सूरत : त्योहार में मिठाई खानी तो आम बात है, लेकिन मिठाई अगर 9000 रुपये प्रति किलो वाली खाई जाए तब बात खास हो जाती है. आप भी सोच रहे होंगे कि एक किलोग्राम मिठाई की कीमत 9000 रुपये किलो! जी हां, सही सुना आपने.
शरद पूर्णिमा के दूसरे दिन चंदनी पड़वा (Chandi Padva) पर्व के दिन गुजरात में घारी मिठाई खाने की परंपरा है. दरअसल, गुजरात के सूरत में मिठाई दुकान में खास मिठाई गोल्ड घारी (Gold Ghari) बनाई गई है जो 9000 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रही है.
यह मिठाई मावा, शक्कर, शुद्ध देशी घी और ड्राई फ्रूट्स को मिलाकर तैयार की जाती है. आम तौर पर मिठाइयों पर चांदी का वर्क चढ़ाया जाता है लेकिन घारी पर सोने का वर्क चढ़ाकर इसे गोल्ड घारी बनाया गया है. इस स्पेशल मिठाई में सोने का वर्क चढ़ाया हुआ है. इस वजह से यह इतनी महंगी है.
गोल्ड घारी पर सोने का वर्क है और सोना स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है. ग्राहकों का कहना है कि भले ही थोड़ा सा खायेंगे लेकिन एक बार तो जरूर खाकर देखेंगे के सोने के वर्क चढ़े हुए घारी का स्वाद कैसा लगता है. उम्मीद है कि आनेवाले दिनों में डिमांड और बढ़ेगी और लोगों को यह मिठाई पसंद भी आएगी.
कोरोना की वजह से पिछले साल इसकी बिक्री प्रभावित थी. गुजरात में घारी मिठाई दिवाली और दूसरे त्योहारों में खूब बिकती है. सूरत शहर में इस मिठाई की बिक्री खासतौर पर ज्यादा होती है.
सूरत के व्यंजनों को विदेशों में भी सराहा जाता है, साथ ही एयर कार्गो के माध्यम से प्री-ऑर्डर प्रदान करते हैं. हर साल की तुलना में इस साल घारी की अलग-अलग किस्में देखने को मिल रही हैं.
घारी की अलग-अलग वैराइटी
मावा घारी - रु. 620/किग्रा, बादाम पिस्ता घारी - 660/किलोग्राम, विशेष केसर (केसर) पिस्ता घारी - 720/किलोग्राम, क्रीम और कुकीज - 680/किलोग्राम, स्विस चॉकलेट नट्स - 680/किलोग्राम, काजू मैंगो मैजिक घारी - 680/किलो, संतरा बुखारा नट - 680/किलोग्राम, अंजीर अखरोट घारी - 680/किलोग्राम, स्ट्राबेरी नट घारी - 680/किलोग्राम, कलकत्ता पान-मसाला घारी - 680/किलोग्राम, विशेष कृष्णा कस्तूरी घारी - 800/किग्रा, ड्राईफ्रूट घारी - 1100/किग्रा, विशेष केसर बादाम पिस्ता शुगर फ्री घारी - 840/किलोग्राम बिक रही है.
गोल्ड घारी सूरत के एक मिठाई विक्रेता द्वारा बनाई जाती है, जिसकी कीमत 9,000 रुपये प्रति किलो है और इस घारी की खासियत यह है कि यह 10 दिनों तक चलती है.
प्राचीन काल में राजा, महाराजा खाद्य पदार्थों में सोने का उपयोग करते थे, जिसके कारण सूरत में हलवाई द्वारा सोने की वर्क के साथ मिठाई बनाई जाती है. मिठाई बेचने वाली राधा मिठाईवाला ने ईटीवी भारत को बताया कि इसको बनाने में सूखे मेवे और शुद्ध घी का उपयोग किया जाता है. अंत में सोने की वर्क लगाई जाती है. देश के अन्य शहरों से ऑर्डर प्राप्त होते हैं लेकिन विदेशों से भी ऑनलाइन होते हैं.
वहीं इस बार घारी के दाम में पिछले साल के मुकाबले 10 फीसदी प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है. गत वर्ष जो 560 रुपए प्रति किलो थी वह इस बार 600 किलो बिक रही है.
घारी विक्रेताओं का कहना है कि एक साल में प्रति 15 किलो खाद्य तेल की कीमत में 1000 रुपये तक की वृद्धि हुई है. बेसन और घी के दाम भी बढ़े हैं. इस वजह से घारी के दाम बढ़ गए हैं.