हुबली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) ने राज्यभर में 10वीं कक्षा तक के हाईस्कूलों के फिर से खुलने से एक दिन पहले रविवार को विश्वास जताया कि शांति और सामान्य स्थिति बहाल होगी. राज्य में हिजाब को लेकर चल रहे विवाद के कारण इन स्कूलों को बंद कर दिया गया था.
बोम्मई ने कहा कि प्री-यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेजों को फिर से खोलने के संबंध में फैसला स्थिति का आकलन करने के बाद लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 10वीं कक्षा तक के हाईस्कूल कल फिर से खुलेंगे. सभी जिलों के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और सार्वजनिक निर्देश के उपनिदेशक को सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण स्कूलों में अभिभावकों और शिक्षकों की शांति बैठकें बुलाने के लिए कहा गया है. मुझे विश्वास है कि स्कूलों में शांतिपूर्ण तरीके से काम होगा.
पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्री-यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेजों को फिर से खोलने के संबंध में स्थिति की समीक्षा करने के बाद शिक्षा मंत्री से एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है, जिसके आधार पर एक बैठक की जाएगी और फैसला लिया जाएगा. सरकार ने शुक्रवार को कहा कि हिजाब विवाद के मद्देनजर उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में 16 फरवरी तक अवकाश की घोषणा की जाती है.
हिजाब विवाद के पीछे कुछ संगठनों और विदेशी ताकतों का हाथ होने की खबरों पर बोम्मई ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमारे जांच अधिकारियों ने मीडिया और सोशल मीडिया पर ऐसी खबरों पर संज्ञान लिया है. वे अपनी तरफ से सूचना जुटा रहे हैं. मेरा पहला कर्तव्य है कि स्कूल और कॉलेज सामान्य रूप से काम करें और छात्र शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण माहौल में पढ़ें तथा परीक्षाओं की तैयारी करें जो मार्च-अप्रैल तक होने की संभावना है.
कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में हिजाब के खिलाफ और समर्थन में प्रदर्शन तेज होने पर सरकार ने नौ फरवरी से राज्य में सभी हाईस्कूलों और कॉलेजों के लिए तीन दिन का अवकाश घोषित किया था. कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने 10 फरवरी को 10वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए 14 फरवरी से स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला लिया है. बोम्मई ने कहा कि राज्य का सर्वांगीण विकास करना उनकी योजना है. उनके पास वित्त विभाग का भी कार्यभार है और वह अगले महीने अपना पहला बजट पेश करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोविड के कारण आई आर्थिक मंदी के बाद पिछले चार-पांच महीनों से हालात सुधर रहे हैं, राजस्व संग्रह में सुधार हुआ है. बजट आर्थिक विकास, जन कल्याण और वित्तीय अनुशासन पर केंद्रित होगा. हमें अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना होगा, साथ ही कमजोर वर्गों और कामकाजी वर्ग को प्राथमिकता देनी होगी.