श्रीनगर : पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि उच्चतम न्यायालय न केवल संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के केंद्र के फैसले पर रोक लगाएगा बल्कि पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त किये जाने के बाद वहां लागू किये गये सभी कानूनों को भी पलट देगा. जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, 'एक राज्य के कानूनी और संवैधानिक विशेष दर्जे को छीनकर उसे दो हिस्सों में बांट दिया गया और अधिकारविहीन बना दिया गया. फिर भी उच्चतम न्यायालय को मामले को सूचीबद्ध करने में तीन साल लग गये.'
उन्होंने कहा, 'उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय न केवल अनुच्छेद 370 को समाप्त किये जाने पर स्थगन आदेश देगा बल्कि यहां लागू किये गये सभी अवैध कानूनों को वापस लेगा.' उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त किये जाने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले के खिलाफ दायर अनेक याचिकाओं को ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई. उसी पृष्ठभूमि में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा की प्रतिक्रिया आई है. केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त कर दिया था.
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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को बजभरा के कनिलवां इलाके का दौरा किया. यात्रा के दौरान उनके साथ पार्टी के कई महत्वपूर्ण कार्यकर्ता भी थे. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह विडंबना है कि जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को असंवैधानिक और अवैध तरीके से समाप्त कर दिया गया. वहीं, जम्मू-कश्मीर को टुकड़ों में विभाजित किया गया. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि देश धर्मनिरपेक्षता पर आधारित है और आज केंद्र सरकार इन चीजों को एक तरफ रखकर मुसलमानों के घर तोड़ रही है. केंद्र सरकार यहां के युवाओं से नौकरियां छीन रही है.
(पीटीआई-भाषा)