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ज्ञानवापी केस: कार्बन डेटिंग की जांच वाली याचिका पर सुनवाई टली, 11 अक्टूबर को अगली सुनवाई

वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद श्रृंगार गौरी केस में शिवलिंग की कार्बन डेटिंग (carbon dating of shivling) से जुड़ी याचिका पर सुनवाई टल गई. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तारीख नियत की है.

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वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद श्रृंगार गौरी केस
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Published : Oct 7, 2022, 9:59 AM IST

Updated : Oct 7, 2022, 3:08 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में वजू खाने में मिले कथित शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में जिला अजय अजय कृष्ण विशेष ने इस प्रकरण में वादी संख्या 2 से 5 की महिला पक्ष के वकीलों से कार्बन डेटिंग की मांग पर अपनी चीजों को स्पष्ट करने के लिए बहस करने के लिए कहा.

कोर्ट के आदेश पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णुशंकर जैन ने बहस आगे बढ़ाते हुए इस मामले में कार्बन डेटिंग की जगह किसी अन्य वैज्ञानिक तकनीक से चीजों को स्पष्ट करने का आग्रह किया गया है. बता दें कि पहले हरिशंकर जैन की तरफ से कथित शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग की गई थी, जिस पर हिंदू पक्ष एक राखी सिंह यानी विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से इसका विरोध किया गया था. विश्व सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने कार्बन डेटिंग को हिंदू आस्था पर चोट बताते हुए इस तकनीक को शिवलिंग के खंडित होने की वजह माना था.

इसका विरोध करते हुए न्यायालय से कार्बन डेटिंग ना करने की अपील भी की थी. इसके बाद 29 सितंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 7 अक्टूबर की तिथि आदेश के लिए मुकर्रर की थी. लेकिन आज जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई, कोर्ट ने इस मामले में कार्बन डेटिंग प्रकरण का संज्ञान लेकर विष्णु शंकर जैन और हरी शंकर जैन की कार्बन डेटिंग पर चीजें स्पष्ट करने के लिए कहा. जिस पर दोनों वकीलों की तरफ से कार्बन डेटिंग की जगह अन्य वैज्ञानिक तकनीक से इन चीजों को स्पष्ट करने और पता लगाने की बात कही गई. इसके बाद जिला जज की तरफ से मुस्लिम पक्ष से अपनी बातें रखते हुए सुनवाई आगे बढ़ाने के लिए कहा गया. लेकिन मुस्लिम पक्ष ने यह दलील दी कि वह आज आदेश दिए जाने की बात समझकर बहुत ज्यादा तैयारी से नहीं आए हैं. इसलिए उन्हें अगली तिथि दी जाए. जिस पर कोर्ट ने 11 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर करते हुए इस प्रकरण में सुनवाई आगे बढ़ाने के लिए कहा है.

काशी में लगाए गए थे पोस्टर: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में एडवोकेट कमीशन की कार्यवाही के दौरान वजूखाने में एक संरचना मिली थी. हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग बता रहा है, जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह फव्वारा है. हिंदू पक्ष की तरफ से अदालत में कार्बन डेटिंग की मांग पर भले ही ऑर्डर रिजर्व कर लिया गया है कि कार्बन डेटिंग होगी कि नहीं. मगर, अभी से शिवलिंग के वैज्ञानिक जांच की मांग पोस्टर के जरिए उठने लगी. वाराणसी के तमाम इलाकों में शिवलिंग की वैज्ञानिक तरीके से जांच की मांग के समर्थन में पोस्टर सड़क किनारे लगे देखे गए.

ये पोस्टर शहर के अंधरापुल, कचहरी, दुर्गाकुंड सहित तमाम जगहों पर सैकड़ों की संख्या में लगाए गये थे. पोस्टर लगाने की जिम्मेदारी उस पर लिखे गए संगठन भगवा रक्षा वाहिनी की तरफ से ली गई थी. इसके अलावा वाहिनी के कार्यकर्ताओं के साथ ही पोस्टर पर शृंगार गौरी के वकील हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन की तस्वीरें भी लगी हुई थीं.

