अमरावती: गोदावरी नदी में आई भीषण बाढ़ के कारण आंध्र प्रदेश के छह जिलों में 20 लाख से अधिक लोगों का जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. राजामहेंद्रवरम के समीप दोवालेश्वरम में सर आर्थर कॉटन बांध में जलस्तर शनिवार शाम 25 लाख क्यूसेक के पार चला गया तथा इसके और बढ़ने की आशंका है. इससे पहले बांध में अगस्त 2006 में जलस्तर इतना अधिक रहा था.
उल्लेखनीय है कि सात अगस्त 2006 को गोदावरी नदी में जलस्तर 28,50,664 क्यूसेक तक पहुंच गया था जबकि 16 अगस्त 1986 को जलस्तर 35.06 लाख क्यूसेक था. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, गोदावरी नदी के किनारे स्थित छह जिलों के 44 मंडलों के तहत आने वाले कम से कम 628 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ के कारण 'लंका' के नाम से मशहूर गांव विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ से फिलहाल राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है.
वहीं, विशेष रूप से महाराष्ट्र और तेलंगाना में गोदावरी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश रुकने से आगामी कुछ दिनों के भीतर बाढ़ का पानी नीचे उतरने की उम्मीद है. अधिकारियों के मुताबिक, अगले 30 से 36 घंटों के भीतर सर आर्थर कॉटन बांध का जलस्तर 28 लाख क्यूसेक तक पहुंच सकता है. आंध्र प्रदेश प्रशासन की ओर से 30 लाख क्यूसेक संभावित जलस्तर के हिसाब से तैयारियां की जा रही हैं.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, बाढ़ से करीब 515 गांव प्रभावित हुए हैं जिनसे 71,200 लोगों को सुरक्षित निकाला है और उन्हें 177 राहत शिविरों में रखा गया है. जरूरत पड़ने पर बचाव और राहत कार्य करने के लिए भारतीय नौसेना के दो हेलीकॉप्टरों को राजामहेंद्रवरम में तैयार रखा गया है. मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों से बात की और उन्हें अगले 24 घंटों के लिए सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं.
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राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 10 टीम बचाव एवं राहत अभियान में जुटी हुई हैं. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को बाढ़ से प्रभावित परिवारों को 25 किलोग्राम चावल, एक किलोग्राम दाल, आलू, प्याज और खाद्य तेल देने का निर्देश दिया है. राहत केंद्रों में शरण लेने वाले प्रत्येक परिवार को 2,000 रुपये दिए जाने को भी कहा गया है. प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार 3,173.58 हेक्टेयर में फसलों और 5,928.73 हेक्टेयर में बागवानी फसलों को बाढ़ के कारण नुकसान हुआ है.