वडोदरा: गुजरात के वडोदरा में एक बुजुर्ग की मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार रोक दिया गया. बताया जा रहा है कि गांव में यह एक मात्र श्मशान घाट है, जहां कथित ऊंची जाति के लोगों ने बुजुर्ग के अंतिम संस्कार को नहीं होने दिया. यह घटना बुधवार को वडोदरा जिले के पादरा तालुका के गामेथा गांव में हुई. यहां एक 68 वर्षीय कंचनभाई वानकर की मौत के बाद ऊंची जातियों के लोगों ने उनके शव का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया.
इस घटना के चलते बुजुर्ग का शव करीब 15 घंटे तक वहीं रखा रहा. आखिरकार दलितों को श्मशान घाट से बाहर जाकर बुजुर्ग का अंतिम संस्कार करना पड़ा. दलित समुदाय के खिलाफ इस घटना से नाराज दलित समुदाय के नेताओं ने वडु पुलिस स्टेशन में इस मामले की शिकायत दी है. इस शिकायत में गांव की सरपंच के पति सहित 13 लोगों को नामजद किया गया है. अब एहतियात के तौर पर गांव में पुलिस पार्टी भी तैनात कर दी गई है.
जानकारी के अनुसार जब अंतिम यात्रा गांव के एकमात्र कब्रिस्तान तक पहुंची और अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी. इसी बीच गांव की सरपंच के पति नगीनभाई पटेल सहित अन्य लोग मौके पहुंच गए और अंतिम संस्कार करने से रोक दिया. एक स्थानीय महिला ने बताया कि मृतक चाचा का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया. जैसे ही शव को लाया गया, हजारों की संख्या में लोग यहां जमा हो गये और मृतक के घरवाले को कहा कि अगर तुम शव को जलाओगे, तो यह ठीक नहीं होगा और हम तुम्हें गांव में नहीं रहने देंगे.
बताया जा रहा है कि गांव में दलितों के लिए आरक्षित जगह पर बारिश का पानी भरा हुआ था, इसलिए वे अंतिम संस्कार के लिए गांव के दूसरे श्मशान घाट में गए थे. लेकिन मना किए जाने के बाद मृतक के परिजनों ने बुजुर्ग का अंतिम संस्कार दूसरी जगह पर कर दिया. वडोदरा जिला के एसपी, रोहन आनंद ने बताया कि गुरुवार को मृतक के परिवार के सदस्य पुलिस स्टेशन आए और शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें अंतिम संस्कार से वंचित कर दिया गया और जातिसूचक शब्द कहे गए. मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी.