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रूस-यूक्रेन संकट : ग्लोबलडाटा ने भारत का आर्थिक वृद्धि अनुमान घटाकर 7.8 प्रतिशत किया - Globaldata slashes Indias economic growth forecast

रूस-यूक्रेन के बीच जारी सैन्य संकट के कारण तेल की कीमतों में उछाल आ रहा है. इसी का हवाला देते हुए लंदन की आंकड़ा विश्लेषण और परामर्श कंपनी ग्लोबलडाटा ने भारतीय अर्थव्यवस्था में आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है (Globaldata slashes Indias economic growth forecast).

Globaldata slashes Indias economic growth forecast
भारत का आर्थिक वृद्धि अनुमान
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Published : Mar 4, 2022, 4:35 PM IST

नई दिल्ली : ग्लोबलडाटा ने भारतीय अर्थव्यवस्था में आर्थिक वृद्धि दर (economic growth rate) के अनुमान को घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है. लंदन की आंकड़ा विश्लेषण और परामर्श कंपनी ने रूस-यूक्रेन के बीच जारी सैन्य संकट के कारण तेल की कीमतों में उछाल की वजह से भारत के निर्यात पर पड़ने वाले असर का हवाला देते हुए घरेलू अर्थव्यवस्था में वृद्धि के अनुमान को कम किया है.

ग्लोबलडाटा ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया के कमजोर बने रहने के आसार हैं जबकि जिंसों की कीमतों में वृद्धि से मुद्रास्फीति बढ़ेगी. हालांकि भारतीय बैंक क्षेत्र मजबूत बना रहेगा.

बयान में कहा गया, 'रूस और यूक्रेन के बीच जारी सैन्य संकट का भारत के निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि से कच्चे माल तथा उपभोक्ता वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे.' कंपनी ने कहा कि इन सभी कारणों को देखते हुए ग्लोबलडाटा ने भारत की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के अनुमान को 0.1 प्रतिशत घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है.

गौरतलब है कि 2020 में भारत के कुल आयात में यूक्रेन और रूस का संयुक्त रूप से 2.2 प्रतिशत हिस्सा था. ग्लोबलडाटा ने इसके अलावा अनुमान जताया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न भू-राजनीतिक जोखिम के कारण 2022 में भारत की मुद्रास्फीति दर 5.5 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जो 2021 में 5.1 प्रतिशत थी. ज्ञात हो कि इंडिया रेटिंग्स ने पहले ही वित्तवर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी अनुमान घटाकर 8.6 कर दिया है. फिच रेटिंग्स का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी.

नई दिल्ली : ग्लोबलडाटा ने भारतीय अर्थव्यवस्था में आर्थिक वृद्धि दर (economic growth rate) के अनुमान को घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है. लंदन की आंकड़ा विश्लेषण और परामर्श कंपनी ने रूस-यूक्रेन के बीच जारी सैन्य संकट के कारण तेल की कीमतों में उछाल की वजह से भारत के निर्यात पर पड़ने वाले असर का हवाला देते हुए घरेलू अर्थव्यवस्था में वृद्धि के अनुमान को कम किया है.

ग्लोबलडाटा ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया के कमजोर बने रहने के आसार हैं जबकि जिंसों की कीमतों में वृद्धि से मुद्रास्फीति बढ़ेगी. हालांकि भारतीय बैंक क्षेत्र मजबूत बना रहेगा.

बयान में कहा गया, 'रूस और यूक्रेन के बीच जारी सैन्य संकट का भारत के निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि से कच्चे माल तथा उपभोक्ता वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे.' कंपनी ने कहा कि इन सभी कारणों को देखते हुए ग्लोबलडाटा ने भारत की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के अनुमान को 0.1 प्रतिशत घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है.

गौरतलब है कि 2020 में भारत के कुल आयात में यूक्रेन और रूस का संयुक्त रूप से 2.2 प्रतिशत हिस्सा था. ग्लोबलडाटा ने इसके अलावा अनुमान जताया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न भू-राजनीतिक जोखिम के कारण 2022 में भारत की मुद्रास्फीति दर 5.5 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जो 2021 में 5.1 प्रतिशत थी. ज्ञात हो कि इंडिया रेटिंग्स ने पहले ही वित्तवर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी अनुमान घटाकर 8.6 कर दिया है. फिच रेटिंग्स का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी.

पढ़ें- GDP : इंडिया रेटिंग्स ने अनुमान घटाया, फिच ने कहा-8.4 फीसदी की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

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(पीटीआई-भाषा)

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