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Hijab Raw In Karnataka : पीयूसी परीक्षाओं में हिजाब की अनुमति नहीं : बीसी नागेश

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह कर्नाटक के सरकारी स्कूलों में हिजाब पहनकर परीक्षा देने की अनुमति मांग रही मुस्लिम छात्राओं की याचिका पर सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ का गठन करेगा. हालांकि इस फैसले के बाद कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने कहा कि हिजाब पहन कर परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जायेगी.

Hijab Raw In Karnataka
कर्नाटक के मंत्री बी सी नागेश
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Published : Mar 4, 2023, 7:05 AM IST

Updated : Mar 4, 2023, 8:23 AM IST

बैंगलुरु : कर्नाटक के स्कूल शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने शुक्रवार को कहा कि हिजाब पहनने वाली छात्राओं को 9 मार्च से शुरू होने वाले दूसरे प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स (पीयूसी) की परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह, छात्र-छात्राओं को स्कूल की ड्रेस में ही परीक्षा लिखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हिजाब पहनने वाले छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह कर्नाटक के सरकारी कॉलेजों में हिजाब पहनकर परीक्षा में बैठने की मुस्लिम लड़कियों की याचिका पर सुनवाई के लिए तीन जजों की बेंच का गठन करेगा.

पढ़ें : Karnataka Hijab Ban : कर्नाटक में हिजाब पहनकर परीक्षा देने की अनुमति संबंधी याचिका के लिए पीठ गठित करेगा न्यायालय

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि मैं एक बेंच बनाऊंगा. जब वकील शादान फरासत ने याचिका की तत्काल सुनवाई की मांग की और कहा कि सरकारी स्कूलों की छात्राएं एक और शैक्षणिक वर्ष खोने की कगार पर हैं. क्योंकि सरकार हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दे रही है. मुख्य न्यायाधीश ने पहले कहा था कि मामले को होली की छुट्टियों के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा.

पढ़ें : Karnataka Hijab Row: हिजाब पहनकर परीक्षा देने की मांग वाली याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं कर्नाटक छात्राएं

परीक्षा पांच दिनों के बाद आयोजित होने वाली है, वकील ने कहा कि छात्राएं पहले ही एक साल गंवा चुकी है अब एक और साल गंवाने के कगार पर है. पीठ द्वारा यह कहे जाने पर कि अवकाश के अंतिम दिन इस मामले का उल्लेख किया गया था, वकील ने कहा कि इसका पहले भी दो बार उल्लेख किया जा चुका है. शीर्ष अदालत ने तब कहा था कि वह तारीख निर्दिष्ट किए बिना एक पीठ का गठन करेगी.
उडुपी और दक्षिण कन्नड़ जिलों में अल्पसंख्यक संस्थानों की छात्राओं ने सरकार से अनुरोध किया है कि उन्हें परीक्षा हॉल में हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए.

पढ़ें : हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के आगे झुकी ईरान सरकार, खत्म की मॉरल पुलिसिंग

दक्षिण कन्नड़ के एक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि अल्पसंख्यक पीयू कॉलेजों में लड़कियों की ओर से अनुरोध किया गया है क्योंकि अल्पसंख्यक पीयू कॉलेजों में हिजाब पहनने की अनुमति है. अब छात्राएं चाहती है कि सरकारी परीक्षा केंद्रों में भी हिजाब पहनने की अनुमति दी जाये. ऐसा इसलिए है क्योंकि अल्पसंख्यक संस्थानों में कक्षा में हिजाब पहनने का प्रावधान है. वे परीक्षा केंद्रों में भी यही प्रावधान चाहती हैं. उसी जिले के बंतवाल तालुक के एक सरकारी पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि मुस्लिम लड़कियां मुझसे लगातार पूछती रही हैं कि क्या हिजाब के संबंध में नियम बदल गए हैं.

