संघर्ष की ओर धकेल दिया है. कई बच्चों और परिवारों की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है. लगभग 90 प्रतिशत बच्चों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है.

यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने कहा, यह सिर्फ एक और गंभीर मील का पत्थर नहीं हो सकता है, क्योंकि सीरिया में बच्चों और परिवारों का संघर्ष जारी है. उन्होंने कहा, मानवीय आवश्यकताओं की प्रतीक्षा नहीं की जा सकती है.

इस 10 साल के संघर्ष का सीरिया में बच्चों और परिवारों पर गहरा असर पड़ा है :

  • सीरिया में पांच साल से कम उम्र के आधे से ज्यादा बच्चे कुपोषण के परिणामस्वरूप स्टंटिंग से पीड़ित हैं.
  • सीरिया में लगभग 2.45 मिलियन बच्चे और पड़ोसी देशों में अतिरिक्त 7,50,000 सीरियाई बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं. उनमें से 40 फीसदी लड़कियां हैं.
  • सत्यापित आंकड़ों के अनुसार, 2011 से 2020 के बीच लगभग 12,000 बच्चे मारे गए या घायल हुए.
  • 5,700 से अधिक बच्चे (लगभग सात साल की उम्र में) युद्ध के लिए भर्ती किए गए.
  • 1,300 से अधिक शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं और सहां काम करने वाले लोगों पर हमले हुए. हिंसा, सदमा और आघात का निरंतर प्रभाव बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा, जिससे 2020 में मनोसामाजिक संकट के लक्षणों वाले बच्चों की संख्या दोगुनी हो गई.
  • उत्तरी सीरिया में स्थिति विशेष रूप से खतरनाक है. उत्तर पश्चिम में, लाखों बच्चे विस्थापित हुए. कई परिवार सुरक्षा की तलाश में भागते रहते हैं. इसके अलावा मौसम (मूसलाधार बारिश और बर्फ) में हो रहे बदलावों से भी जूझते नजर आते हैं. कई तो जर्जर मकानों में भी रहने को मजबूर हैं.

हजारों सीरियाई बच्चे शिविरों और निरोध केंद्रों में रह रहे हैं. इसके अलावा, पड़ोसी देशों में शरणार्थी बच्चों की संख्या - जो वैश्विक रूप से सीरियाई शरणार्थियों की कुल संख्या का 83 प्रतिशत तक है - 2012 के बाद से दस गुना बढ़ गई है.

पिछले एक दशक में, यूनिसेफ ने सीरिया के संकट के जवाब में अपने अभियानों का विस्तार तत्काल मानवीय और दीर्घकालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए किया है.

2020 में कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बीच यूनिसेफ ने सीरिया और आसपास के देशों में रह रहे सीरियाई बच्चों और परिवारों को जीवन रक्षक मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखा.

इस दौरान यूनिसेफ ने :

  • लगभग 900,000 बच्चों को खसरा (मीज़ल्स) से लड़ने नियमित टीकाकरण प्राप्त करवाया
  • 4 लाख से अधिक बच्चों को मनोसामाजिक सहारा दिया गया
  • 3.7 मिलियन से अधिक बच्चों की औपचारिक और निरौपचारिक शिक्षा दी गई
  • 5.4 मिलियन से अधिक लोगों के पास जल आपूर्ति प्रणालियों में सुधार के माध्यम से स्वच्छ पानी पहुंचाया गया
  • 55 मिलियन से अधिक लोगों को कोविड-19 महामारी से संबंधित जानकारी दी गई

सीरिया के युद्ध के 10 साल पूरे होने पर, यूनिसेफ ने व्यापक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाने के लिए कहा है.

यूनिसेफ ने कहा :

