सूरत: प्राचीन काल में राजा-रजवाड़े सोने की भस्म का उपयोग खाद्य पदार्थों में करते थे. इसी से प्रेरित होकर सूरत के मिठाई विक्रेताओं ने सोने की पन्नी वाली सुनहरी घारी तैयार की है. इस मिठाई की मांग सिर्फ सूरत में ही नहीं, बल्कि देश के अन्य शहरों में भी है. सूरत के लोग चंडी पाड़वा उत्सव के अवसर पर इस मिठाई के लिए लाखों रुपये खर्च करते हैं और हर साल की तरह इस साल भी घारी की भारी डिमांड है.
सूरत के एक मिठाई विक्रेता ने इस साल ऐसी गोल्डन घारी बनाई है, जिसके एक पीस की कीमत 1,100 रुपए है और प्रति किलो इसकी कीमत 11,000 रुपये प्रति किलो है. अन्य घारी की कीमत 700 रुपये से लेकर 900 रुपये तक है. सोने की पन्नी वाली गोल्डन घारी सूरत के प्रसिद्ध मिठाई विक्रेताओं द्वारा तैयार की जाती है. यह घारी प्रीमियम ड्राई फ्रूट्स, शुद्ध घी, काजू कोटिंग और सोने की पन्नी का उपयोग करके तैयार की जाती है.
मिठाई विक्रेता हिमांशु भाई सुखाड़िया ने बताया कि इस घारी को बनाने में प्रीमियम ड्राई फ्रूट्स, काजू की परत, 24 कैरेट सोने की पन्नी और शुद्ध घी का उपयोग किया जाता है. इस घारी को लोग ज्यादातर कॉरपोरेट सेक्टर में गिफ्ट देने के लिए ऑर्डर करते हैं. सिर्फ सूरत ही नहीं, बल्कि दूसरे शहरों में भी हमें वहां से 50 से ज्यादा पीस के ऑर्डर एडवांस में मिले.
उन्होंने आगे कहा कि आम तौर पर घारी जो 700 से 900 रुपये प्रति किलो होती है, ये सोने की घारी 1,100 रुपये प्रति पीस है. हम 3 पीस और 6 पीस में पैकिंग कर रहे हैं. हम विदेश भेजने के लिए विशेष पैकिंग कर रहे हैं, उम्मीद है कि इस बार विदेश से ज्यादा ऑर्डर आएंगे.