नई दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह सीमा सुरक्षा बल(BSF) के 18वें अलंकरण समारोह में हिस्सा लिया. समारोह में गृह सचिव अजय भल्ला और खुफिया एजेंसी के निदेशक अरविंद कुमार भी मौजूद रहे.
इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने बीएसएफ जवानों को सम्मानित किया. उन्होंने बीएसएफ जवानों को उनकी असाधारण बहादुरी के लिए पदक भी प्रदान किए.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, मैं उन लोगों को सलाम करता हूं जिन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया है क्योंकि पूरा देश जानता है कि आप सजग बनकर देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं, इसी कारण आज देश लोकतंत्र के अपनाए हुए विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है, उन बलिदानियों को कभी भुलाया नहीं जा सकता. सीमा सुरक्षा के काम में लगे BSF और सभी पैरामिलिट्री फोर्स के कारण आज भारत विश्व के नक्शे पर अपना गौरवमय स्थान दर्ज करा रहा है.
उन्होंने कहा, तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में मानवाधिकारों का हनन हो रहा था. महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा था. बीएसएफ के जवानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अब बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र है. रुस्तमजी (बीएसएफ के संस्थापक खुसरो फरामुर्ज़ रुस्तमजी) ने ऑपरेशन का निरीक्षण किया था.
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हमें 7,516 किमी की तटीय सीमा और 15,000 किमी से अधिक जमीनी सीमा पर आगे बढ़ना था. लंबे समय तक कुछ प्राथमिकताओं के कारण सीमा सुरक्षा पर कोई चर्चा नहीं हुई. जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी तो इस मुद्दे को आगे बढ़ाया गया.
अमित शाह ने कहा, सीमा सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा है. हमारे सामने कई चुनौतियां हैं. मुझे अपने अर्धसैनिक बलों पर पूरा भरोसा है. पीएम मोदी के तहत, हमारी एक स्वतंत्र रक्षा नीति है, जिसने उसी भाषा में प्रतिक्रिया की हमारी संप्रभुता को चुनौती देने वालों को चेतावनी दी है.