  • यूनिसेफ जैसे मानवीय संगठनों को सीरिया के बच्चों को सहायता देने के लिए तत्काल सहायता और धन की आवश्यकता है. यूनिसेफ 2021 तक सीरिया और पड़ोसी देशों की मदद के लिए 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता के लिए अपील कर रहा है.
  • सशस्त्र समूहों से जुड़े बच्चे, विशेष रूप से उत्तर-पूर्व सीरिया के लोग, स्थानीय समुदायों में फिर से संगठित होने चाहिए. विदेशी नागरिकों के बच्चों को उनके मूल देशों में सुरक्षित रूप से वापस लाया जाना चाहिए.
  • संघर्ष कर रहे पक्षों को बच्चों और स्कूलों, अस्पताल और बुनियादी ढांचों पर हमला नहीं करना चाहिए.
  • हम सीमा पार सहायता पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के नवीनीकरण का आह्वान करते हैं, जिससे सीरिया की सीमाओं पर जीवन-रक्षक सहायता की उपलब्धता को जारी रखा जा सके.
  • इस युद्ध में कोई विजेता नहीं है लेकिन सबसे बड़ा नुकसान सीरिया के बच्चों को हुआ है. अब युद्ध खत्म कर बातचीत करने की जरुरत है.

सीरियाई बच्चों के लिए प्रमुख चुनौतियां :-

सीरिया
  • दो मिलियन बच्चे स्कूल नहीं जाते और 1.3 मिलियन बच्चों को स्कूल छुड़वाने का खतरा है.
  • 27% बच्चे मनोवैज्ञानिक तौर पर परेशान हैं. 2020 की तुलना में यह आंकड़ा लगभग दोगुना है.
  • 2020 में, संयुक्त राष्ट्र ने 2,292 बच्चों को प्रभावित करने वाले 2,638 उल्लंघन का सत्यापन किया. संयुक्त राष्ट्र ने सत्यापित किया कि 1,454 बच्चे मारे गए.
  • 2019 में, सीरियाई स्कूलों पर 157 हमले हुए थे. शिक्षा प्रणाली कुछ क्षेत्रों में सिखाए गए कई पाठ्यक्रम के साथ अतिव्यापक है.
जॉर्डन
  • 2020 में, जैतहरी कैंप में 24,000 आश्रयों में से 54% में छत से पानी का रिसाव होता है.
  • 2018 में, 0-5 साल के 16% सीरियाई बच्चों का जन्म प्रमाणपत्र नहीं है.
  • स्कूली उम्र के 36% शरणार्थी बच्चों को किसी भी औपचारिक या अनौपचारिक शिक्षा प्रणाली में नामांकित नहीं किया गया.
लेबनान
  • सीरियाई बच्चों में से 44% बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं. जो बच्चे पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं, उनके पास ऑनलाइन / दूरस्थ शिक्षा तक कोई पहुंच नहीं है या बहुत ही सीमित पहुंच है.
  • लेबनान के निजीकृत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में स्वास्थ्य सेवा जनसंख्या के बड़े अनुपात में महंगी और दुर्गम है.
  • 70% सीरियाई शरणार्थियों में कानूनी निवास का अभाव है. 29.31% परिवारों में कम से कम एक सदस्य के पास कानूनी निवास है. 69% परिवारों में कोई भी सदस्य के पास कानूनी निवास नहीं है.
तुर्की
  • तुर्की में 3.7 मिलियन से अधिक सीरियाई शरणार्थी हैं, जिनमें से 46% बच्चे हैं. 2019 में अनुमान लगाया गया था कि तुर्की में 60,000 सीरियाई शरणार्थी अपंजीकृत थे.
  • 35% बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं. कोविड-19 से पहले, तुर्की में 1 मिलियन से अधिक स्कूली आयु वर्ग के सीरियाई शरणार्थी बच्चों में से 6,84,000 स्कूल में पढ़ते थे. 4,00,000 से अधिक बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं.
मिस्र
  • सीरिया के 2% शरणार्थी बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं.
  • कोविड-19 के कारण, कई सीरियाई शरणार्थियों ने अपनी आय का स्रोत खो दिया है और बुनियादी जरुरतों को पूरा नहीं कर सकते हैं.
इराक
  • 68,800 स्कूली उम्र के सीरियाई बच्चे इराक में रहते हैं. कोविड-19 से पहले, एक समान शिक्षा प्रणाली में शिविर और शहरी क्षेत्रों में कम नामांकन एक स्थायी चिंता थी. शिविरों के भीतर, प्राथमिक विद्यालय का नामांकन केवल 51% रहा.
  • जब से कोविड-19 शुरू हुआ, 60% सीरियाई शरणार्थी परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पतालों की आवश्यकता पड़ी.
  • इराक में 19% सीरियाई शरणार्थी गरीबी में रहते हैं और 19.2% सीरियाई शरणार्थियों के पास अपर्याप्त भोजन है.
यूरोप
  • शरणार्थी बच्चों को मानवाधिकार कानून के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा होती है, लेकिन स्कूलों में सीमित स्थानों और भाषा समर्थन की कमी के चलते कई बच्चों के लिए बाधाएं अभी भी बनी हुई हैं.
  • 2013 के बाद से, सीरिया शरण चाहने वालों की नागरिकता का मुख्य देश बना हुआ है और बाल शरण चाहने वालों में सबसे आम देश है. वर्तमान में यूरोप में 21% बाल शरण चाहने वालों का प्रतिनिधित्व करता है.
  • जब बच्चे यूरोप में शरण प्रणाली का प्रबंधन करते हैं, तब भी बहुत कम लोगों को शरणार्थी का दर्जा दिया जाता है और बच्चों के लिए पारिवारिक पुनर्मिलन तेजी से चुनौतीपूर्ण बन जाता है.

