श्रीनगर: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (PDP president Mehbooba Mufti) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर हर घर तिरंगा अभियान के लिए लोगों को राष्ट्रीय ध्वज खरीदने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देशभक्ति स्वाभाविक रूप से आती है और इसे थोपा नहीं जा सकता. यह अभियान 13 से 15 अगस्त तक 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत नागरिकों को अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया गया है.
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The manner in which J&K admin is forcing students, shopkeepers & employees to pay for national flag to hoist it is as if Kashmir is an enemy territory that needs to be captured. Patriotism comes naturally & can’t be imposed. pic.twitter.com/FdMDBrouev
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मुफ्ती द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए एक कथित वीडियो में, दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में बिजबेहरा नगरपालिका के एक वाहन के ऊपर लगे लाउडस्पीकर से एक सार्वजनिक घोषणा की जा रही है, जिसमें क्षेत्र के दुकानदारों से अभियान के लिए तिरंगा खरीदने के लिए प्रत्येक को 20 रुपये जमा करने के लिए कहा जा रहा है. 'जिस तरह से जम्मू-कश्मीर प्रशासन छात्रों, दुकानदारों और कर्मचारियों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर कर रहा है, ऐसा लगता है कि कश्मीर एक दुश्मन क्षेत्र है जिसे कब्जा करने की जरूरत है.' मुफ्ती ने कहा कि स्थानीय लोगों से कहा गया था कि अगर वे अभियान में शामिल होने से इनकार करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
जम्मू-कश्मीर शिक्षक मंच के अध्यक्ष मुहम्मद रफीक राथर ने प्रशासन के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम हमेशा से तिरंगा लहराते आ रहे हैं और यह हमेशा से हमारे आधिकारिक कार्यों का हिस्सा रहा है. उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार के द्वारा कर्मचारियों और छात्रों से पैसे की मांग क्यों की जा रही है. हालांकि कश्मीर में प्रशासन ने कहा है कि यह पहल पूरी तरह से स्वैच्छिक आधार पर किया गया आंदोलन है और इसमें किसी तरह की कोई बाध्यता या कोई जिद नहीं होगी.
वहीं कश्मीर के संभागीय आयुक्त कश्मीर पीके पोल ने कहा कि उन सभी नागरिकों का जो 13 अगस्त से 15 अगस्त के बीच ध्वज संहिता का पालन करके अपने घरों या अपनी दुकानों में तिरंगा फहराना चाहते हैं, उनका स्वागत है और उन्हें उचित दर पर तिरंगा दिया जाएगा और ध्वज फहराते समय इसके नियमों का पालन करने की जरूरत है.
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