पटना : बिहार की पटना हाई कोर्ट ने राज्य की जेलों में अपनी मां के साथ बंद एक से छह वर्ष के बच्चों को शिक्षित करने के मामले पर सुनवाई 19 जनवरी 2024 तक के लिए टाल दी है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इन बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था करने के लिए कार्रवाई करने का आदेश जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को दिया था. साथ ही कोर्ट ने शिक्षा विभाग के डीईओ को हर संभव सहयोग करने का निर्देश दिया है. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ द्वारा की जा रही है.
बिहार की जेलों में बंद हैं 228 बच्चे : कोर्ट ने राज्य के विभिन्न जेलों में अपने मां के साथ एक से छह वर्ष के बीच बंद 103 बालक एवं 125 बालिकाओं को शिक्षित करने की कार्रवाई पर जोर दिया है. इसके पूर्व कोर्ट को बताया गया कि राज्य के जेलों में 50682 पुरूष और 2350 महिला विचाराधीन बंद हैं, जबकि 6995 पुरुष और 212 महिला सजायफ्ता बन्द हैं.
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बिहार की इन जेलों में बंद हैं बच्चे : सबसे ज्यादा भागलपुर महिला मंडल कारा और नवादा मंडल कारा में 16-16, कटिहार मंडल कारा में 14, गया केंद्रीय कारा में 13, बेतिया मंडल कारा में 10, बेऊर आदर्श केंद्रीय कारा में 9, मुज्जफरपुर पूर्णिया केंद्रीय कारा व सिवान, आरा, सीतामढ़ी, जहानाबाद मंडल कारा में 8-8, दरभंगा मंडल कारा में 7 नाबालिग बच्चे अपनी अपनी मां के साथ बंद हैं.
हाईकोर्ट का सख्त निर्देश : पूरे प्रदेश के जेलों में इस प्रकार कुल 103 बच्चे व 125 बच्चियां बंद हैं. कोर्ट ने कुल 228 नाबालिग को शिक्षित करने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया था. इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 19 जनवरी 2024 को निर्धारित की गयी है.
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