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राकेश अस्थाना के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से जज ने खुद को अलग किया - सुनवाई से जज ने खुद को अलग किया

जज जस्टिस योगेश खन्ना ने बीएसएफ के वर्तमान महानिदेशक राकेश अस्थाना पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.

सुनवाई से जज ने खुद को अलग किया
सुनवाई से जज ने खुद को अलग किया
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Published : Feb 12, 2021, 10:31 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस योगेश खन्ना ने बीएसएफ के वर्तमान महानिदेशक राकेश अस्थाना पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी.

याचिका चंडीगढ़ के रहने वाले मोहित धवन ने दायर की है. धवन ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की थी, जिसे 8 फरवरी को तब वापस ले लिया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी.
पद के दुरुपयोग का आरोप
याचिका में कहा गया है कि अस्थाना ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर रहते हुए दूसरे पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर पूरी अपराध-न्याय प्रणाली पर कब्जा कर लिया और लाभ हासिल करने के लिए साजिश रची.

याचिका में कहा गया है कि अस्थाना ने उन्हें अवैध तरीके से फंसाया और याचिकाकर्ता को अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग कर भ्रष्ट तरीकों से पुलिस अफसरों के जरिये पैसे ऐंठने का प्रयास किया और उन्हें धमकी दी. साथ ही याचिका में कहा गया है कि अस्थाना ने ये काम गर्डरुड डिसूजा और उनके पति ब्रायन डिसूजा के लिए किया जिनके अस्थाना के साथ निकट संबंध रहे हैं.

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त से की थी शिकायत
याचिकाकर्ता ने इसकी शिकायत 18 सितंबर 2019 को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और सीबीआई से की थी. इसके बाद साल 2020 में दो बार पत्र लिखा, लेकिन अस्थाना के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

पढ़ें- कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोयला खनन की जांच के संबंध में एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाई

दरअसल याचिकाकर्ता के खिलाफ 2018 में एक मामला दर्ज किया गया था. याचिकाकर्ता के खिलाफ गर्टरुड डिसूजा ने शिकायत दर्ज कराई थी.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस योगेश खन्ना ने बीएसएफ के वर्तमान महानिदेशक राकेश अस्थाना पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी.

याचिका चंडीगढ़ के रहने वाले मोहित धवन ने दायर की है. धवन ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की थी, जिसे 8 फरवरी को तब वापस ले लिया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी.
पद के दुरुपयोग का आरोप
याचिका में कहा गया है कि अस्थाना ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर रहते हुए दूसरे पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर पूरी अपराध-न्याय प्रणाली पर कब्जा कर लिया और लाभ हासिल करने के लिए साजिश रची.

याचिका में कहा गया है कि अस्थाना ने उन्हें अवैध तरीके से फंसाया और याचिकाकर्ता को अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग कर भ्रष्ट तरीकों से पुलिस अफसरों के जरिये पैसे ऐंठने का प्रयास किया और उन्हें धमकी दी. साथ ही याचिका में कहा गया है कि अस्थाना ने ये काम गर्डरुड डिसूजा और उनके पति ब्रायन डिसूजा के लिए किया जिनके अस्थाना के साथ निकट संबंध रहे हैं.

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त से की थी शिकायत
याचिकाकर्ता ने इसकी शिकायत 18 सितंबर 2019 को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और सीबीआई से की थी. इसके बाद साल 2020 में दो बार पत्र लिखा, लेकिन अस्थाना के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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दरअसल याचिकाकर्ता के खिलाफ 2018 में एक मामला दर्ज किया गया था. याचिकाकर्ता के खिलाफ गर्टरुड डिसूजा ने शिकायत दर्ज कराई थी.

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