नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23,123 करोड़ रूपये के पैकेज को मंजूरी दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बनाने के लिए 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक के एक नए पैकेज को मंजूरी दी गई है. इसके तहत देश के सभी जिलों में पीडियाट्रिक केयर यूनिट से लेकर आईसीयू बेड, ऑक्सीजन स्टोरेज, एंबुलेंस और दवाओं जैसे जरूरी इंतजाम किए जाएंगे.'
इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 23,123 करोड़ रुपये की एक नयी योजना 'भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज- चरण 2' को स्वीकृति दी.इस योजना का उद्देश्य बाल चिकित्सा देखभाल सहित स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास और उचित परिणामों पर जोर के साथ शुरुआती रोकथाम, पहचान और प्रबंधन के उद्देश्य से त्वरित प्रतिक्रिया के लिए स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों में तेजी लाना है.
केंद्रीय मंत्रिपरिषद फेरबदल व विस्तार के बाद बैठक में हुआ फैसला
वहीं मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए नव नियुक्त स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बुधवार को हुए व्यापक फेरबदल व विस्तार के बाद बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई बैठक में यह फैसला किया गया .
मंडाविया ने कहा कि इस पैकेज को अगले नौ महीने में मार्च 2022 तक लागू किया जाएगा . उन्होंने कहा कि यह आपतकालीन प्रतिक्रिया एवं स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज का दूसरा चरण है. केंद्र सरकार इससे पहले देश भर में कोविड समर्पित अस्पताल एवं स्वास्थ्य केंद्र स्थापित करने के लिये 15000 करोड़ रूपये दे चुकी है .
2021-22 के लिए 23,123 करोड़ रुपये की एक नई योजना
सरकारी बयान के अनुसार, 'केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 23,123 करोड़ रुपये की एक नई योजना भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज- चरण 2 को स्वीकृति दे दी .' इसमें कहा गया है कि इस योजना का उद्देश्य बाल चिकित्सा देखभाल सहित स्वास्थ्य ढांचे का विकास और उचित परिणामों पर जोर के साथ शुरुआती रोकथाम, पहचान और प्रबंधन के उद्देश्य से त्वरित प्रतिक्रिया के लिए स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों में तेजी लाना है. इस पैकेज के चरण-2 में केंद्रीय क्षेत्र (CS) और केंद्र प्रायोजित योजनाओं (CSS) के घटक शामिल हैं.
बयान के अनुसार, केंद्रीय क्षेत्र के घटकों के अंतर्गत एम्स और अन्य राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली, एलएचएमसी और एसएसकेएच, दिल्ली, आरएमएल, दिल्ली, रिम्स, इम्फाल और एनईआईजीआरआईएमएस, शिलांग, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़, जेआईपीएमईआर, पुडुचेरी और एम्स दिल्ली (मौजूदा एम्स) और पीएमएसएसवाई के तहत नए एम्स) को कोविड प्रबंधन के लिए 6,688 बिस्तरों के संबंध में सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
टेली-परामर्श की संख्या प्रतिदिन 50,000 से बढ़ाकर 5 लाख करने का लक्ष्य
इसमें कहा गया है कि रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) को वैज्ञानिक नियंत्रण केंद्र, महामारी सूचना सेवाएं (EIS) और आईएनएसएसीओजी सचिवालय सहयोग को स्वीकृति के अलावा जीनोम अनुक्रमण मशीनें उपलब्ध कराकर मजबूत बनाया जाएगा. बयान के अनुसार, देश के सभी जिला अस्पतालों में अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (HMIS) के कार्यान्वयन के लिए सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा . टेली-परामर्श की संख्या प्रति दिन 50,000 से बढ़ाकर प्रति दिन 5 लाख करने के लिए ई-संजीवनी टेली-परामर्श प्लेटफार्म के राष्ट्रीय ढांचे के विस्तार के लिए भी समर्थन उपलब्ध कराया जाएगा.
सभी 736 जिलों में बाल चिकित्सा इकाइयां स्थापित की जाएंगी
बयान के अनुसार, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के घटकों के तहत किए जा रहे प्रयासों का उद्देश्य महामारी के खिलाफ प्रभावी और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए जिला और उप जिला क्षमता को मजबूत बनाना है. इसके तहत सभी 736 जिलों में बाल चिकित्सा इकाइयां स्थापित करना और टेली-आईसीयू सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए हर राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश में बाल चिकित्सा उत्कृष्टता केंद्र (बाल चिकित्सा सीओई) की स्थापना की जायेगी और जिला बाल चिकित्सा इकाइयों को सलाह और तकनीकी सहायता दी जाएगी.
20 हजार आईसीयू बिस्तर बढ़ाने के लिए सहायता दी जाएगी
बयान के अनुसार, इसके तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में 20,000 आईसीयू बिस्तर बढ़ाने के लिए सहायता दी जाएगी जिनमें से 20 प्रतिशत बाल चिकित्सा आईसीयू बिस्तर होंगे. ग्रामीण, अर्ध शहरी और जनजातीय इलाकों में कोविड-19 के पहुंचने के कारण मौजूदा इकाइयों में अतिरिक्त बिस्तर जोड़ने का काम किया जाएगा .
इसमें कहा गया है कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक इकाई को सहयोग देने के उद्देश्य से मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम (MGPS) के साथ 1050 तरल मेडिकल ऑक्सीजन भंडारण टैंकों की स्थापना करने के लिए सहायता दी जाएगी.
8,800 नई एम्बुलेंस शामिल की जाएंगी
इसका उद्देश्य एम्बुलेंसों के मौजूदा बेड़े को मजबूत करना है और इस पैकेज के तहत 8,800 नई एम्बुलेंस शामिल की जाएंगी. इसके साथ ही कोविड के प्रभावी प्रबंधन के लिए स्नातक और परास्नातक मेडिकल इंटर्न व एमबीबीएस, बीएससी और जीएनएम नर्सिंग के विद्यार्थियों को जोड़ा जाएगा.
कोविड-19 प्रबंधन के लिए आवश्यक दवाओं की आवश्यकता पूरी करने के साथ ही बफर स्टॉक तैयार करने के लिए जिलों को समर्थन देने की बात कही गई है.बयान में कहा गया है कि भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज- चरण 2 को 23,123 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ 1 जुलाई, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक लागू किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय अंश– 15,000 करोड़ रुपये और राज्य अंश – 8,123 करोड़ रुपये है.