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प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर की मानहानि याचिका पर सुनवाई आज - मानहानि याचिका पर सुनवाई

दिल्ली का राऊज एवेन्यू कोर्ट पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले पर सुनवाई कर सकता है. पिछली सुनवाई के दौरान एमजे अकबर ने कहा था कि यह मानहानि का केस है, यौन प्रताड़ना का केस नहीं.

प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर की मानहानि याचिका पर सुनवाई आज
प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर की मानहानि याचिका पर सुनवाई आज
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Published : Dec 24, 2020, 1:40 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले पर सुनवाई कर सकता है. पिछली सुनवाई के दौरान एमजे अकबर ने कहा था कि यह मानहानि का केस है, यौन प्रताड़ना का केस नहीं.

एमजे अकबर की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कहा था कि रमानी ने खुद कहा कि एमजे अकबर उनके प्रोफेशल हीरो हैं, ऐसे में वे कैसे कह सकती हैं कि अकबर की कोई छवि नहीं है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडेय सुनवाई करेंगे.

ये मानहानि का केस है, यौन प्रताड़ना का नहीं
सुनवाई के दौरान गीता लूथरा ने कहा था कि हमें ये जानकर आश्चर्य हुआ कि एमजे अकबर को आरोपी बताया गया है. एमजे अकबर ने केस किया है, प्रिया रमानी ने नहीं. लूथरा ने कहा था कि प्रिया रमानी ने एमजे अकबर की छवि को नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा था कि ये मानहानि का केस है , प्रिया रमानी ने यौन प्रताड़ना का केस नहीं किया है. ऐसी दलील स्वीकार नहीं की जा सकती है. लूथरा ने कहा था कि रमानी ने अपनी दलील में कहा है कि 25-30 साल पहले उसने एशियन एज ज्वायन किया था. उसके बारे में 2017 में नाम लेकर लिखा था.

40 साल की बनाई छवि को नुकसान पहुंचाया
लूथरा ने कहा था कि एमजे अकबर जैसी छवि बनाने के लिए रोजाना काम करना पड़ता है. वो देश के शीर्ष पत्रकार हैं. उनके 40 साल के करियर में किसी ने कोई आरोप नहीं लगाया. अखबारों के दफ्तरों में सैकड़ों लोग काम करते हैं. 2018 में प्रिया रमानी ने एमजे अकबर के पिछले 40 साल की छवि को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने दलीलों में एमजे अकबर के लिए फ्राड का इस्तेमाल किया. इसके लिए एक दूसरा मानहानि का केस किया जा सकता है.

एमजे अकबर पाक-साफ नहीं हैं
बता दें कि प्रिया रमानी की ओर से वकील रेबेका जॉन की दलीलें पूरी हो चुकी हैं. पिछले 18 दिसंबर को प्रिया रमानी ने कहा था कि एमजे अकबर पाक-साफ नहीं हैं. पिछले 18 दिसंबर को सुनवाई के दौरान रेबेका जॉन ने कहा था कि एमजे अकबर पाक-साफ नहीं हैं. उन्होंने कहा था कि एमजे अकबर ने अपनी पूरी शिकायत में प्रिया रमानी के आलेख और ट्वीट का जिक्र किया है। जॉन ने कहा था कि एमजे अकबर को दूसरी 15 महिलाओं की शिकायतों के बारे में भी निष्पक्ष खुलासा करना चाहिए था. ये महिलाएं एक-दूसरे को नहीं जानती थीं. उन्होंने कहा था कि गजाला वहाब ने अपने अनुभवों के बारे में लिखा था. दूसरी महिलाओं ने भी ट्विटर पर लिखा था, लेकिन उन्होंने केवल हमारे खिलाफ शिकायत की. अकबर को ये जरुर बताना चाहिए कि जिन दूसरी महिलाओं ने ये शिकायत की उनकी शिकायत भी झूठी है. अकबर तथ्यों को छिपा रहे हैं.

अकबर ने खुद को दोषी ठहराने की बात छिपाई
जॉन ने कहा था कि अकबर ने पूर्व में अपने को दोषी ठहराये जाने की बात छिपाई. उन्हें बताना चाहिए था कि उन्हें हाईकोर्ट की ओर से कोर्ट की अवमानना का दोषी करार दिया गया था. इससे साफ है कि अकबर पाक-साफ व्यक्ति नहीं हैं. जॉन ने कहा था कि मानहानि की धारा में साफ लिखा है कि अगर जनहित में सही बात कही गई है तो वह मानहानि नहीं है. जॉन ने हाईकोर्ट के हाल के एक आदेश का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ मानहानि का केस कर आप उसे दंडित कर रहे हैं. ऐसा करने से दूसरी महिलाओं पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है.