भविष्य के अवसर

जब बच्चों से पूछा गया कि वे भविष्य को लिस तरह देखते हैं तो सीरिया में रहने वाले बच्चे अपने भविष्य को लेकर कुछ नहीं सोचते. उनका कहना कि वे नहीं जानते की उनका भविष्य कैसा होगा. उन्हें नहीं पता कि भविष्य उनके लिए क्या मायने रखता है.

आंतरिक रूप से विस्थापित बच्चों में से केवल 42% हां थे वहीं रहना पसंद करते, 38% लोग लौटने की इच्छा रखते हैं और 21% लोग दूसरी जगह जाने की उम्मीद कर रहे हैं.

अब से 2 साल में सीरियाई शरणार्थी बच्चों के लिए निवास का पसंदीदा स्थानजहां हैं वहीं रहना चाहते हैं सीरिया वापसीकिसी दूसरे देश में स्थानांतरित होना
लेबनान47.00%29.00%24.00%
तुर्की88.00%3.00%9.00%
जॉर्डन52.00%9.00%39.00%
नीदरलैंड80.00%9.00%10.00%
कुल63.00%14.00%23.00%

हैदराबाद : सीरियाई संघर्ष के लगभग 10 साल होने पर यूनिसेफ ने कहा कि सीरिया में युद्ध ने आज की पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी को संघर्ष की ओर धकेल दिया है. कई बच्चों और परिवारों की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है. लगभग 90 प्रतिशत बच्चों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है.

यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने कहा, यह सिर्फ एक और गंभीर मील का पत्थर नहीं हो सकता है, क्योंकि सीरिया में बच्चों और परिवारों का संघर्ष जारी है. उन्होंने कहा, मानवीय आवश्यकताओं की प्रतीक्षा नहीं की जा सकती है.

इस 10 साल के संघर्ष का सीरिया में बच्चों और परिवारों पर गहरा असर पड़ा है :

  • सीरिया में पांच साल से कम उम्र के आधे से ज्यादा बच्चे कुपोषण के परिणामस्वरूप स्टंटिंग से पीड़ित हैं.
  • सीरिया में लगभग 2.45 मिलियन बच्चे और पड़ोसी देशों में अतिरिक्त 7,50,000 सीरियाई बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं. उनमें से 40 फीसदी लड़कियां हैं.
  • सत्यापित आंकड़ों के अनुसार, 2011 से 2020 के बीच लगभग 12,000 बच्चे मारे गए या घायल हुए.
  • 5,700 से अधिक बच्चे (लगभग सात साल की उम्र में) युद्ध के लिए भर्ती किए गए.
  • 1,300 से अधिक शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं और सहां काम करने वाले लोगों पर हमले हुए. हिंसा, सदमा और आघात का निरंतर प्रभाव बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा, जिससे 2020 में मनोसामाजिक संकट के लक्षणों वाले बच्चों की संख्या दोगुनी हो गई.
  • उत्तरी सीरिया में स्थिति विशेष रूप से खतरनाक है. उत्तर पश्चिम में, लाखों बच्चे विस्थापित हुए. कई परिवार सुरक्षा की तलाश में भागते रहते हैं. इसके अलावा मौसम (मूसलाधार बारिश और बर्फ) में हो रहे बदलावों से भी जूझते नजर आते हैं. कई तो जर्जर मकानों में भी रहने को मजबूर हैं.

