ETV Bharat / bharat

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामला: सीएम हेमंत सोरेन ने फिर मांगा वक्त, चुनाव आयोग ने जताई नाराजगी, 14 जुलाई को अगली सुनवाई - Jharkhand news

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामला में चुनाव आयोग में सीएम हेमंत सोरेन पर सुनवाई हुई. जहां वकील के माध्यम से सीएम हेमंत सोरेन ने टाइम पेटिशन दाखिल किया. इस मामले में अब 14 जुलाई को अगली सुनवाई होगी.

CM Hemant Soren office of profit case
CM Hemant Soren office of profit case
author img

By

Published : Jun 28, 2022, 10:14 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में मंगलवार को नई दिल्ली स्थित भारत निर्वाचन आयोग में सुनवाई हुई. मिली जानकारी के मुताबिक सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री की ओर से वकील के माध्यम से टाइम पेटिशन दाखिल की गई जिसे निर्वाचन आयोग ने अस्वीकार करते हुए नाराजगी जताई. इसके बाद निर्वाचन आयोग में दोपहर बाद सुनवाई हुई. इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन को 14 जुलाई तक का समय दिया गया है.

ये भी पढ़ें: खनन लीज आवंटन मामले में चुनाव आयोग में सुनवाई, सीएम हेमंत सोरेन की ओर से मांगा गया वक्त

सीएम हेमंत सोरेन की ओर से आयोग के समक्ष मीनाक्षी अरोड़ा और मेन्द्री दत्ता ने पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान बीजेपी की ओर से पूरे मामले को डिसक्वालिफिकेशन का केस बताया गया. काफी देर तक दोनों पक्षों की ओर से हुई सुनवाई के बाद आयोग ने इसे अगली तारीख में सुनवाई जारी रखने को कहा. चुनाव आयोग के समक्ष इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद उपस्थित होकर पक्ष रखने संबंधित आवेदन दे चुके थे, जिसके बाद संभावना यह जताई जा रही थी कि मुख्यमंत्री खुद चुनाव आयोग में आज वकील के साथ उपस्थित होकर पक्ष रख सकते हैं, मगर ऐसा नहीं हुआ.

दिल्ली दौरे पर सोमवार को गए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देर रात रांची लौट आए. इस संबंध में चुनाव आयोग में 14 जून को सुनवाई हुई थी जिस दौरान चुनाव आयोग के समक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से समय की मांग की गई थी. आयोग से समय की मांग के पीछे का वजह अधिवक्ता के कोरोना पॉजिटिव होना बताया गया था.


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े इस मामले की सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष आज एक बार फिर आवेदन देकर समय की मांग की गई है. इससे पहले भी हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग की ओर से पक्ष रखने के लिए दो बार समय दिया जा चुका है. इससे पहले हेमंत सोरेन को 10 मई तक जवाब देना था लेकिन उन्होंने अपनी मां की तबीयत का हवाला देते हुए अतिरिक्त समय की मांग की थी जिसके बाद 20 मई तक उन्हें जवाब देने का समय चुनाव आयोग ने दिया था. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा चुनाव आयोग को जवाब दे दिया गया और कहा गया कि उनके पास कोई माइनिंग लीज नहीं है.

इसके बाद चुनाव आयोग की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 31 मई को आयोग के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया गया था जिसपर हेमंत सोरेन की ओर से अतिरिक्त समय की मांग की गई थी, जिसे आयोग ने मान लिया था. इसके बाद हेमंत सोरेन के द्वारा अपने वकील की तबीयत का हवाला देते हुए समय की मांग की गई, उसे भी चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया और अगली तारीख 28 जून निर्धारित करते हुए अंतिम मौका दिया था. मंगलवार की सुनवाई के बाद निर्वाचन आयोग 14 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है.


भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर रांची के अनगड़ा में पत्थर खदान लीज अपने नाम पर लेने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से लिखित शिकायत की थी. राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा शिष्टमंडल ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति लेने का आरोप लगाया था. जिसके बाद राजभवन ने भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था. तत्पश्चात भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव को चिठ्ठी भेजकर रिपोर्ट मंगवाया. मुख्य सचिव की रिपोर्ट मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर खनन पट्टा मामले में सुनवाई कर रही है.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में मंगलवार को नई दिल्ली स्थित भारत निर्वाचन आयोग में सुनवाई हुई. मिली जानकारी के मुताबिक सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री की ओर से वकील के माध्यम से टाइम पेटिशन दाखिल की गई जिसे निर्वाचन आयोग ने अस्वीकार करते हुए नाराजगी जताई. इसके बाद निर्वाचन आयोग में दोपहर बाद सुनवाई हुई. इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन को 14 जुलाई तक का समय दिया गया है.

ये भी पढ़ें: खनन लीज आवंटन मामले में चुनाव आयोग में सुनवाई, सीएम हेमंत सोरेन की ओर से मांगा गया वक्त

सीएम हेमंत सोरेन की ओर से आयोग के समक्ष मीनाक्षी अरोड़ा और मेन्द्री दत्ता ने पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान बीजेपी की ओर से पूरे मामले को डिसक्वालिफिकेशन का केस बताया गया. काफी देर तक दोनों पक्षों की ओर से हुई सुनवाई के बाद आयोग ने इसे अगली तारीख में सुनवाई जारी रखने को कहा. चुनाव आयोग के समक्ष इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद उपस्थित होकर पक्ष रखने संबंधित आवेदन दे चुके थे, जिसके बाद संभावना यह जताई जा रही थी कि मुख्यमंत्री खुद चुनाव आयोग में आज वकील के साथ उपस्थित होकर पक्ष रख सकते हैं, मगर ऐसा नहीं हुआ.

दिल्ली दौरे पर सोमवार को गए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देर रात रांची लौट आए. इस संबंध में चुनाव आयोग में 14 जून को सुनवाई हुई थी जिस दौरान चुनाव आयोग के समक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से समय की मांग की गई थी. आयोग से समय की मांग के पीछे का वजह अधिवक्ता के कोरोना पॉजिटिव होना बताया गया था.


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े इस मामले की सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष आज एक बार फिर आवेदन देकर समय की मांग की गई है. इससे पहले भी हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग की ओर से पक्ष रखने के लिए दो बार समय दिया जा चुका है. इससे पहले हेमंत सोरेन को 10 मई तक जवाब देना था लेकिन उन्होंने अपनी मां की तबीयत का हवाला देते हुए अतिरिक्त समय की मांग की थी जिसके बाद 20 मई तक उन्हें जवाब देने का समय चुनाव आयोग ने दिया था. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा चुनाव आयोग को जवाब दे दिया गया और कहा गया कि उनके पास कोई माइनिंग लीज नहीं है.

इसके बाद चुनाव आयोग की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 31 मई को आयोग के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया गया था जिसपर हेमंत सोरेन की ओर से अतिरिक्त समय की मांग की गई थी, जिसे आयोग ने मान लिया था. इसके बाद हेमंत सोरेन के द्वारा अपने वकील की तबीयत का हवाला देते हुए समय की मांग की गई, उसे भी चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया और अगली तारीख 28 जून निर्धारित करते हुए अंतिम मौका दिया था. मंगलवार की सुनवाई के बाद निर्वाचन आयोग 14 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है.


भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर रांची के अनगड़ा में पत्थर खदान लीज अपने नाम पर लेने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से लिखित शिकायत की थी. राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा शिष्टमंडल ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति लेने का आरोप लगाया था. जिसके बाद राजभवन ने भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था. तत्पश्चात भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव को चिठ्ठी भेजकर रिपोर्ट मंगवाया. मुख्य सचिव की रिपोर्ट मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर खनन पट्टा मामले में सुनवाई कर रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.