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कर्नाटक में सरकारी अस्पतालों की हालत खस्ता, बिना बिजली के डॉक्टर कर रहे पोस्टमार्टम - शिमोगा में बने सरकारी अस्पताल

कर्नाटक के शिमोगा में बने सरकारी अस्पताल में सुविधाओं का अकाल पड़ा हुआ है. यहां तक कि अस्पताल को बिजली तक नहीं मिल रही है. इसके चलते डॉक्टरों को अंधेरे में पोस्टमार्टम करना पड़ रहा है.

Poor condition of government hospital in Karnataka
कर्नाटक के सरकारी अस्पताल की खस्ता हालत
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Published : Jun 8, 2023, 8:03 PM IST

कर्नाटक के सरकारी अस्पताल की खस्ता हालत

शिमोगा: कर्नाटक के शिमोगा में रिप्पनपेट सरकारी अस्पताल में बिजली की समस्या से लोग परेशान हैं. सरकारी अस्पताल में न केवल लोग बल्कि डॉक्टर भी बिजली न होने से जूझ रहे हैं. सोमवार की रात पोस्टमार्टम के दौरान बिजली गुल हो गई. इसके चलते मोर्चरी में पोस्टमार्टम कर रहे डॉक्टरों ने हेडलैंप की फ्लैशलाइट की मदद से अपना काम पूरा किया. बता दें कि होसानगर तालुक के रिप्पनपेट के पास गुरुमठ गांव के लोकेशप्पा (68) अपने बगीचे में मृत पाए गए थे.

लोकेशप्पा अपने पोते के साथ अपने खेत पर गए थे. खेत में जाकर उन्होंने अपने पोते को घर जाने को कहा और वह वहीं रुक गए. लेकिन दोपहर बाद भी लोकेशप्पा घर वापस नहीं आए, तो उनके बच्चे उनकी तलाश में खेत पर गए, जहां उन्होंने लोकशप्पा को अचेत अवस्था में पाया. उनके परिवार के सदस्य उन्हें रिप्पनपेट अस्पताल ले गए. उन्हें संदेह था कि लोकेशप्पा को दिल का दौरा पड़ा है.

रात का समय था, जब डॉक्टर ने एमएलसी (मेडिको-लीगल केस) केस फाइल किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए. इस दौरान बिजली की समस्या के चलते डॉक्टर ने या हेडलैंप की फ्लैश लाइट की रोशनी में पोस्टमार्टम किया. होसानगर तालुक के रिप्पनपेट अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों लोग अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए आते हैं. लेकिन यहां बिजली की समस्या है. रात में शवों को मोर्चरी में लाया जाता है.

बिजली न होने के कारण लोग यहां आने से डरते हैं. सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णप्पा ने मांग की है कि संबंधित ग्राम पंचायत, मेसकॉम और स्वास्थ्य विभाग इस पर ध्यान दें. इस पर टिप्पणी करते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश सुरगिहल्ली ने कहा कि सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे परिजनों और पुलिस के कहने पर डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम किया. मोबाइल टॉर्च से पोस्टमार्टम करना संभव नहीं होता है. इसलिए हेडलैंप की फ्लैशलाइट में शव की जांच की गई.

कर्नाटक के सरकारी अस्पताल की खस्ता हालत

शिमोगा: कर्नाटक के शिमोगा में रिप्पनपेट सरकारी अस्पताल में बिजली की समस्या से लोग परेशान हैं. सरकारी अस्पताल में न केवल लोग बल्कि डॉक्टर भी बिजली न होने से जूझ रहे हैं. सोमवार की रात पोस्टमार्टम के दौरान बिजली गुल हो गई. इसके चलते मोर्चरी में पोस्टमार्टम कर रहे डॉक्टरों ने हेडलैंप की फ्लैशलाइट की मदद से अपना काम पूरा किया. बता दें कि होसानगर तालुक के रिप्पनपेट के पास गुरुमठ गांव के लोकेशप्पा (68) अपने बगीचे में मृत पाए गए थे.

लोकेशप्पा अपने पोते के साथ अपने खेत पर गए थे. खेत में जाकर उन्होंने अपने पोते को घर जाने को कहा और वह वहीं रुक गए. लेकिन दोपहर बाद भी लोकेशप्पा घर वापस नहीं आए, तो उनके बच्चे उनकी तलाश में खेत पर गए, जहां उन्होंने लोकशप्पा को अचेत अवस्था में पाया. उनके परिवार के सदस्य उन्हें रिप्पनपेट अस्पताल ले गए. उन्हें संदेह था कि लोकेशप्पा को दिल का दौरा पड़ा है.

रात का समय था, जब डॉक्टर ने एमएलसी (मेडिको-लीगल केस) केस फाइल किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए. इस दौरान बिजली की समस्या के चलते डॉक्टर ने या हेडलैंप की फ्लैश लाइट की रोशनी में पोस्टमार्टम किया. होसानगर तालुक के रिप्पनपेट अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों लोग अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए आते हैं. लेकिन यहां बिजली की समस्या है. रात में शवों को मोर्चरी में लाया जाता है.

बिजली न होने के कारण लोग यहां आने से डरते हैं. सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णप्पा ने मांग की है कि संबंधित ग्राम पंचायत, मेसकॉम और स्वास्थ्य विभाग इस पर ध्यान दें. इस पर टिप्पणी करते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश सुरगिहल्ली ने कहा कि सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे परिजनों और पुलिस के कहने पर डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम किया. मोबाइल टॉर्च से पोस्टमार्टम करना संभव नहीं होता है. इसलिए हेडलैंप की फ्लैशलाइट में शव की जांच की गई.

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