अहमदाबाद: गुजरात के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में मैच देखने आए लोगों को खालिस्तानी आतंकवादी के नाम से धमकी भरे संदेश भेजने के आरोप में मध्य प्रदेश से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इन आरोपियों के पास सिम से भरे दो और बॉक्स मिलने के बाद साइबर क्राइम ने आरोपियों से और पूछताछ की है. जब्त किए गए दो बॉक्स में कुल 60 सिम कार्ड बरामद हुए हैं. जांच में पता चला है कि इस अपराध में आरोपी के साथ शामिल मोहसिन नाम का व्यक्ति बांग्लादेश का रहने वाला है.
पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि मोहसिन ही पूरे मामले में आरोपियों को सारी सुविधा मुहैया करा रहा था. इस काम के लिए आरोपियों को हर महीने एक से दो लाख रुपए मिल रहे थे. इस मामले में राहुल कुमार द्विवेदी और नरेंद्र कुशवाहा को पहले मध्य प्रदेश के सतना से गिरफ्तार किया जा चुका है. साइबर क्राइम ने दोनों व्यक्तियों के पास से 180 सिम कार्ड, 5 राउटर और 11 सिम बॉक्स सहित 6 मोबाइल फोन जब्त किए हैं.
इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों में राहुल द्विवेदी ने साल 2021 में वर्क परमिट पर दुबई जाकर इस तकनीक को सीखने की बात स्वीकार की है. वह मार्च 2021 को पहली बार दुबई गया और वहां इलेक्ट्रीशियन के रूप में काम किया. 35 दिनों तक दुबई में रहने के बाद वह भारत लौट आया और कुछ समय बाद वह फिर दुबई गया और विभिन्न विदेशियों से अंतरराष्ट्रीय कॉलिंग के लिए संचार प्रणाली के बारे में सीखा.
इसके साथ उसने यह भी सीखा कि अंतरराष्ट्रीय वीओआईपी कॉल को घरेलू वीओआईपी कॉल में कैसे बदला जाता है और डमी टेलीकॉम एक्सचेंज अंतरराष्ट्रीय कॉल करने के लिए कैसे काम करते हैं. जिसके बाद राहुल द्विवेदी को यह काम अच्छा लगा और उसने खुद विदेशी नागरिकों के साथ कमीशन पर इंटरनेशनल कॉलिंग के लिए मिनट्स बेचने का धंधा शुरू कर दिया. राहुल द्विवेदी इस तरह के काम की जानकारी रखने वाले लोगों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए तीन अंतरराष्ट्रीय व्यक्तियों के साथ संपर्क में रहा.
पढ़ें: Gujarat MPs meet: दिल्ली में पीएम आवास पर गुजरात के सांसदों की बैठक
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि उसके साथ आए विदेशी नागरिक आतंकी संगठनों से तो नहीं जुड़े थे. गिरफ्तार आरोपी राहुल द्विवेदी से पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसने ये सिम बॉक्स मुंबई के एक युवक से खरीदे थे, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है. अमेरिका में रह रहे खालिस्तानी आतंकी गुरु पतवंत सिंह पन्नू की आवाज में रिकॉर्ड किए गए संदेश अंग्रेजी में भेजे गए थे.