ETV Bharat / bharat

डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए जनहित याचिका को प्रतिवेदन मान कर दिल्ली सरकार फैसला करे : अदालत

दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से कहा कि मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों में से पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की नियुक्ति के अनुरोध वाली जनहित याचिका को प्रतिवेदन मान कर उस पर विचार करे.

author img

By

Published : Sep 2, 2021, 10:16 PM IST

केजरीवाल सरकार
केजरीवाल सरकार

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह अपने मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों में से एक में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की नियुक्ति के अनुरोध वाली जनहित याचिका को प्रतिवेदन मान कर उस पर विचार करे.

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति की पीठ ने कहा कि नियुक्ति की प्रक्रिया के लिए विज्ञापन, साक्षात्कार और काफी कुछ चाहिए. पीठ ने कहा कि याचिका में की गयी शिकायतों पर पहले अधिकारियों को गौर करना चाहिए. पीठ ने कहा, 'कानून और नीति के अनुसार शिकायतों का जल्दी और व्यावहारिक समाधान करें.'

दिल्ली सरकार के वकील सत्यकाम ने कहा कि अधिकारी रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए लोगों का साक्षात्कार ले रहे हैं और किसी भी मरीज को अस्पताल से नहीं लौटाया जा रहा है.

अधिवक्ता अमित साहनी द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जगप्रवेश अस्पताल ने विशेष रूप से एनेस्थेटिस्ट की कमी के कारण गर्भवती महिलाओं को भर्ती करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मामले की तात्कालिकता को देखते हुए, अधिकारियों को पहले प्रतिवेदन सौंपे बिना अदालत के समक्ष याचिका दायर की गयी.

इसे भी पढे़ं-वॉट्सएप को आयरलैंड में लगा $267 मिलियन का जुर्माना, जानें कारण

वकील ने एक अखबार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि एनेस्थेटिस्ट की कमी के कारण अस्पताल में हाल ही में ऐसी 'अराजक स्थिति' पैदा हो गयी कि पुलिस स्थिति को संभाल रही है. याचिका में कहा गया है कि विशेषज्ञों व डॉक्टरों की कमी से गरीब और आर्थिक रूप से वंचित वर्ग में भारी निराशा है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह अपने मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों में से एक में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की नियुक्ति के अनुरोध वाली जनहित याचिका को प्रतिवेदन मान कर उस पर विचार करे.

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति की पीठ ने कहा कि नियुक्ति की प्रक्रिया के लिए विज्ञापन, साक्षात्कार और काफी कुछ चाहिए. पीठ ने कहा कि याचिका में की गयी शिकायतों पर पहले अधिकारियों को गौर करना चाहिए. पीठ ने कहा, 'कानून और नीति के अनुसार शिकायतों का जल्दी और व्यावहारिक समाधान करें.'

दिल्ली सरकार के वकील सत्यकाम ने कहा कि अधिकारी रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए लोगों का साक्षात्कार ले रहे हैं और किसी भी मरीज को अस्पताल से नहीं लौटाया जा रहा है.

अधिवक्ता अमित साहनी द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जगप्रवेश अस्पताल ने विशेष रूप से एनेस्थेटिस्ट की कमी के कारण गर्भवती महिलाओं को भर्ती करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मामले की तात्कालिकता को देखते हुए, अधिकारियों को पहले प्रतिवेदन सौंपे बिना अदालत के समक्ष याचिका दायर की गयी.

इसे भी पढे़ं-वॉट्सएप को आयरलैंड में लगा $267 मिलियन का जुर्माना, जानें कारण

वकील ने एक अखबार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि एनेस्थेटिस्ट की कमी के कारण अस्पताल में हाल ही में ऐसी 'अराजक स्थिति' पैदा हो गयी कि पुलिस स्थिति को संभाल रही है. याचिका में कहा गया है कि विशेषज्ञों व डॉक्टरों की कमी से गरीब और आर्थिक रूप से वंचित वर्ग में भारी निराशा है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.