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गुजरात : बुजुर्गों के गांव में एक भी कोरोना केस नहीं

जहां देश के सभी राज्याें की तरह गुजरात में भी कोरोना वायरस ने कहर बरपाया है, वहीं गुजरात के कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां लोगों ने सख्त अनुशासन का पालन करते हुए इस खतरनाक महामारी को अभी तक रोक रखा है.

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Published : May 8, 2021, 2:33 PM IST

गुजरात : देश के सभी राज्याें में काेराेना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, गुजरात भी इसमें पीछे नहीं, लेकिन गुजरात के कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां लोगों ने सख्त अनुशासन का पालन करते हुए इस खतरनाक महामारी के प्रवेश को अभी तक रोक रखा है. मेहसाणा जिले के बेचारजी तालुका में चंदानी गांव उनमें से एक है.

यह गांव अभी तक कोरोना से अछूता है, खास बात यह है कि गांव में केवल बुजुर्ग हैं क्योंकि ज्यादातर युवा कार्य के सिलसिले में विदेशाें में जा बसे हैं.

गांव में लगभग 70 से 100 बुजुर्ग रहते हैं. यह गर्व की बात है कि काेराेना की दूसरी लहर में जहां सरकार संक्रमण नहीं राेक पा रही है और सख्त कानून लागू किया जा रहा है, ऐसे में इस गांव में कोरोना संक्रमण का एक भी मामला अब तक सामने नहीं आया है.

गांव के बुजुर्ग न तो गांव से बाहर जाते हैं और न ही किसी बाहरी व्यक्ति को उनसे मिलने देते हैं. सभी ग्रामीण मास्क पहनते हैं, अपने हाथों को साफ करते रहते हैं, सामाजिक दूरी बनाए रखते हैं और ज्यादातर घर में ही रहते हैं.

इतना ही नहीं गांव के सभी बुजुर्गों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ली है. गांव के एक भी व्यक्ति को बुखार, खांसी और सर्दी और इस तरह की अन्य बीमारी नहीं है.

इसे भी पढ़ें : कोरोना से फैली अव्यवस्था के लिए बढ़ता निजीकरण जिम्मेदार : उमा भारती

यदि गांव में कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है, तो स्थानीय समारितन पूनम भाई उसे अपने वाहन सरकारी या निजी अस्पताल में चिकित्सक के परामर्श के लिए पास गांव से बाहर बेचारजी लेकर जाते हैं.

गुजरात : देश के सभी राज्याें में काेराेना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, गुजरात भी इसमें पीछे नहीं, लेकिन गुजरात के कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां लोगों ने सख्त अनुशासन का पालन करते हुए इस खतरनाक महामारी के प्रवेश को अभी तक रोक रखा है. मेहसाणा जिले के बेचारजी तालुका में चंदानी गांव उनमें से एक है.

यह गांव अभी तक कोरोना से अछूता है, खास बात यह है कि गांव में केवल बुजुर्ग हैं क्योंकि ज्यादातर युवा कार्य के सिलसिले में विदेशाें में जा बसे हैं.

गांव में लगभग 70 से 100 बुजुर्ग रहते हैं. यह गर्व की बात है कि काेराेना की दूसरी लहर में जहां सरकार संक्रमण नहीं राेक पा रही है और सख्त कानून लागू किया जा रहा है, ऐसे में इस गांव में कोरोना संक्रमण का एक भी मामला अब तक सामने नहीं आया है.

गांव के बुजुर्ग न तो गांव से बाहर जाते हैं और न ही किसी बाहरी व्यक्ति को उनसे मिलने देते हैं. सभी ग्रामीण मास्क पहनते हैं, अपने हाथों को साफ करते रहते हैं, सामाजिक दूरी बनाए रखते हैं और ज्यादातर घर में ही रहते हैं.

इतना ही नहीं गांव के सभी बुजुर्गों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ली है. गांव के एक भी व्यक्ति को बुखार, खांसी और सर्दी और इस तरह की अन्य बीमारी नहीं है.

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यदि गांव में कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है, तो स्थानीय समारितन पूनम भाई उसे अपने वाहन सरकारी या निजी अस्पताल में चिकित्सक के परामर्श के लिए पास गांव से बाहर बेचारजी लेकर जाते हैं.

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