पढ़ें : Hijab case: जज को धमकाने वाले आरोपियों को सशर्त जमानत

बंतवाल तालुक के एक सरकारी पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि वे पूछ रही हैं कि क्या परीक्षा केंद्रों में हिजाब पहनने की अनुमति होगी. हालांकि, मैंने उन्हें यथास्थिति बनाए रखने और परीक्षा केंद्र में सभी नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है.

पढ़ें : हिजाब पर शीर्ष अदालत से सर्वसम्मत फैसले की उम्मीद कर रहे थे : ओवैसी

बैंगलुरु : कर्नाटक के स्कूल शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने शुक्रवार को कहा कि हिजाब पहनने वाली छात्राओं को 9 मार्च से शुरू होने वाले दूसरे प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स (पीयूसी) की परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह, छात्र-छात्राओं को स्कूल की ड्रेस में ही परीक्षा लिखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हिजाब पहनने वाले छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह कर्नाटक के सरकारी कॉलेजों में हिजाब पहनकर परीक्षा में बैठने की मुस्लिम लड़कियों की याचिका पर सुनवाई के लिए तीन जजों की बेंच का गठन करेगा.

पढ़ें : Karnataka Hijab Ban : कर्नाटक में हिजाब पहनकर परीक्षा देने की अनुमति संबंधी याचिका के लिए पीठ गठित करेगा न्यायालय

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि मैं एक बेंच बनाऊंगा. जब वकील शादान फरासत ने याचिका की तत्काल सुनवाई की मांग की और कहा कि सरकारी स्कूलों की छात्राएं एक और शैक्षणिक वर्ष खोने की कगार पर हैं. क्योंकि सरकार हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दे रही है. मुख्य न्यायाधीश ने पहले कहा था कि मामले को होली की छुट्टियों के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा.

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परीक्षा पांच दिनों के बाद आयोजित होने वाली है, वकील ने कहा कि छात्राएं पहले ही एक साल गंवा चुकी है अब एक और साल गंवाने के कगार पर है. पीठ द्वारा यह कहे जाने पर कि अवकाश के अंतिम दिन इस मामले का उल्लेख किया गया था, वकील ने कहा कि इसका पहले भी दो बार उल्लेख किया जा चुका है. शीर्ष अदालत ने तब कहा था कि वह तारीख निर्दिष्ट किए बिना एक पीठ का गठन करेगी.
उडुपी और दक्षिण कन्नड़ जिलों में अल्पसंख्यक संस्थानों की छात्राओं ने सरकार से अनुरोध किया है कि उन्हें परीक्षा हॉल में हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए.

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दक्षिण कन्नड़ के एक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि अल्पसंख्यक पीयू कॉलेजों में लड़कियों की ओर से अनुरोध किया गया है क्योंकि अल्पसंख्यक पीयू कॉलेजों में हिजाब पहनने की अनुमति है. अब छात्राएं चाहती है कि सरकारी परीक्षा केंद्रों में भी हिजाब पहनने की अनुमति दी जाये. ऐसा इसलिए है क्योंकि अल्पसंख्यक संस्थानों में कक्षा में हिजाब पहनने का प्रावधान है. वे परीक्षा केंद्रों में भी यही प्रावधान चाहती हैं. उसी जिले के बंतवाल तालुक के एक सरकारी पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि मुस्लिम लड़कियां मुझसे लगातार पूछती रही हैं कि क्या हिजाब के संबंध में नियम बदल गए हैं.

पढ़ें : Hijab case: जज को धमकाने वाले आरोपियों को सशर्त जमानत

बंतवाल तालुक के एक सरकारी पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि वे पूछ रही हैं कि क्या परीक्षा केंद्रों में हिजाब पहनने की अनुमति होगी. हालांकि, मैंने उन्हें यथास्थिति बनाए रखने और परीक्षा केंद्र में सभी नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है.

पढ़ें : हिजाब पर शीर्ष अदालत से सर्वसम्मत फैसले की उम्मीद कर रहे थे : ओवैसी

Last Updated : Mar 4, 2023, 8:23 AM IST
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