ये भी पढ़ें- बाढ़ में फंसे ग्रामीणों के लिए लंच पैकेट लेकर जा रही नाव पलटी, लेखपाल लापता

वाराणसी: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में वजू खाने में मिले कथित शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में जिला अजय अजय कृष्ण विशेष ने इस प्रकरण में वादी संख्या 2 से 5 की महिला पक्ष के वकीलों से कार्बन डेटिंग की मांग पर अपनी चीजों को स्पष्ट करने के लिए बहस करने के लिए कहा.

कोर्ट के आदेश पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णुशंकर जैन ने बहस आगे बढ़ाते हुए इस मामले में कार्बन डेटिंग की जगह किसी अन्य वैज्ञानिक तकनीक से चीजों को स्पष्ट करने का आग्रह किया गया है. बता दें कि पहले हरिशंकर जैन की तरफ से कथित शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग की गई थी, जिस पर हिंदू पक्ष एक राखी सिंह यानी विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से इसका विरोध किया गया था. विश्व सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने कार्बन डेटिंग को हिंदू आस्था पर चोट बताते हुए इस तकनीक को शिवलिंग के खंडित होने की वजह माना था.

इसका विरोध करते हुए न्यायालय से कार्बन डेटिंग ना करने की अपील भी की थी. इसके बाद 29 सितंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 7 अक्टूबर की तिथि आदेश के लिए मुकर्रर की थी. लेकिन आज जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई, कोर्ट ने इस मामले में कार्बन डेटिंग प्रकरण का संज्ञान लेकर विष्णु शंकर जैन और हरी शंकर जैन की कार्बन डेटिंग पर चीजें स्पष्ट करने के लिए कहा. जिस पर दोनों वकीलों की तरफ से कार्बन डेटिंग की जगह अन्य वैज्ञानिक तकनीक से इन चीजों को स्पष्ट करने और पता लगाने की बात कही गई. इसके बाद जिला जज की तरफ से मुस्लिम पक्ष से अपनी बातें रखते हुए सुनवाई आगे बढ़ाने के लिए कहा गया. लेकिन मुस्लिम पक्ष ने यह दलील दी कि वह आज आदेश दिए जाने की बात समझकर बहुत ज्यादा तैयारी से नहीं आए हैं. इसलिए उन्हें अगली तिथि दी जाए. जिस पर कोर्ट ने 11 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर करते हुए इस प्रकरण में सुनवाई आगे बढ़ाने के लिए कहा है.

काशी में लगाए गए थे पोस्टर: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में एडवोकेट कमीशन की कार्यवाही के दौरान वजूखाने में एक संरचना मिली थी. हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग बता रहा है, जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह फव्वारा है. हिंदू पक्ष की तरफ से अदालत में कार्बन डेटिंग की मांग पर भले ही ऑर्डर रिजर्व कर लिया गया है कि कार्बन डेटिंग होगी कि नहीं. मगर, अभी से शिवलिंग के वैज्ञानिक जांच की मांग पोस्टर के जरिए उठने लगी. वाराणसी के तमाम इलाकों में शिवलिंग की वैज्ञानिक तरीके से जांच की मांग के समर्थन में पोस्टर सड़क किनारे लगे देखे गए.

ये पोस्टर शहर के अंधरापुल, कचहरी, दुर्गाकुंड सहित तमाम जगहों पर सैकड़ों की संख्या में लगाए गये थे. पोस्टर लगाने की जिम्मेदारी उस पर लिखे गए संगठन भगवा रक्षा वाहिनी की तरफ से ली गई थी. इसके अलावा वाहिनी के कार्यकर्ताओं के साथ ही पोस्टर पर शृंगार गौरी के वकील हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन की तस्वीरें भी लगी हुई थीं.

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Last Updated : Oct 7, 2022, 3:08 PM IST
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