नयी दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि आंध्र प्रदेश में विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत 18 गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ शिकायतें (Centre has initiated action against 18 NGO) मिली हैं कि वे 2018 से लोगों को प्रलोभन देकर ईसाई के तौर पर धर्मांतरण कराने में कथित तौर पर शामिल हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Minister of State for Home Nityanand Rai) ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
उन्होंने यह भी कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर ऐसे एनजीओ के एफसीआरए प्रमाणपत्र को निलंबित भी किया जा सकता है. सरकार ने बताया कि ईसाई धर्मांतरण (Christian conversion) में शामिल 18 गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. उन पर विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम, 1967 के नियमों (Foreign Contribution Regulations Act, 1967 Rules) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था.
गैर सरकारी संगठनों का विवरण देते हुए, राय ने कहा कि मेट्रोपॉलिटन मिशन, स्वंतना सेवा समिति, ओइकोनोमास मंत्रालयों, बिक्कावोलू धर्मार्थ, हेराल्ड ऑफ गुड न्यूज सोसाइटी, इंडिया रूरल इवेंजेलिकल फेलोशिप, लिविंग सैक्रिफाइस मिनिस्ट्रीज, लाइफ गिवर्स, सेल्सियन आंध्र सोसाइटी, डायोसीज, नेल्लोर सोसाइटी, लाइव एंड केयर मिनिस्ट्रीज, इंडियन क्रिश्चियन मिनिस्ट्रीज, एएमजी इंडिया इंटरनेशनल, शालोम ट्रस्ट फॉर रिलीफ, एजुकेशन एंड मिशन, गुड शेफर्ड कॉन्वेंट, सामंथा कम्युनिटी डेवलपमेंट एंड वेलफेयर सोसाइटी, हार्वेस्ट इंडिया और सिलोम ब्लाइंड सेंटर के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई है.
नित्यानंद राय (Minister of State for Home Nityanand Rai) ने बताया कि एफसीआरए, 2010 ने एफसीआरए प्रावधानों के उल्लंघन से निपटने के लिए एक कानूनी तंत्र प्रदान किया. इस तरह के तंत्र में ऐसे गैर सरकारी संगठनों के खातों की लेखापरीक्षा, उनके खातों और अभिलेखों का निरीक्षण और उनकी क्षेत्रीय गतिविधियों का सत्यापन शामिल है.
मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर ऐसे गैर सरकारी संगठनों के एफसीआरए प्रमाणपत्र को निलंबित किया जा सकता है. इस तरह के उल्लंघन से प्रमाणपत्र रद्द भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में जहां एफसीआरए, 2010 का उल्लंघन है, मामले की जांच एफसीआरए, 2010 की धारा 43 के तहत की जा सकती है.
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