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बंगाल और असम में महागठबंधन की बनेगी नई सरकार : डी राजा - west Bengal election

सीपीआई महासचिव डी राजा ने कहा है कि पश्चिम बंगाल और असम में लोग भाजपा और उसके सहयोगी दलों को हराने के लिए तैयार है. उन्होंने दावा किया कि दोनों में महागठबंधन अगली सरकार बनाएगा. उन्होंने कहा कि बंगाल में भाजपा की जोड़-तोड़ की राजनीति सफल नहीं होगी. पढ़ें पूरी खबर...

डी राजा
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Published : Mar 9, 2021, 5:21 PM IST

Updated : Mar 9, 2021, 5:46 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी राजा ने मंगलवार को आत्मविश्वास के साथ कहा कि पश्चिम बंगाल और असम दोनों में महागठबंधन अगली सरकार बनाएगा.

नई दिल्ली में ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजा ने कहा कि लेफ्ट फ्रंट धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक दलों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जो भाजपा और उसके सहयोगियों को हराने के लिए कार्य कर रहे हैं.

सीपीआई महासचिव डी राजा से बातचीत.

उन्होंने कहा कि यह बात हर कोई समझ सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह और पूरी भाजपा इतनी हताश क्यों हो गई है, जिससे स्पष्ट है कि भाजपा लोगों के आक्रोश का सामना कर रही है.

राजा ने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि पश्चिम बंगाल और असम विधानसभा चुनाव में धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक पार्टियां भाजपा और उसके सहयोगियों को हराने में सफल होंगी. उन्होंने कहा कि इन दोनों राज्यों में लोग भाजपा को हराने के लिए दृढ़ हैं.

सीपीआई और अन्य वाम दलों ने असम और पश्चिम बंगाल दोनों में गठबंधन किया है. असम में, वाम दलों ने कांग्रेस, AIUDF और BPF के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया है. इसी तरह, पश्चिम बंगाल में, वाम दलों ने कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के साथ गठबंधन किया है.

महागठबंधन विकल्प देने में सक्षम
राजा ने दावा किया कि असम में महागठबंधन राज्य के लोगों को एक बेहतर विकल्प देने में सक्षम होगा.

राजा ने कहा, 'लोग समझ गए हैं कि गठबंधन वास्तव में विश्वसनीय है और यही वजह है कि शाह और मोदी इतने हताश हैं कि वे अक्सर असम जा रहे हैं और सभी विभाजनकारी मुद्दों को उठा रहे हैं.'

यह सच है कि पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह दोनों ने असम के दौरे पर जाने के अलावा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों को संबोधित किया है. मोदी सरकार ने एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत असम विशेष महत्व दिया है.

कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में हुई महागठबंधन की विशाल रैली का जिक्र करते हुए राजा ने कहा कि बंगाल में भी लोग भाजपा और उसके सहयोगियों को हराने के लिए दृढ़ संकल्प हैं. लोग इसका विकल्प तलाश रहे हैं.

पढ़ें- नंदीग्राम में ममता, बोलीं- आपकी बेटी हूं, कहें तो करूंगी नामांकन, वरना नहीं

दोनों राज्यों में अल्पसंख्यक वोट बैंक से जुड़े सवाल पर राजा ने कहा कि यह अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक वोट का सवाल नहीं है. लोगों को एकजुट करना और उनका विश्वास जीतना है और भाजपा को हराने के लिए मजबूत विकल्प देना है.

पश्चिम बंगाल में 30 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, जो लगभग 100-110 सीटों पर एक निर्णायक कारक है. 2016 में, कांग्रेस और वाम दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था और 77 सीटें हासिल की थीं.

सफल नहीं होगी जोड़-तोड़ की राजनीति
सीपीआई महासचिव ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग देख रहे हैं कि भाजपा कैसे टीएमसी और अन्य दलों के नेताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है. बंगाल में भाजपा की जोड़-तोड़ की राजनीति सफल नहीं होगी.

2011 की जनगणना के अनुसार, असम की कुल मुस्लिम आबादी 1.07 करोड़ है, जो राज्य की कुल 3.12 करोड़ जनसंख्या का 34.22 प्रतिशत है. 126 सदस्यीय असम विधानसभा में वर्तमान में एआईयूडीएफ के 13 विधायक हैं.