हजारों सीरियाई बच्चे शिविरों और निरोध केंद्रों में रह रहे हैं. इसके अलावा, पड़ोसी देशों में शरणार्थी बच्चों की संख्या - जो वैश्विक रूप से सीरियाई शरणार्थियों की कुल संख्या का 83 प्रतिशत तक है - 2012 के बाद से दस गुना बढ़ गई है.

पिछले एक दशक में, यूनिसेफ ने सीरिया के संकट के जवाब में अपने अभियानों का विस्तार तत्काल मानवीय और दीर्घकालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए किया है.

2020 में कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बीच यूनिसेफ ने सीरिया और आसपास के देशों में रह रहे सीरियाई बच्चों और परिवारों को जीवन रक्षक मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखा.

इस दौरान यूनिसेफ ने :

  • लगभग 900,000 बच्चों को खसरा (मीज़ल्स) से लड़ने नियमित टीकाकरण प्राप्त करवाया
  • 4 लाख से अधिक बच्चों को मनोसामाजिक सहारा दिया गया
  • 3.7 मिलियन से अधिक बच्चों की औपचारिक और निरौपचारिक शिक्षा दी गई
  • 5.4 मिलियन से अधिक लोगों के पास जल आपूर्ति प्रणालियों में सुधार के माध्यम से स्वच्छ पानी पहुंचाया गया
  • 55 मिलियन से अधिक लोगों को कोविड-19 महामारी से संबंधित जानकारी दी गई

सीरिया के युद्ध के 10 साल पूरे होने पर, यूनिसेफ ने व्यापक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाने के लिए कहा है.

यूनिसेफ ने कहा :

  • यूनिसेफ जैसे मानवीय संगठनों को सीरिया के बच्चों को सहायता देने के लिए तत्काल सहायता और धन की आवश्यकता है. यूनिसेफ 2021 तक सीरिया और पड़ोसी देशों की मदद के लिए 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता के लिए अपील कर रहा है.
  • सशस्त्र समूहों से जुड़े बच्चे, विशेष रूप से उत्तर-पूर्व सीरिया के लोग, स्थानीय समुदायों में फिर से संगठित होने चाहिए. विदेशी नागरिकों के बच्चों को उनके मूल देशों में सुरक्षित रूप से वापस लाया जाना चाहिए.
  • संघर्ष कर रहे पक्षों को बच्चों और स्कूलों, अस्पताल और बुनियादी ढांचों पर हमला नहीं करना चाहिए.
  • हम सीमा पार सहायता पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के नवीनीकरण का आह्वान करते हैं, जिससे सीरिया की सीमाओं पर जीवन-रक्षक सहायता की उपलब्धता को जारी रखा जा सके.
  • इस युद्ध में कोई विजेता नहीं है लेकिन सबसे बड़ा नुकसान सीरिया के बच्चों को हुआ है. अब युद्ध खत्म कर बातचीत करने की जरुरत है.

