कोलकाता: आजादी से पहले 1943 जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए बनाई गई पीपुल्स रिलीफ कमेटी (PRC) हमेशा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लोगों को कई सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही चिकित्सा सुविधा भी प्रदान करती है. संस्था ने इस बार अपनी 80वीं वर्षगांठ पर वर्ष भर 80 कार्यक्रमों को करने की योजना बनाई है. इसमें सबसे अहम आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए संस्था के द्वारा 50 रुपये में हार्निया के ऑपरेशन की सुविधा दी जाएगी.
हालांकि पीआरसी संस्था के अलावा राज्य के विभिन्न हिस्सों में नजदीकी अस्पतालों में भी इलाज की सुविधा है. लेकिन संस्था के द्वारा स्लम क्षेत्रों में चिकित्सा शिविर, रक्त परीक्षण सहित कई बीमारियों के निदान और रोकथाम के लिए विशेष योजना बनाई गई है.
इस बारे में पीपुल्स रिलीफ कमेटी के सचिव डॉ. फुआद हलीम (Dr. Fuad Halim) ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने पहले भी कई क्षेत्रों में चिकित्सा शिविर आयोजित किए हैं. इनमें रक्तदान के अलावा डेंगू, मलेरिया सहित कई बीमारियों की रोकथाम और उसका निदान कार्यक्रम चल रहा है जो पूरी तरह से नि:शुल्क है. उन्होंने बताया कि जो लोग उपचार का खर्च वहन नहीं कर पाते हैं उन्हें ही यह अवसर दिया जा रहा है.
वहीं पीआरसी के अध्यक्ष और प्रख्यात फिल्म निर्देशक कमलेश्वर मुखर्जी ने कहा कि सामान्य हर्निया ऑपरेशन में कम से कम 10,000 रुपये खर्च होते हैं. लेकिन, यह ऑपरेशन केवल 50 रुपये में किया जाएगा. उन्होंने कहा कि साथ ही नि:शुल्क नेत्र जांच व चश्मे के वितरण का भी लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा शहर के स्लम इलाकों में चिकित्सा शिविर लगाए जाएंगे और थैलेसीमिया, हीमोग्लोबिन संबंधी बीमारियों का निदान कर इलाज किया जाएगा. दरअसल, संस्था के द्वारा आम लोगों की की अच्छी सेहत के लिए पूरा साल काम किया जाता है लेकिन 80वीं वर्षगांठ पर इसके दायरे को बढ़ा दिया गया है.
बता दें कि कोरोना काल के दौरान कमेटी के सचिव डॉ. फुआद हलीम मरीजों के इलाज में जुटे हुए थे. इतना ही नहीं वह और उनकी टीम के द्वारा लॉकडाउन के दौरान गरीब लोगों का कम खर्च में इलाज किया जाता था. उस समय भी महज 50 रुपये में मरीजों का कोलकाता स्वास्थ्य योजना द्वारा पांच पालियों में डायलिसिस किया जाता था. इसी क्रम में कुछ महीने पहले पीआरसी कार्यालय में एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया था. इस दौरान भविष्य की कई योजनाएं भी बनाई गईं थीं. समारोह में वाम मोर्चा के अध्यक्ष विमान बोस, पीआरसी के कई अधिकारी और डॉक्टर बैठक में शामिल हुए थे. वहीं विमान बोस ने पीआरसी के लंबे इतिहास पर प्रकाश डालने के अलावा भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने का संदेश दिया था.
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