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सीएपीएफ कर्मियों के लिए एयर कूरियर सेवाएं निलंबित नहीं : एमएचए

गृह मंत्रालय (home ministry) ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (Central Armed Police Forces) के जवानों के परिवहन के लिए जरूरी एयर कूरियर सेवा निलंबित नहीं की गई है, यह सेवा एक माह तक प्रभावी रहेगी. गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

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Published : Apr 9, 2022, 6:21 PM IST

नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने आतंक से प्रभावित जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों को मुफ्त में परिवहन के लिए एयर कूरियर सेवा के लिए 19,47,95,926 रुपये मंजूर किए हैं (sanctioned Rs 19 crore for a month). गृह मंत्रालय (एमएचए) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के जवानों के लिए एयर कूरियर सेवाओं को निलंबित नहीं किया गया है. सेवाएं जुलाई 2010 से चालू हैं. आदेश के मुताबिक सेवा एक महीने और जारी रहेगी.

गृह मंत्रालय ने कहा, 'एयर इंडिया के निजीकरण के परिणामस्वरूप सीमा सुरक्षा बल द्वारा निविदाओं को अंतिम रूप देने में थोड़ी देरी हुई. गृह मंत्रालय ने एअर इंडिया द्वारा सेवाओं को जारी रखने के लिए पहले ही मंजूरी दे दी है और 2022-23 के लिए निविदा को भी अंतिम रूप दिया गया है.' उन्होंने कहा, 'हवाई यात्रा के लिए बकाया राशि का भुगतान भी नियमों के अनुसार किया जाएगा.'

'ईटीवी भारत' के पास उपलब्ध आधिकारिक जानकारी के मुताबिक एयर कूरियर सेवा के लिए 19,47,95,926 रुपये मंजूर किए गए हैं. आधिकारिक संचार में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए गृह मंत्रालय के अनुदान संख्या 50 के तहत प्रमुख मद से खर्च को पूरा किया जाएगा. 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद शुरू हुई एयर कूरियर सेवा की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो गई थी. सेवा को फिर से शुरू करने में गृह मंत्रालय की ओर से ढिलाई ने पूर्व अर्धसैनिक बलों के शहीद कल्याण संघ के परिसंघ ने तत्काल मंजूरी की मांग की थी. संघ के महासचिव रणबीर सिंह ने कहा कि 1 अप्रैल से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के कर्मियों के लिए मुफ्त एयर कूरियर सेवा जिसे पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर के लिए रोक दिया गया था अब फिर से गृह मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है.

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता का हवाला देते हुए सिंह ने कहा कि एयर इंडिया के निजीकरण के परिणामस्वरूप सीमा सुरक्षा बल द्वारा निविदा को अंतिम रूप देने में थोड़ी देरी हुई. सिंह ने कहा, 'सेवा के लिए नोडल एजेंसी बीएसएफ ने सूचित किया था कि एअर इंडिया को टाटा को हस्तांतरित करने में यह देरी हुई है.' सिंह ने कहा कि सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा और सुरक्षा कर्मियों से जुड़े मामलों में इतनी धीमी पहल नहीं करनी चाहिए.

सिंह ने कहा, 'सैनिकों के काफिले के साथ कोई भी दुर्घटना हो सकती है. पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को मुफ्त हवाई सेवा देने का फैसला किया गया था.' गौरतलब है कि ईटीवी भारत ने 5 अप्रैल को इस संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की थी.

पढ़ें- जम्मू कश्मीर व पूर्वोत्तर में CAPF कर्मियों के लिए बंद की गई एयर कूरियर सेवा

यह भी पढ़ें- आतंक प्रभावित जम्मू कश्मीर में CAPF जवानों के रहने की स्थिति की हो समीक्षा: संसदीय समिति

नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने आतंक से प्रभावित जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों को मुफ्त में परिवहन के लिए एयर कूरियर सेवा के लिए 19,47,95,926 रुपये मंजूर किए हैं (sanctioned Rs 19 crore for a month). गृह मंत्रालय (एमएचए) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के जवानों के लिए एयर कूरियर सेवाओं को निलंबित नहीं किया गया है. सेवाएं जुलाई 2010 से चालू हैं. आदेश के मुताबिक सेवा एक महीने और जारी रहेगी.

गृह मंत्रालय ने कहा, 'एयर इंडिया के निजीकरण के परिणामस्वरूप सीमा सुरक्षा बल द्वारा निविदाओं को अंतिम रूप देने में थोड़ी देरी हुई. गृह मंत्रालय ने एअर इंडिया द्वारा सेवाओं को जारी रखने के लिए पहले ही मंजूरी दे दी है और 2022-23 के लिए निविदा को भी अंतिम रूप दिया गया है.' उन्होंने कहा, 'हवाई यात्रा के लिए बकाया राशि का भुगतान भी नियमों के अनुसार किया जाएगा.'

'ईटीवी भारत' के पास उपलब्ध आधिकारिक जानकारी के मुताबिक एयर कूरियर सेवा के लिए 19,47,95,926 रुपये मंजूर किए गए हैं. आधिकारिक संचार में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए गृह मंत्रालय के अनुदान संख्या 50 के तहत प्रमुख मद से खर्च को पूरा किया जाएगा. 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद शुरू हुई एयर कूरियर सेवा की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो गई थी. सेवा को फिर से शुरू करने में गृह मंत्रालय की ओर से ढिलाई ने पूर्व अर्धसैनिक बलों के शहीद कल्याण संघ के परिसंघ ने तत्काल मंजूरी की मांग की थी. संघ के महासचिव रणबीर सिंह ने कहा कि 1 अप्रैल से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के कर्मियों के लिए मुफ्त एयर कूरियर सेवा जिसे पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर के लिए रोक दिया गया था अब फिर से गृह मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है.

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता का हवाला देते हुए सिंह ने कहा कि एयर इंडिया के निजीकरण के परिणामस्वरूप सीमा सुरक्षा बल द्वारा निविदा को अंतिम रूप देने में थोड़ी देरी हुई. सिंह ने कहा, 'सेवा के लिए नोडल एजेंसी बीएसएफ ने सूचित किया था कि एअर इंडिया को टाटा को हस्तांतरित करने में यह देरी हुई है.' सिंह ने कहा कि सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा और सुरक्षा कर्मियों से जुड़े मामलों में इतनी धीमी पहल नहीं करनी चाहिए.

सिंह ने कहा, 'सैनिकों के काफिले के साथ कोई भी दुर्घटना हो सकती है. पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को मुफ्त हवाई सेवा देने का फैसला किया गया था.' गौरतलब है कि ईटीवी भारत ने 5 अप्रैल को इस संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की थी.

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