कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने मंगलवार को सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) (बीएसएफ) के क्षेत्राधिकार बढ़ाए जाने को लेकर केंद्र और बंगाल सरकार से हलफनामा मांगा है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दोनों सरकारों से 22 फरवरी तक हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया है.
वादी के वकील सब्यसाची दत्ता और सयान बंदोपाध्याय (Sabyasachi Dutta and Sayan Bandopadhya) ने मंगलवार को पीठ को बताया कि बीएसएफ के क्षेत्राधिकार का विस्तार करने का केंद्र सरकार का आदेश देश के संघीय ढांचे पर सीधा हमला है.
उन्होंने कोर्ट को बताया कि यदि इस मामले में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) का दरवाजा नहीं खटखटाती है, तो हाईकोर्ट को यह समीक्षा करने का पूरा अधिकार है कि केंद्र सरकार अपने अधिकार का दुरुपयोग कर रही है या नहीं. उन्होंने कोर्ट से कहा कि केंद्र की मोदी सरकार भारतीय संविधान (indian constitution) के अनुच्छेद 139 (Airtical 139) के तहत दिए गए अधिकार का दुरुपयोग कर रही है.
इस मामले पर कोर्ट में तर्क देते हुए राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्रनाथ मुखोपाध्याय (state’s advocate general, Soumendranath Mukhopadhyay ) ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही इस संबंध में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर चुकी है. हमें उस याचिका की सामग्री और कागजात की समीक्षा करनी बाकी है. पश्चिम बंगाल सरकार उस याचिका में दलीलों की समीक्षा करने के बाद ही अपनी राय रखेगी.
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केंद्र सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल वाईजे दस्तूर (additional solicitor general, YJ Dastoor) ने कोर्ट को बताया कि राजस्थान और गुजरात में बीजेपी का अधिकार क्षेत्र सीमा से 50 किलोमीटर दूर है. पश्चिम बंगाल के मामले में यह पहले 15 किलोमीटर था, जिसे अब बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि पंजाब में भी बीएसएफ की अधिकार क्षेत्र सीमा 50 किमी की गई है. हम इस मामले में अपनी विस्तृत दलील पेश करने के लिए और समय चाहते हैं.