वैसे तो आमतौर पर देखा जाता है कि नया साल 1 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन हमारे देश में हिंदू धर्म और हिंदू पंचांग के कैलेंडर के हिसाब से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत के आधार पर मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल विक्रमी संवत 2080 की शुरुआत 22 मार्च 2023 को होगी. बुधवार के दिन हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होने से बुध ग्रह को पूरे साल के स्वामी के तौर पर माना जाएगा. अबकी साल 2080 के नव संवत्सर को 'पिंगल' नाम दिया जा रहा है.
आपको बता दें कि देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू नववर्ष को संवत्सर-आरंभ, वार्षिक प्रतिपदा, विक्रम संवत वर्षारंभ तिथि, गुड़ीपड़वा, उगादि जैसे नामों से जाना जाता है. अगर हम अपने धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों को देखें तो उसमें कुल 60 संवत्सर की चर्चा है. जो हर साल बदलता रहता है.
पिंगल हिन्दू धर्मशास्त्रों में स्वीकार्य और मान्य संवत्सरों में से एक है. यह 60 संवत्सरों में 51वां संवत्सर कहा जाता है. इस संवत्सर में का असर पूरी दुनिया में दिखता है. विश्व में कहीं उत्तम तो कहीं मध्यम वर्षा के आसार होते हैं. इस संवत्सर के स्वामी इन्द्रदेव कहे जाते हैं.
ऐसे होंगे नए जातक
ऐसा कहा जाता है कि पिंगल संवत्सर में जन्म लेने वाले शिशुओं में तमाम खामियों के बावजूद संपत्तिवान बनने के गुण दिखेंगे. वह अपनी वाणी से कठोर और निंदित कर्म करने वाला भी हो सकते हैं, लेकिन वह धार्मिक या धन संपत्ति कमाने वाले बन सकते हैं.
जानकारों के अनुसार, साल 2023 में हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2080, पिंगल संवत्सर का शुभारंभ 22 मार्च 2023 दिन बुधवार को होगा. 2080 के नव संवत्सर को 'पिंगल' नाम से जाना और पहचाना जाएगा. इस साल की संवत के राजा बुध और मंत्री शुक्र होंगे, जिनकी अबकी साल विशेष कृपा दिखेगी.
बुध ग्रह पूरे साल के स्वामी
ज्योतिष गणना के अनुसार हिंदू नव वर्ष का पहला दिन जिस दिन भी पड़ता है, उस दिन के ग्रह का स्वामी माना जाता है. इस साल हिंदू नव वर्ष बुधवार के दिन से आरंभ हो रहा है, ऐसे में बुध ग्रह पूरे साल के स्वामी माने जाएंगे. हिंदू नव वर्ष को धार्मिक पूजा-पाठ के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. चैत्र महीने के पहले दिन से पूजा पाठ व अन्य धार्मिक उत्सवों की शुरुआत होती है. इसी दिन से चैत्र नवरात्रि शुरू हो जाती है और 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है.
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ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ था. इसी दिन युधिष्ठिर को भी राज सिंहासन पर बैठाया गया था. इतना ही नहीं चैत्र माह के 9वें दिन भगवान श्रीराम का जन्मदिन भी मनाया जाता है, इस दिन को राम नवमी के रूप में जाना जाता है. अबकी बार राम नवमी का त्योहार 30 मार्च को मनाया जाएगा. इस साल के पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 29 मार्च 2023 को रात में 9 बजकर 7 मिनट पर शुरू हो रही है. नवमी तिथि की 30 मार्च 2023 की रात को 11 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगी. ऐसी स्थिति में यह त्योहार 30 मार्च को ही मनाया जाएगा.
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