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हिंदी सभी क्षेत्रीय भाषाओं की 'सखी' इसको लेकर संकोच गुजरे जमाने की बात : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस के एक कार्यक्रम में कहा कि हिंदी भारत की क्षेत्रीय भाषाओं की सखी है तथा सभी भाषाओं का प्रचार करना और उन्हें बढ़ावा देना चाहिए.

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Published : Sep 14, 2021, 7:08 PM IST

नई दिल्ली : हिंदी दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हर माता-पिता से अपील की है कि बच्चे चाहे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ते हों लेकिन वे घर पर उनसे मातृ भाषा में बात करें, वरना बच्चे अपनी जड़ों से दूर हो जाएंगे.

उन्होंने कहा कि हिंदी किसी भी क्षेत्रीय भाषा से अलग नहीं है. हिंदी सभी भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं की सखी है. उन्होंने कहा कि सभी भारतीय क्षेत्रीय भाषाएं हिंदी की पूरक हैं और उसे पूर्ण करती है तथा सभी क्षेत्रीय भाषाओं का प्रचार करना तथा उन्हें बढ़ावा देना चाहिए.

गृह मंत्री ने कहा कि 2014 के बाद से ही संसद में और सांसद अपनी क्षेत्रीय भाषा में बोल रहे हैं और उनकी कही बातों का प्रति शब्द अंग्रेजी और हिंदी में अनुवाद किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे जन प्रतिनिधियों को सर्वोच्च मंच पर अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याएं उठाने में मदद मिली है.

शाह ने कहा कि लोगों को केवल उत्पादों के निर्माण में ही नहीं बल्कि भाषाओं के लिए भी आत्म निर्भर होना चाहिए. उन्होंने सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने विचार साझा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केवल हिंदी में बोलने का उदाहरण दिया.

उन्होंने कहा कि हिंदी को लेकर संकोच गुजरी बात है. नयी शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें क्षेत्रीय और हिंदी भाषाओं को बढ़ावा देने के प्रावधान हैं. महामारी की स्थिति से निपटने पर उन्होंने कहा कि भारत केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों और 130 करोड़ आबादी के सक्रिय सहयोग के कारण कम से कम नुकसान के साथ कोविड-19 की स्थिति से निपटने में कामयाब रहा है.

यह भी पढ़ें-Covaxin WHO Nod : नीति आयोग सदस्य बोले, जल्द सकारात्मक फैसले की उम्मीद

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जब भी राष्ट्र को संबोधित किया तो उन्होंने सभी पक्षकारों डॉक्टरों, विशेषज्ञों तथा अन्य से हिंदी में बात की जिससे संदेश जमीनी स्तर तक पहुंचा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : हिंदी दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हर माता-पिता से अपील की है कि बच्चे चाहे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ते हों लेकिन वे घर पर उनसे मातृ भाषा में बात करें, वरना बच्चे अपनी जड़ों से दूर हो जाएंगे.

उन्होंने कहा कि हिंदी किसी भी क्षेत्रीय भाषा से अलग नहीं है. हिंदी सभी भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं की सखी है. उन्होंने कहा कि सभी भारतीय क्षेत्रीय भाषाएं हिंदी की पूरक हैं और उसे पूर्ण करती है तथा सभी क्षेत्रीय भाषाओं का प्रचार करना तथा उन्हें बढ़ावा देना चाहिए.

गृह मंत्री ने कहा कि 2014 के बाद से ही संसद में और सांसद अपनी क्षेत्रीय भाषा में बोल रहे हैं और उनकी कही बातों का प्रति शब्द अंग्रेजी और हिंदी में अनुवाद किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे जन प्रतिनिधियों को सर्वोच्च मंच पर अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याएं उठाने में मदद मिली है.

शाह ने कहा कि लोगों को केवल उत्पादों के निर्माण में ही नहीं बल्कि भाषाओं के लिए भी आत्म निर्भर होना चाहिए. उन्होंने सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने विचार साझा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केवल हिंदी में बोलने का उदाहरण दिया.

उन्होंने कहा कि हिंदी को लेकर संकोच गुजरी बात है. नयी शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें क्षेत्रीय और हिंदी भाषाओं को बढ़ावा देने के प्रावधान हैं. महामारी की स्थिति से निपटने पर उन्होंने कहा कि भारत केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों और 130 करोड़ आबादी के सक्रिय सहयोग के कारण कम से कम नुकसान के साथ कोविड-19 की स्थिति से निपटने में कामयाब रहा है.

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शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जब भी राष्ट्र को संबोधित किया तो उन्होंने सभी पक्षकारों डॉक्टरों, विशेषज्ञों तथा अन्य से हिंदी में बात की जिससे संदेश जमीनी स्तर तक पहुंचा.

(पीटीआई-भाषा)

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