2018 में दायर किया था मामला
एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. 18 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका पर संज्ञान लिया था. 25 फरवरी 2019 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दी थी. कोर्ट ने प्रिया रमानी को दस हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. कोर्ट ने 10 अप्रैल 2019 को प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे.

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले पर सुनवाई कर सकता है. पिछली सुनवाई के दौरान एमजे अकबर ने कहा था कि यह मानहानि का केस है, यौन प्रताड़ना का केस नहीं.

एमजे अकबर की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कहा था कि रमानी ने खुद कहा कि एमजे अकबर उनके प्रोफेशल हीरो हैं, ऐसे में वे कैसे कह सकती हैं कि अकबर की कोई छवि नहीं है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडेय सुनवाई करेंगे.

ये मानहानि का केस है, यौन प्रताड़ना का नहीं
सुनवाई के दौरान गीता लूथरा ने कहा था कि हमें ये जानकर आश्चर्य हुआ कि एमजे अकबर को आरोपी बताया गया है. एमजे अकबर ने केस किया है, प्रिया रमानी ने नहीं. लूथरा ने कहा था कि प्रिया रमानी ने एमजे अकबर की छवि को नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा था कि ये मानहानि का केस है , प्रिया रमानी ने यौन प्रताड़ना का केस नहीं किया है. ऐसी दलील स्वीकार नहीं की जा सकती है. लूथरा ने कहा था कि रमानी ने अपनी दलील में कहा है कि 25-30 साल पहले उसने एशियन एज ज्वायन किया था. उसके बारे में 2017 में नाम लेकर लिखा था.

40 साल की बनाई छवि को नुकसान पहुंचाया
लूथरा ने कहा था कि एमजे अकबर जैसी छवि बनाने के लिए रोजाना काम करना पड़ता है. वो देश के शीर्ष पत्रकार हैं. उनके 40 साल के करियर में किसी ने कोई आरोप नहीं लगाया. अखबारों के दफ्तरों में सैकड़ों लोग काम करते हैं. 2018 में प्रिया रमानी ने एमजे अकबर के पिछले 40 साल की छवि को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने दलीलों में एमजे अकबर के लिए फ्राड का इस्तेमाल किया. इसके लिए एक दूसरा मानहानि का केस किया जा सकता है.

एमजे अकबर पाक-साफ नहीं हैं
बता दें कि प्रिया रमानी की ओर से वकील रेबेका जॉन की दलीलें पूरी हो चुकी हैं. पिछले 18 दिसंबर को प्रिया रमानी ने कहा था कि एमजे अकबर पाक-साफ नहीं हैं. पिछले 18 दिसंबर को सुनवाई के दौरान रेबेका जॉन ने कहा था कि एमजे अकबर पाक-साफ नहीं हैं. उन्होंने कहा था कि एमजे अकबर ने अपनी पूरी शिकायत में प्रिया रमानी के आलेख और ट्वीट का जिक्र किया है। जॉन ने कहा था कि एमजे अकबर को दूसरी 15 महिलाओं की शिकायतों के बारे में भी निष्पक्ष खुलासा करना चाहिए था. ये महिलाएं एक-दूसरे को नहीं जानती थीं. उन्होंने कहा था कि गजाला वहाब ने अपने अनुभवों के बारे में लिखा था. दूसरी महिलाओं ने भी ट्विटर पर लिखा था, लेकिन उन्होंने केवल हमारे खिलाफ शिकायत की. अकबर को ये जरुर बताना चाहिए कि जिन दूसरी महिलाओं ने ये शिकायत की उनकी शिकायत भी झूठी है. अकबर तथ्यों को छिपा रहे हैं.

अकबर ने खुद को दोषी ठहराने की बात छिपाई
जॉन ने कहा था कि अकबर ने पूर्व में अपने को दोषी ठहराये जाने की बात छिपाई. उन्हें बताना चाहिए था कि उन्हें हाईकोर्ट की ओर से कोर्ट की अवमानना का दोषी करार दिया गया था. इससे साफ है कि अकबर पाक-साफ व्यक्ति नहीं हैं. जॉन ने कहा था कि मानहानि की धारा में साफ लिखा है कि अगर जनहित में सही बात कही गई है तो वह मानहानि नहीं है. जॉन ने हाईकोर्ट के हाल के एक आदेश का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ मानहानि का केस कर आप उसे दंडित कर रहे हैं. ऐसा करने से दूसरी महिलाओं पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है.

2018 में दायर किया था मामला
एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. 18 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका पर संज्ञान लिया था. 25 फरवरी 2019 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दी थी. कोर्ट ने प्रिया रमानी को दस हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. कोर्ट ने 10 अप्रैल 2019 को प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे.

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