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हर्षवर्धन ने कहा-टीकों की बर्बादी की जांच करें, गहलोत सरकार कराएगी ऑडिट - Harsh Vardhan

कोविड-19 वैक्सीनेशन के तहत टीके की बर्बादी के आरोपों के बीच राजस्थान सरकार ने टीकाकरण का ऑडिट करवाने की घोषणा की है. इसके साथ ही गहलोत सरकार ने कहा है कि राज्य में टीकों का वेस्टेज दो फीसदी से कम है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन
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Published : Jun 1, 2021, 4:40 AM IST

नई दिल्ली/जयपुर : राजस्थान में कूड़े में कोरोना वैक्सीन मिलने का मामला तूल पकड़ रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री से राज्य में कोविड रोधी टीकों की कथित बर्बादी की खबर की प्राथमिकता से जांच कराने को कहा. इसके बाद गहलोत सरकार ने वैक्सीन का ऑडिट कराने का फैसला किया है.

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को भेजे गए पत्र में हर्षवर्धन ने कहा है कि मीडिया में ऐसी खबर है कि राज्य के 35 कोविड टीकाकरण केंद्रों पर कोविड-19 टीके की 500 से अधिक शीशियां कूड़ेदान में मिलीं जो बिलकुल 'स्वीकार्य नहीं' है और इसकी जांच की जानी चाहिए.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के कुछ जिलों में टीकों की अधिक बर्बादी संबंधी खबरों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि लगभग सभी जिलों में टीके की बर्बादी एक फीसद से कम के राष्ट्रीय औसत से अधिक है.

इस पर चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रदेश में वैक्सीन का वेस्टेज मात्र 2 फीसदी से कम है, जो केंद्र की ओर से अनुमत सीमा 10 फीसदी और वैक्सीन वेस्टेज के राष्ट्रीय औसत 6 फीसदी से बेहद कम है.

प्रमुख शासन सचिव एवं स्वास्थ्य अखिल अरोड़ा ने बताया कि कुछ स्थानों पर वैक्सीन के वेस्टेज की खबरें सामने आई है. चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रारंभिक जांच में वैक्सीन की वेस्टेज कहीं भी नहीं पाई गई.

उन्होंने बताया कि इसके बावजूद हाईलाइट किए गए स्थानों की जिला कलेक्टर के माध्यम से विशेष रूप से वैक्सीन ऑडिट करवाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश के सभी जिलों में वैक्सीन के संबंध में जारी गाइडलाइन की अनुपालना भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

'ध्यान देने के निर्देश दिए गए'

अखिल अरोड़ा ने बताया कि वेस्टेज बिल्कुल नहीं होने देने, वैक्सीनेशन लगाने के बाद निर्धारित आधे घंटे तक वैक्सीनेटेड व्यक्ति को ऑब्जर्वेशन रूम में रहने और सॉफ्टवेयर पर प्रोपर एंट्री के संबंध में भी ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन सेंटर का सीएमएचओ, डिप्टी सीएमएचओ और जिला कलक्टर की ओर से नामित प्रशासनिक अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे. इनके अतिरिक्त प्रदेश के स्वास्थ्य मुख्यालय से वरिष्ठ चिकित्सकों के दल भिजवाकर कोरोना के संबंध में पीरियडिकल ऑडिट भी करवाई जाएगी.

पढ़ें- कोविड से जीते लोगों के लिए टीके की एक ही खुराक पर्याप्त : वैज्ञानिकों का दावा

इस ऑडिट में संबंधित जिलों में कोविड की रोकथाम के लिए की गई व्यवस्थाओं, उपचार सहित अन्य व्यवस्थाओं और वैक्सीनेशन के संबंध में आवश्यक जानकारी लेकर व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाएगा.

नई दिल्ली/जयपुर : राजस्थान में कूड़े में कोरोना वैक्सीन मिलने का मामला तूल पकड़ रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री से राज्य में कोविड रोधी टीकों की कथित बर्बादी की खबर की प्राथमिकता से जांच कराने को कहा. इसके बाद गहलोत सरकार ने वैक्सीन का ऑडिट कराने का फैसला किया है.

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को भेजे गए पत्र में हर्षवर्धन ने कहा है कि मीडिया में ऐसी खबर है कि राज्य के 35 कोविड टीकाकरण केंद्रों पर कोविड-19 टीके की 500 से अधिक शीशियां कूड़ेदान में मिलीं जो बिलकुल 'स्वीकार्य नहीं' है और इसकी जांच की जानी चाहिए.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के कुछ जिलों में टीकों की अधिक बर्बादी संबंधी खबरों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि लगभग सभी जिलों में टीके की बर्बादी एक फीसद से कम के राष्ट्रीय औसत से अधिक है.

इस पर चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रदेश में वैक्सीन का वेस्टेज मात्र 2 फीसदी से कम है, जो केंद्र की ओर से अनुमत सीमा 10 फीसदी और वैक्सीन वेस्टेज के राष्ट्रीय औसत 6 फीसदी से बेहद कम है.

प्रमुख शासन सचिव एवं स्वास्थ्य अखिल अरोड़ा ने बताया कि कुछ स्थानों पर वैक्सीन के वेस्टेज की खबरें सामने आई है. चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रारंभिक जांच में वैक्सीन की वेस्टेज कहीं भी नहीं पाई गई.

उन्होंने बताया कि इसके बावजूद हाईलाइट किए गए स्थानों की जिला कलेक्टर के माध्यम से विशेष रूप से वैक्सीन ऑडिट करवाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश के सभी जिलों में वैक्सीन के संबंध में जारी गाइडलाइन की अनुपालना भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

'ध्यान देने के निर्देश दिए गए'

अखिल अरोड़ा ने बताया कि वेस्टेज बिल्कुल नहीं होने देने, वैक्सीनेशन लगाने के बाद निर्धारित आधे घंटे तक वैक्सीनेटेड व्यक्ति को ऑब्जर्वेशन रूम में रहने और सॉफ्टवेयर पर प्रोपर एंट्री के संबंध में भी ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन सेंटर का सीएमएचओ, डिप्टी सीएमएचओ और जिला कलक्टर की ओर से नामित प्रशासनिक अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे. इनके अतिरिक्त प्रदेश के स्वास्थ्य मुख्यालय से वरिष्ठ चिकित्सकों के दल भिजवाकर कोरोना के संबंध में पीरियडिकल ऑडिट भी करवाई जाएगी.

पढ़ें- कोविड से जीते लोगों के लिए टीके की एक ही खुराक पर्याप्त : वैज्ञानिकों का दावा

इस ऑडिट में संबंधित जिलों में कोविड की रोकथाम के लिए की गई व्यवस्थाओं, उपचार सहित अन्य व्यवस्थाओं और वैक्सीनेशन के संबंध में आवश्यक जानकारी लेकर व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाएगा.

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