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इलाज के लिए म्यांमार से भारत लाए गए गंभीर बीमारियों से पीड़ित 24 मरीज

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Published : Jul 8, 2021, 9:43 PM IST

Updated : Jul 8, 2021, 10:46 PM IST

गंभीर बीमारियों से पीड़ित एवं अंग प्रतिरोपण तथा विशेष चिकित्सा उपचार की छह महीने से अधिक समय से प्रतीक्षा कर रहे 24 मरीजों के एक समूह को म्यांमार से इलाज के लिए दिल्ली के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल में लाया गया है. इन लोगों को कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति की वजह से उचित उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही थी.

गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को दिल्ली लाया गया
गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को दिल्ली लाया गया

नई दिल्ली : गंभीर बीमारियों से पीड़ित एवं अंग प्रतिरोपण तथा विशेष चिकित्सा उपचार की छह महीने से अधिक समय से प्रतीक्षा कर रहे 24 मरीजों के एक समूह को म्यांमार से इलाज के लिए दिल्ली के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल में लाया गया है. इन लोगों को कोविड-19 से ज्यादा होने की स्थिति की वजह से उचित उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही थी. अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

अपोलो अस्पताल के अधिकारियों ने दी जानकारी
चिकित्सकों के मुताबिक इलाज के लिए दिल्ली लाए गए, मरीज लिवर अथवा गुर्दे की बीमारी से लेकर हेपेटाइटिस बी वायरस संक्रमण से भी पीड़ित हैं. अपोलो अस्पताल के एक प्रवक्ता ने कहा, कोविड-19 संबंधी लॉकडाउन के बीच अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए प्रतिबंधों में छूट दिए जाने के बाद मरीजों के समूह को एक विशेष चार्टर्ड विमान के जरिए दो जुलाई को दिल्ली लाया गया.

विदेश से पहले भी इलाज के लिए आते थे मरीज
चिकित्सकों के मुताबिक विदेश से कई मरीज समय-समय पर चिकित्सा संबंधी सलाह और इलाज के लिए दिल्ली आते हैं. लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर रोक लगा दी गई थी, इसलिए ये मरीज नहीं आ सके थे. अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि म्यांमार से इलाज के लिए आए 24 मरीजों को फिलहाल 12 दिन के लिए होम क्वारंटाइन में रखा गया है. इसके बाद अंग प्रतिरोपण को लेकर उनकी स्थिति की समीक्षा की जाएगी, जिसके बाद यह फैसला लिया जाएगा कि किस मरीज को अंग प्रतिरोपण की आवश्यकता है और किस मरीज के लिए विशेष चिकित्सा इलाज ही पर्याप्त होगा.

इसे भी पढ़े-ब्रिटेन : जनवरी के बाद पहली बार एक दिन में मिले 32 हजार कोरोना के मामले

अपोलो अस्पताल के समूह चिकित्सा निदेशक डॉक्टर अनुपम सिब्बल ने कहा, ये मरीज लिवर, गुर्दे और हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं और पिछले करीब छह महीने से अधिक समय से अंग प्रतिरोपण तथा विशेष चिकित्सा उपचार की प्रतीक्षा कर रहे थे. अंतरराष्ट्रीय यात्रा में छूट दिए जाने के अलावा दोनों देशों के दूतावासों के बीच सहयोग से इन्हें भारत में इलाज के लिए हमारे अस्पताल में लाया गया है.

चिकित्सकों का कहना है कि सभी मरीजों की हालत बेहद गंभीर है और यदि इन्हें इलाज मिलने में किसी भी प्रकार की देरी हुई, तो यह उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : गंभीर बीमारियों से पीड़ित एवं अंग प्रतिरोपण तथा विशेष चिकित्सा उपचार की छह महीने से अधिक समय से प्रतीक्षा कर रहे 24 मरीजों के एक समूह को म्यांमार से इलाज के लिए दिल्ली के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल में लाया गया है. इन लोगों को कोविड-19 से ज्यादा होने की स्थिति की वजह से उचित उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही थी. अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

अपोलो अस्पताल के अधिकारियों ने दी जानकारी
चिकित्सकों के मुताबिक इलाज के लिए दिल्ली लाए गए, मरीज लिवर अथवा गुर्दे की बीमारी से लेकर हेपेटाइटिस बी वायरस संक्रमण से भी पीड़ित हैं. अपोलो अस्पताल के एक प्रवक्ता ने कहा, कोविड-19 संबंधी लॉकडाउन के बीच अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए प्रतिबंधों में छूट दिए जाने के बाद मरीजों के समूह को एक विशेष चार्टर्ड विमान के जरिए दो जुलाई को दिल्ली लाया गया.

विदेश से पहले भी इलाज के लिए आते थे मरीज
चिकित्सकों के मुताबिक विदेश से कई मरीज समय-समय पर चिकित्सा संबंधी सलाह और इलाज के लिए दिल्ली आते हैं. लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर रोक लगा दी गई थी, इसलिए ये मरीज नहीं आ सके थे. अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि म्यांमार से इलाज के लिए आए 24 मरीजों को फिलहाल 12 दिन के लिए होम क्वारंटाइन में रखा गया है. इसके बाद अंग प्रतिरोपण को लेकर उनकी स्थिति की समीक्षा की जाएगी, जिसके बाद यह फैसला लिया जाएगा कि किस मरीज को अंग प्रतिरोपण की आवश्यकता है और किस मरीज के लिए विशेष चिकित्सा इलाज ही पर्याप्त होगा.

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अपोलो अस्पताल के समूह चिकित्सा निदेशक डॉक्टर अनुपम सिब्बल ने कहा, ये मरीज लिवर, गुर्दे और हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं और पिछले करीब छह महीने से अधिक समय से अंग प्रतिरोपण तथा विशेष चिकित्सा उपचार की प्रतीक्षा कर रहे थे. अंतरराष्ट्रीय यात्रा में छूट दिए जाने के अलावा दोनों देशों के दूतावासों के बीच सहयोग से इन्हें भारत में इलाज के लिए हमारे अस्पताल में लाया गया है.

चिकित्सकों का कहना है कि सभी मरीजों की हालत बेहद गंभीर है और यदि इन्हें इलाज मिलने में किसी भी प्रकार की देरी हुई, तो यह उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jul 8, 2021, 10:46 PM IST
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