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बलात्कार, यौन अपराधों की जल्द जांच और कड़ी सजा की जरूरत : अमित शाह

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ( Union Home Minister Amit Shah) ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और यौन अपराधों की जल्द करने के साथ ही कड़ी सजा दिए जाने पर जोर दिया. उन्होंने उक्त बातें दीव में पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहीं.

25th meeting of the Western Zonal Counci
पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक
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Published : Jun 11, 2022, 10:06 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ( Union Home Minister Amit Shah) ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और यौन अपराधों की जल्द से जल्द जांच और इन मामलों में समयबद्ध तरीके से कड़ी सजा की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य के पुलिस मुख्यालय में ऐसे सभी मामलों की जांच की निगरानी के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी, संभव हो तो महिला अधिकारी, को जिम्मेदारी सौंपी जाए.

उक्त बातें शाह ने दीव में पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहीं. बैठक में गोवा, गुजरात के मुख्यमंत्री और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के प्रशासक, केंद्रीय गृह सचिव, मौसम क्षेत्र में सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव, अंतर राज्य परिषद सचिवालय सचिव सहित अन्य लोग उपस्थित थे. केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने देश के सर्वांगीण विकास को प्राप्त करने के लिए 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत स्थापित क्षेत्रीय परिषदों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद का लाभ उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न का उल्लेख किया.

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिषदें एक या एक से अधिक राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों या केंद्र और राज्यों के बीच के मुद्दों पर संरचित तरीके से चर्चा करने के लिए मंच प्रदान करती हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में, देश कोविड -19 महामारी से सफलतापूर्वक लड़ा और साथ ही प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता व राज्यों के सक्रिय भागीदारीसे देश में व्यापक कोविड टीकाकरण सुनिश्चित हो रहा है.

बैठक में कुल 36 मुद्दों पर चर्चा की गई. इनमें से छह विषयों को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण विषयों के रूप में चिन्हित किया गया है और इन पर विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में नियमित रूप से चर्चा हो रही है और इनकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है. ये हैं- ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं में सुधार, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और यौन अपराधों के मामलों की निगरानी, ​​ऐसे मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का कार्यान्वयन, समुद्र में समुद्री मछुआरों की पहचान का सत्यापन, समुद्रों में बड़े स्तर पर बचाव अभियान के लिए तटीय राज्यों द्वारा स्थानीय आकस्मिक योजना का विकास, और सार्वजनिक खरीद में वरीयता के माध्यम से मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन.

ये भी पढ़ें - सहकारी बैंकों पर रिजर्व बैंक के फैसले से सस्ते आवास क्षेत्र को गति मिलेगी : शाह

अमित शाह ने समुद्री मछुआरों को क्यूआर कोड आधारित पीवीसी आधार कार्ड दिए जाने के मुद्दे पर हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए तटीय राज्यों से यह सुनिश्चित करने का प्रयास करने का आग्रह किया कि प्रवासी और मौसमी सहित सौ प्रतिशत समुद्र में जाने वाले मछुआरों के पास ऐसे आधार कार्ड होने चाहिएं जिनका सत्यापन आसानी से किया जा सके. उन्होंने सर्वसमावेशी स्थानीय आकस्मिक योजना की आवश्यकता और सामूहिक बचाव अभियान में इसकी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए तट के साथ स्थित मौजूदा बुनियादी ढांचों की पहचान करने और उन्हें आपदा निम्नीकरण योजनाओं के साथ एकीकृत करने की सलाह दी.

वहीं गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दो भाजपा नेताओं के द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर विभिन्न राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद पैदा हुए हालातों पर गृह मंत्रालय पूरे भारत में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है.

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ( Union Home Minister Amit Shah) ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और यौन अपराधों की जल्द से जल्द जांच और इन मामलों में समयबद्ध तरीके से कड़ी सजा की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य के पुलिस मुख्यालय में ऐसे सभी मामलों की जांच की निगरानी के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी, संभव हो तो महिला अधिकारी, को जिम्मेदारी सौंपी जाए.

उक्त बातें शाह ने दीव में पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहीं. बैठक में गोवा, गुजरात के मुख्यमंत्री और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के प्रशासक, केंद्रीय गृह सचिव, मौसम क्षेत्र में सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव, अंतर राज्य परिषद सचिवालय सचिव सहित अन्य लोग उपस्थित थे. केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने देश के सर्वांगीण विकास को प्राप्त करने के लिए 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत स्थापित क्षेत्रीय परिषदों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद का लाभ उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न का उल्लेख किया.

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिषदें एक या एक से अधिक राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों या केंद्र और राज्यों के बीच के मुद्दों पर संरचित तरीके से चर्चा करने के लिए मंच प्रदान करती हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में, देश कोविड -19 महामारी से सफलतापूर्वक लड़ा और साथ ही प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता व राज्यों के सक्रिय भागीदारीसे देश में व्यापक कोविड टीकाकरण सुनिश्चित हो रहा है.

बैठक में कुल 36 मुद्दों पर चर्चा की गई. इनमें से छह विषयों को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण विषयों के रूप में चिन्हित किया गया है और इन पर विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में नियमित रूप से चर्चा हो रही है और इनकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है. ये हैं- ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं में सुधार, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और यौन अपराधों के मामलों की निगरानी, ​​ऐसे मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का कार्यान्वयन, समुद्र में समुद्री मछुआरों की पहचान का सत्यापन, समुद्रों में बड़े स्तर पर बचाव अभियान के लिए तटीय राज्यों द्वारा स्थानीय आकस्मिक योजना का विकास, और सार्वजनिक खरीद में वरीयता के माध्यम से मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन.

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अमित शाह ने समुद्री मछुआरों को क्यूआर कोड आधारित पीवीसी आधार कार्ड दिए जाने के मुद्दे पर हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए तटीय राज्यों से यह सुनिश्चित करने का प्रयास करने का आग्रह किया कि प्रवासी और मौसमी सहित सौ प्रतिशत समुद्र में जाने वाले मछुआरों के पास ऐसे आधार कार्ड होने चाहिएं जिनका सत्यापन आसानी से किया जा सके. उन्होंने सर्वसमावेशी स्थानीय आकस्मिक योजना की आवश्यकता और सामूहिक बचाव अभियान में इसकी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए तट के साथ स्थित मौजूदा बुनियादी ढांचों की पहचान करने और उन्हें आपदा निम्नीकरण योजनाओं के साथ एकीकृत करने की सलाह दी.

वहीं गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दो भाजपा नेताओं के द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर विभिन्न राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद पैदा हुए हालातों पर गृह मंत्रालय पूरे भारत में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है.

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