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गुजरात में भी धर्म परिवर्तन : संतोष बन गया अब्दुल्ला

कम उम्र में घर से लापाता होने के बाद संतोष धर्म परिवर्तन कर लिया. परिवार का आरोप है कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है. धर्म परिवर्तन करने वाले ने बताया कि वह अब अब्दुल्ला बन चुका है... पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 3, 2021, 2:14 PM IST

Updated : Jul 3, 2021, 2:39 PM IST

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सूरत: उत्तर प्रदेश के बाद अब गुजरात में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. सूरत के संतोष पढ़ारे अब्दुल्ला बन गए हैं. परिवार को इस बात की जानकारी 6 साल पहले हुई थी. आरोप है कि, संतोष को तरह-तरह के प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया गया था. अभी संतोष कहां है यह उसके परिवार को कोई जानकारी नहीं है, लेकिन जब अब्दुल्ला बने संतोष को परिजन पुलिस के जरिए उसे घर वापस ले आए थे. जिसके 5 महीने बाद वह बिना किसी को बताए घर से भाग गया था.

इस मामले में परिवार का आरोप है कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) कराया गया. सुरत के आजाद नगर स्लम इलाके में पढारे सालों से अपने 3 भाईयों के साथे रहता था. कम उम्र में ही अनाथ हो गए तीनों भाई गरीबी में जीवन यापन करने को मजबूर थे.

वीडियो-

इसी बीच सबसे छोटा भाई संतोष 2013 में 16 साल की उम्र में लापता हो गया था. सालों की तलाश के बाद भी उसका कोई पता नहीं चला. 6 साल बाद अचानक संतोष ने अपने बड़े भाई को फोन किया और कहा कि वह संतोष से अब्दुल्ला बन गया है. यह सुनकर दोनों भाई सहम गए थे.

भाइयों का कहना है कि सन् 2013 में संतोष की उम्र करीब 16 साल थी.

जब संतोष ने अपने धर्म परिवर्तन के बाद पहली बार अपने भाई को फोन किया तो दोनों भाइयों ने उसे मनाने की बहुत कोशिश की और उसे सूरत वापस लाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन अब्दुल्ला बना हुआ संतोष वापस नहीं आना चाहता था. इसी बीच दोनों भाइयों ने एक हिंदू संगठन के जरिए पुलिस से संपर्क किया. पुलिस उसे दिल्ली की एक मस्जिद से ले आई, लेकिन करीब 5 महीने बाद वह बिना किसी को बताए घर से भाग गया था.

संतोष के भाई दिनेश ने कहा कि 6 साल पहले जब उन्होंने पहली बार फोन किया तो उसने कहा कि वह अब संतोष नहीं हैं बल्कि अब्दुल्ला बन गया है. उसने अपने दोनों भाइयों को भी धर्म परिवर्तन कर के अमीर बनने की सलाह दी थी. दिनेश ने कहा, उन्होंने उन्हें कश्मीर में अपने दोस्तों के बारे में भी बताया. उन्होंने यह भी कहा कि इन दोस्तों के पाकिस्तान में कई दोस्त थे.

पढ़ें : रेणु से आयशा बनीं महिला, मिल रही जान से मारने की धमकियां

दिनेश ने आगे कहा, 'मेरे भाई को लालच देकर धर्मांतरण किया गया है. जानकारी के मुताबिक अब्दुल्ला गरीब बच्चों को मदरसे में पढ़ाता था और मौलाना बनना चाहता था. दिनेश ने बताया कि वह संतोष को ऐसे माहौल से दूर रखने के लिए कई बार कोशिश की, लेकिन वह फिर से इन लोगों के संपर्क में आता रहा. यहां तक ​​कि जब उसे पुलिस के माध्यम से सूरत लाया गया, तो भी वह चुपके से मस्जिद में जाकर नमाज अदा करता था.

इस मामले में बजरंग दल के दक्षिण गुजरात समन्वयक देवी प्रसाद दुबे ने कहा की सरकार को ऐसे मामले को गंभीरता से लेते हुए षड्यंत्रकारियों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए.