डी राजा ने कहा कि दोनों राज्यों में, हम बेरोजगारी, आजीविका, विकास के साथ-साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के मुद्दे को उठाएंगे.

नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी राजा ने मंगलवार को आत्मविश्वास के साथ कहा कि पश्चिम बंगाल और असम दोनों में महागठबंधन अगली सरकार बनाएगा.

नई दिल्ली में ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजा ने कहा कि लेफ्ट फ्रंट धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक दलों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जो भाजपा और उसके सहयोगियों को हराने के लिए कार्य कर रहे हैं.

सीपीआई महासचिव डी राजा से बातचीत.

उन्होंने कहा कि यह बात हर कोई समझ सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह और पूरी भाजपा इतनी हताश क्यों हो गई है, जिससे स्पष्ट है कि भाजपा लोगों के आक्रोश का सामना कर रही है.

राजा ने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि पश्चिम बंगाल और असम विधानसभा चुनाव में धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक पार्टियां भाजपा और उसके सहयोगियों को हराने में सफल होंगी. उन्होंने कहा कि इन दोनों राज्यों में लोग भाजपा को हराने के लिए दृढ़ हैं.

सीपीआई और अन्य वाम दलों ने असम और पश्चिम बंगाल दोनों में गठबंधन किया है. असम में, वाम दलों ने कांग्रेस, AIUDF और BPF के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया है. इसी तरह, पश्चिम बंगाल में, वाम दलों ने कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के साथ गठबंधन किया है.

महागठबंधन विकल्प देने में सक्षम
राजा ने दावा किया कि असम में महागठबंधन राज्य के लोगों को एक बेहतर विकल्प देने में सक्षम होगा.

राजा ने कहा, 'लोग समझ गए हैं कि गठबंधन वास्तव में विश्वसनीय है और यही वजह है कि शाह और मोदी इतने हताश हैं कि वे अक्सर असम जा रहे हैं और सभी विभाजनकारी मुद्दों को उठा रहे हैं.'

यह सच है कि पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह दोनों ने असम के दौरे पर जाने के अलावा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों को संबोधित किया है. मोदी सरकार ने एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत असम विशेष महत्व दिया है.

कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में हुई महागठबंधन की विशाल रैली का जिक्र करते हुए राजा ने कहा कि बंगाल में भी लोग भाजपा और उसके सहयोगियों को हराने के लिए दृढ़ संकल्प हैं. लोग इसका विकल्प तलाश रहे हैं.

पढ़ें- नंदीग्राम में ममता, बोलीं- आपकी बेटी हूं, कहें तो करूंगी नामांकन, वरना नहीं

दोनों राज्यों में अल्पसंख्यक वोट बैंक से जुड़े सवाल पर राजा ने कहा कि यह अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक वोट का सवाल नहीं है. लोगों को एकजुट करना और उनका विश्वास जीतना है और भाजपा को हराने के लिए मजबूत विकल्प देना है.

पश्चिम बंगाल में 30 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, जो लगभग 100-110 सीटों पर एक निर्णायक कारक है. 2016 में, कांग्रेस और वाम दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था और 77 सीटें हासिल की थीं.

सफल नहीं होगी जोड़-तोड़ की राजनीति
सीपीआई महासचिव ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग देख रहे हैं कि भाजपा कैसे टीएमसी और अन्य दलों के नेताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है. बंगाल में भाजपा की जोड़-तोड़ की राजनीति सफल नहीं होगी.

2011 की जनगणना के अनुसार, असम की कुल मुस्लिम आबादी 1.07 करोड़ है, जो राज्य की कुल 3.12 करोड़ जनसंख्या का 34.22 प्रतिशत है. 126 सदस्यीय असम विधानसभा में वर्तमान में एआईयूडीएफ के 13 विधायक हैं.

डी राजा ने कहा कि दोनों राज्यों में, हम बेरोजगारी, आजीविका, विकास के साथ-साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के मुद्दे को उठाएंगे.

Last Updated : Mar 9, 2021, 5:46 PM IST
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