नई दिल्ली : साबुन और घरेलू उपकरणों से लेकर रियल एस्टेट तक फैला गोदरेज समूह विभाजन की ओर अग्रसर है. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं बंटवारे के पीछे की वजह भाइयों के बीच मतभेद है. इस पूरे मामले से अवगत सूत्रों ने कहा कि परिवार ने 124 साल पुराने समूह के सौहार्दपूर्ण विभाजन के लिए बाहरी सलाह ली है.
बता दें कि इस समय समूह का नेतृत्व अनुभवी उद्योगपति आदि गोदरेज (79) कर रहे हैं, जो इसके अध्यक्ष हैं. उनके भाई नादिर गोदरेज गोदरेज इंडस्ट्रीज के साथ ही गोदरेज एग्रोवेट के चेयरमैन भी हैं. उनके चचेरे भाई जमशेद एन गोदरेज, गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष हैं, जो इस व्यापारिक घरानों की प्रमुख फर्म है.
गौरतलब है कि गोदरेज समूह की स्थापना 1897 में वकील से उद्यमी बने अर्देशिर गोदरेज ने की थी, जिन्होंने कुछ असफल उपक्रमों के बाद तालों के व्यवसाय में सफलता हासिल की. एक रिपोर्ट के अनुसार, समूह दो भागों में विभाजन चाह रहा है, जिनमें एक का नेतृत्व आदि और नादिर करेंगे, जबकि दूसरे भाग की कमान जमशेद और उसकी बहन स्मिता गोदरेज क्रिश्ना के हाथों में होगी.
इस बारे में पूछने पर परिवार के एक संयुक्त बयान में कहा गया, 'गोदरेज परिवार पिछले कुछ वर्षों से समूह के अपने शेयरधारकों के लिए सर्वोत्तम मूल्य सुनिश्चित करने के लिए एक दीर्घकालिक रणनीतिक योजना पर काम कर रहा है.' बयान में आगे कहा गया, 'इसके लिए हमने बाहरी भागीदारों से भी सलाह मांगी है. हालांकि, इस मसले को लेकर परिवार के बीच चर्चा जारी है.'
इस मसले पर परिवार के लोग बैंकर निमेश कंपानी और उदय कोटक सहित परिवार के करीबी लोगों का भी मशवरा ले रहे हैं. इसके अलावा कानूनी क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियों जैसे एजेडबी एंड पार्टनर्स के जिया मोदी और सिरिल श्रॉफ से कथित तौर सलाह ली जा रही है.
ऐसा माना जा रहा है कि परिवार की युवा पीढ़ी व्यवसाय में अधिक सहभागिता पाने तथा स्वामित्व पर अधिक स्पष्टता के लिए विभाजन चाहती है. जिसके बाद से गोदरेज समूह के बंटवारे की कवायद तेज हो गई है.
(भाषा)