जानकारी के मुताबिक संतोष का अब तक कोई पता नहीं चला है. खोजबीन जारी है.

सूरत: उत्तर प्रदेश के बाद अब गुजरात में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. सूरत के संतोष पढ़ारे अब्दुल्ला बन गए हैं. परिवार को इस बात की जानकारी 6 साल पहले हुई थी. आरोप है कि, संतोष को तरह-तरह के प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया गया था. अभी संतोष कहां है यह उसके परिवार को कोई जानकारी नहीं है, लेकिन जब अब्दुल्ला बने संतोष को परिजन पुलिस के जरिए उसे घर वापस ले आए थे. जिसके 5 महीने बाद वह बिना किसी को बताए घर से भाग गया था.

इस मामले में परिवार का आरोप है कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) कराया गया. सुरत के आजाद नगर स्लम इलाके में पढारे सालों से अपने 3 भाईयों के साथे रहता था. कम उम्र में ही अनाथ हो गए तीनों भाई गरीबी में जीवन यापन करने को मजबूर थे.

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इसी बीच सबसे छोटा भाई संतोष 2013 में 16 साल की उम्र में लापता हो गया था. सालों की तलाश के बाद भी उसका कोई पता नहीं चला. 6 साल बाद अचानक संतोष ने अपने बड़े भाई को फोन किया और कहा कि वह संतोष से अब्दुल्ला बन गया है. यह सुनकर दोनों भाई सहम गए थे.

भाइयों का कहना है कि सन् 2013 में संतोष की उम्र करीब 16 साल थी.

जब संतोष ने अपने धर्म परिवर्तन के बाद पहली बार अपने भाई को फोन किया तो दोनों भाइयों ने उसे मनाने की बहुत कोशिश की और उसे सूरत वापस लाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन अब्दुल्ला बना हुआ संतोष वापस नहीं आना चाहता था. इसी बीच दोनों भाइयों ने एक हिंदू संगठन के जरिए पुलिस से संपर्क किया. पुलिस उसे दिल्ली की एक मस्जिद से ले आई, लेकिन करीब 5 महीने बाद वह बिना किसी को बताए घर से भाग गया था.

संतोष के भाई दिनेश ने कहा कि 6 साल पहले जब उन्होंने पहली बार फोन किया तो उसने कहा कि वह अब संतोष नहीं हैं बल्कि अब्दुल्ला बन गया है. उसने अपने दोनों भाइयों को भी धर्म परिवर्तन कर के अमीर बनने की सलाह दी थी. दिनेश ने कहा, उन्होंने उन्हें कश्मीर में अपने दोस्तों के बारे में भी बताया. उन्होंने यह भी कहा कि इन दोस्तों के पाकिस्तान में कई दोस्त थे.

पढ़ें : रेणु से आयशा बनीं महिला, मिल रही जान से मारने की धमकियां

दिनेश ने आगे कहा, 'मेरे भाई को लालच देकर धर्मांतरण किया गया है. जानकारी के मुताबिक अब्दुल्ला गरीब बच्चों को मदरसे में पढ़ाता था और मौलाना बनना चाहता था. दिनेश ने बताया कि वह संतोष को ऐसे माहौल से दूर रखने के लिए कई बार कोशिश की, लेकिन वह फिर से इन लोगों के संपर्क में आता रहा. यहां तक ​​कि जब उसे पुलिस के माध्यम से सूरत लाया गया, तो भी वह चुपके से मस्जिद में जाकर नमाज अदा करता था.

इस मामले में बजरंग दल के दक्षिण गुजरात समन्वयक देवी प्रसाद दुबे ने कहा की सरकार को ऐसे मामले को गंभीरता से लेते हुए षड्यंत्रकारियों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए.

जानकारी के मुताबिक संतोष का अब तक कोई पता नहीं चला है. खोजबीन जारी है.

Last Updated : Jul 3, 2021, 2:39 PM IST
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