अहमदाबाद : गुजरात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए मोरबी शहर में पुलिस ने यह गिरफ्तारियां की हैं.
पुलिस महानिदेशक (DGP) आशीष भाटिया ने संवाददाताओं को बताया कि जांच के दौरान अहमदाबाद, जहां शहर की अपराध शाखा के सदस्यों ने एक घर पर धावा बोला और जुहापुरा में 1,170 शीशी रेमेड्सिविर और रुपये भी बरामद किए गए. अधिकारी ने कहा कि 17 लाख नकद और दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
दोनों से पूछताछ करने पर पुलिस ने पाया कि उनके पास सूरत निवासी कौशल वोरा से इंजेक्शन खरीदे गए थे. शहर की अपराध शाखा ने वोरा और सह-आरोपी का पता लगाया. पुनीत गुनवंत शाह ओलपाड के एक गांव में एक फार्म हाउस में रहता है. इसके साथ ही पर्चे के बिना रेमेडिसिवर बेचने के लिए तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने नकली इंजेक्शन बनाने वाली एक पूरी फैक्ट्री को पकड़ा है. फार्म हाउस में इंजेक्शन फैक्ट्री स्थापित किया गया है. आरोपी ने ग्लूकोज पानी और नमक मिलाकर शीशियों को तैयार किया और उन्हें लेबल लगाकर बेचा जा रहा था. आरोपी 60,000 शीशियों को बेचने की योजना बना रहे थे.
जिनमें से 5,000 नकली इंजेक्शन पहले से ही बेचे गए थे. अधिकारी ने कहा कि एक शीशी के लिए 2,500 रुपये था और मांग बढ़ी तो फिर कीमत को 3,500 रुपये तक बढ़ा दिया गया. पुलिस ने कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया है. मोरबी, अहमदाबाद और सूरत से 55,000 शीशियां जब्त की हैं. मुंबई के एक प्रेस में रेमेडिसिवर के 30,000 स्टिकर छापे गए हैं. मौके से कम से कम 1,211 शीशियों की नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन भी जब्त किया गया. आरोपियों के खिलाफ धारा 308 (दोषी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा कि सरकार ने कालाबाजारी या नकली की बिक्री पर नकेल कस दी है. रेमेडिसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी में पुलिस ने अब तक 57 को गिरफ्तार किया है.