नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्रालय (ministry of civil aviation) ने सोमवार को कहा कि विमान चालकों के प्रशिक्षण के उद्देश्य से पायलट प्रशिक्षण संस्थानों को गैर-परिचालन वाली हवाई पट्टियों को पट्टे (लीज) पर देने का कोई प्रस्ताव नहीं है. देश में 35 उड़ान प्रशिक्षण संगठन (एफटीओ) हैं जो 53 स्थानों से काम कर रहे हैं. वे विमान चालकों को वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) प्राप्त करने के योग्य बनाने के लिए विमान उड़ान प्रशिक्षण प्रदान करते हैं. इन एफटीओ को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा अनुमोदित किया गया है.
राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वी के सिंह (VK Singh) ने कहा कि वर्ष 2021 में, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने बेलगावी (कर्नाटक), जलगांव (महाराष्ट्र), कलबुर्गी (कर्नाटक), खजुराहो (मध्य प्रदेश) और लीलाबारी (असम) में पांच हवाई अड्डों पर नौ एफटीओ स्लॉट प्रदान किए.
ये स्लॉट प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान किए गए थे. पिछले साल जून में, छह एफटीओ स्लॉट पांच एएआई हवाई अड्डों पर प्रदान किए गए थे - जिनमें भावनगर (गुजरात) में दो, और हुबली (कर्नाटक), कडप्पा (आंध्र प्रदेश), किशनगढ़ (राजस्थान) और सलेम (तमिलनाडु) में एक-एक स्लॉट शामिल हैं.
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एक प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा, 'फिलहाल, विमान चालकों के प्रशिक्षण के उद्देश्य से पायलट प्रशिक्षण कॉलेज एवं संस्थानों को गैर-परिचालन हवाई पट्टियों को पट्टे पर देने का सरकार में कोई प्रस्ताव नहीं है.' एक अन्य लिखित उत्तर में मंत्री ने बताया कि वर्तमान में देश में 30 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे चालू हैं.
(पीटीआई-भाषा)