सीरियाई बच्चों के लिए प्रमुख चुनौतियां :-

सीरिया
  • दो मिलियन बच्चे स्कूल नहीं जाते और 1.3 मिलियन बच्चों को स्कूल छुड़वाने का खतरा है.
  • 27% बच्चे मनोवैज्ञानिक तौर पर परेशान हैं. 2020 की तुलना में यह आंकड़ा लगभग दोगुना है.
  • 2020 में, संयुक्त राष्ट्र ने 2,292 बच्चों को प्रभावित करने वाले 2,638 उल्लंघन का सत्यापन किया. संयुक्त राष्ट्र ने सत्यापित किया कि 1,454 बच्चे मारे गए.
  • 2019 में, सीरियाई स्कूलों पर 157 हमले हुए थे. शिक्षा प्रणाली कुछ क्षेत्रों में सिखाए गए कई पाठ्यक्रम के साथ अतिव्यापक है.
जॉर्डन
  • 2020 में, जैतहरी कैंप में 24,000 आश्रयों में से 54% में छत से पानी का रिसाव होता है.
  • 2018 में, 0-5 साल के 16% सीरियाई बच्चों का जन्म प्रमाणपत्र नहीं है.
  • स्कूली उम्र के 36% शरणार्थी बच्चों को किसी भी औपचारिक या अनौपचारिक शिक्षा प्रणाली में नामांकित नहीं किया गया.
लेबनान
  • सीरियाई बच्चों में से 44% बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं. जो बच्चे पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं, उनके पास ऑनलाइन / दूरस्थ शिक्षा तक कोई पहुंच नहीं है या बहुत ही सीमित पहुंच है.
  • लेबनान के निजीकृत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में स्वास्थ्य सेवा जनसंख्या के बड़े अनुपात में महंगी और दुर्गम है.
  • 70% सीरियाई शरणार्थियों में कानूनी निवास का अभाव है. 29.31% परिवारों में कम से कम एक सदस्य के पास कानूनी निवास है. 69% परिवारों में कोई भी सदस्य के पास कानूनी निवास नहीं है.
तुर्की
  • तुर्की में 3.7 मिलियन से अधिक सीरियाई शरणार्थी हैं, जिनमें से 46% बच्चे हैं. 2019 में अनुमान लगाया गया था कि तुर्की में 60,000 सीरियाई शरणार्थी अपंजीकृत थे.
  • 35% बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं. कोविड-19 से पहले, तुर्की में 1 मिलियन से अधिक स्कूली आयु वर्ग के सीरियाई शरणार्थी बच्चों में से 6,84,000 स्कूल में पढ़ते थे. 4,00,000 से अधिक बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं.
मिस्र
  • सीरिया के 2% शरणार्थी बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं.
  • कोविड-19 के कारण, कई सीरियाई शरणार्थियों ने अपनी आय का स्रोत खो दिया है और बुनियादी जरुरतों को पूरा नहीं कर सकते हैं.
इराक
  • 68,800 स्कूली उम्र के सीरियाई बच्चे इराक में रहते हैं. कोविड-19 से पहले, एक समान शिक्षा प्रणाली में शिविर और शहरी क्षेत्रों में कम नामांकन एक स्थायी चिंता थी. शिविरों के भीतर, प्राथमिक विद्यालय का नामांकन केवल 51% रहा.
  • जब से कोविड-19 शुरू हुआ, 60% सीरियाई शरणार्थी परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पतालों की आवश्यकता पड़ी.
  • इराक में 19% सीरियाई शरणार्थी गरीबी में रहते हैं और 19.2% सीरियाई शरणार्थियों के पास अपर्याप्त भोजन है.
यूरोप
  • शरणार्थी बच्चों को मानवाधिकार कानून के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा होती है, लेकिन स्कूलों में सीमित स्थानों और भाषा समर्थन की कमी के चलते कई बच्चों के लिए बाधाएं अभी भी बनी हुई हैं.
  • 2013 के बाद से, सीरिया शरण चाहने वालों की नागरिकता का मुख्य देश बना हुआ है और बाल शरण चाहने वालों में सबसे आम देश है. वर्तमान में यूरोप में 21% बाल शरण चाहने वालों का प्रतिनिधित्व करता है.
  • जब बच्चे यूरोप में शरण प्रणाली का प्रबंधन करते हैं, तब भी बहुत कम लोगों को शरणार्थी का दर्जा दिया जाता है और बच्चों के लिए पारिवारिक पुनर्मिलन तेजी से चुनौतीपूर्ण बन जाता है.

भविष्य के अवसर

जब बच्चों से पूछा गया कि वे भविष्य को लिस तरह देखते हैं तो सीरिया में रहने वाले बच्चे अपने भविष्य को लेकर कुछ नहीं सोचते. उनका कहना कि वे नहीं जानते की उनका भविष्य कैसा होगा. उन्हें नहीं पता कि भविष्य उनके लिए क्या मायने रखता है.

आंतरिक रूप से विस्थापित बच्चों में से केवल 42% हां थे वहीं रहना पसंद करते, 38% लोग लौटने की इच्छा रखते हैं और 21% लोग दूसरी जगह जाने की उम्मीद कर रहे हैं.

अब से 2 साल में सीरियाई शरणार्थी बच्चों के लिए निवास का पसंदीदा स्थानजहां हैं वहीं रहना चाहते हैं सीरिया वापसीकिसी दूसरे देश में स्थानांतरित होना
लेबनान47.00%29.00%24.00%
तुर्की88.00%3.00%9.00%
जॉर्डन52.00%9.00%39.00%
नीदरलैंड80.00%9.00%10.00%
कुल63.00%14.00%23.00%
Last Updated : Mar 11, 2021, 2:16 PM IST
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