नई दिल्ली : इस तथ्य से अवगत होने के कारण कि नक्सल संबंधी हिंसा बेरोकटोक जारी है, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को नई दिल्ली में सभी नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे.
सरकार के सूत्रों ने कहा कि बैठक वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के खतरे से लड़ने के लिए नई रणनीतियों का पता लगाएगी. सूत्रों ने कहा कि बैठक में सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई कार्य योजना भी तैयार की जाएगी ताकि नक्सल विरोधी अभियानों को और मजबूती मिले. बैठक में सभी नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा आईबी के निदेशक, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के महानिदेशक, राज्य खुफिया ब्यूरो के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.
बैठक में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में कई विकास योजनाओं की भी समीक्षा की जाएगी. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और केरल वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्य हैं. सूत्रों ने बताया कि बैठक में वामपंथी उग्रवाद द्वारा किए गए अपहरण को रोकने की कार्ययोजना की भी समीक्षा की जाएगी.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2019 में अपहरण के नौ मामले सामने आए, जिनमें चार बिहार में और पांच झारखंड में शामिल हैं. इसी तरह झारखंड से चार और बिहार व छत्तीसगढ़ से एक-एक सहित छह ऐसे मामले सामने आए. जबकि 2020 में अपहरण के दो मामले झारखंड से सामने आए हैं. आंकड़ों में आगे कहा गया है कि विभिन्न राज्यों से वामपंथी उग्रवाद द्वारा किए गए आर्थिक लक्ष्यों पर हमलों की भी सूचना मिली थी.
2019 में ऐसी 64 घटनाएं 2020 में 47 घटनाएं और आर्थिक संपत्तियों को निशाना बनाने वाली 24 घटनाएं वामपंथी उग्रवाद द्वारा 2021 में जून तक की गईं. नक्सलियों ने मोबाइल टावरों, खनन बुनियादी ढांचे, रेलवे संपत्तियों, सरकारी भवनों, स्कूलों, सड़कों और पुलों पर हमला किया.
यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि केंद्र ने 2015 में राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना तैयार की है जिसमें सुरक्षा उपायों, विकास पहलों और स्थानीय समुदायों के अधिकारों और अधिकारों को सुनिश्चित करने वाले बहुआयामी दृष्टिकोण शामिल हैं. वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में लोगों के वित्तीय समावेशन के लिए 1236 बैंक शाखाओं, 1077 एटीएम और 14230 बैंकिंग संवाददाताओं को संस्थागत रूप दिया गया है.
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गौरतलब है कि विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत सर्वाधिक प्रभावित जिलों में विकास को और गति देने के लिए वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों को 2598.24 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.