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पेड़ काटने से पहले सभी संभावनाएं तलाशे सरकार : सुप्रीम कोर्ट

भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सेतु भारतम कार्यक्रम से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार को पेड़ों को काटने से पहले सभी संभावनाओं का पता लगाना होगा.

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Published : Feb 18, 2021, 5:03 PM IST

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सेतु भारतम कार्यक्रम से संबंधित मामले की सुनवाई की, जहां पश्चिम बंगाल में 306 पेड़ों को इस महीने के अंत में 24 फरवरी को काटा जाना है. CJI ने कहा कि सरकार को पेड़ों को काटने से पहले सभी संभावनाओं का पता लगाना होगा.

CJI और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की अगुवाई वाली पीठ ने आज पर्यावरण पर की सुनवाई की, जिसमें पश्चिम बंगाल का मामला भी शामिल था.

CJI ने कहा कि कुछ प्रकार के पेड़ों और पेड़ों की निश्चित आयु को कभी भी काटने की अनुमति नहीं दी जाएगी और अदालत पेड़ों की परिपक्वता की आयु निर्धारित करना चाहती है. अदालत ने कहा कि वह इस मामले पर दिशानिर्देश देगी .

CJI ने समिति में शामिल किए जाने वाले नामों के बारे में पूछा, जो इस मामले को देखेंगे और फिर अदालत इस मामले की विस्तार से सुनवाई करेगी.

पढ़ें - वोटिंग वाली याचिका पर SC का केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस

वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने अदालत को सूचित किया कि परियोजना के लिए छह किमी तक मौजूद 306 पेड़ों को काट दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल परियोजना शुरू कर दी गई है, क्योंकि वहां रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज न होने के कारण बहुत सारे लोगों की जान जा चुकी है.

कोर्ट ने समिति के लिए नाम मांगे हैं और अब इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होगी.

नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सेतु भारतम कार्यक्रम से संबंधित मामले की सुनवाई की, जहां पश्चिम बंगाल में 306 पेड़ों को इस महीने के अंत में 24 फरवरी को काटा जाना है. CJI ने कहा कि सरकार को पेड़ों को काटने से पहले सभी संभावनाओं का पता लगाना होगा.

CJI और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की अगुवाई वाली पीठ ने आज पर्यावरण पर की सुनवाई की, जिसमें पश्चिम बंगाल का मामला भी शामिल था.

CJI ने कहा कि कुछ प्रकार के पेड़ों और पेड़ों की निश्चित आयु को कभी भी काटने की अनुमति नहीं दी जाएगी और अदालत पेड़ों की परिपक्वता की आयु निर्धारित करना चाहती है. अदालत ने कहा कि वह इस मामले पर दिशानिर्देश देगी .

CJI ने समिति में शामिल किए जाने वाले नामों के बारे में पूछा, जो इस मामले को देखेंगे और फिर अदालत इस मामले की विस्तार से सुनवाई करेगी.

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वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने अदालत को सूचित किया कि परियोजना के लिए छह किमी तक मौजूद 306 पेड़ों को काट दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल परियोजना शुरू कर दी गई है, क्योंकि वहां रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज न होने के कारण बहुत सारे लोगों की जान जा चुकी है.

कोर्ट ने समिति के लिए नाम मांगे हैं और अब इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होगी.

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