देहरादून : उत्तराखंड के जोशीमठ में बड़ा हादसा हुआ है. जोशीमठ में ग्लेशियर के टूटने से धौली गंगा नदी पर बना डैम टूट गया है. इसमें कई लोगों के बहने की बात कही जा रही है. बहने वाले लोग निचले इलाकों में रहते थे. ग्लेशियर टूटने की घटना चमोली के रैणी गांव के पास हुई है. वहीं गंगा नदी के किनारे की बस्तियों को खाली कराया जा रहा है. ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. वहीं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत मौके के लिए रवाना हो गए हैं. प्रमुख सचिव ओम प्रकाश के अनुसार हादसे में 100 से 150 लोगों के लापता होने की आशंका जताई है.
सीएम ने हेल्प लाइन नंबर जारी किया है. 1070, 9557444486 पर संपर्क कर सकते हैं. पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम से फोन पर बात कर स्थिति की पूरी जानकारी ली है.
प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि वे उत्तराखंड के हालात पर करीबी नजर रख रहे हैं. पीएम ने कहा कि पूरा देश घटनास्थल पर लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहा है. पीएम ने बताया कि राहत और बचाव कार्यों के संबंध में भी वे अधिकारियों से लगातार जानकारी ले रहे हैं.
देवभूमि को केंद्र से हरसंभव मदद : अमित शाह
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर बताया कि उत्तराखंड की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि देवभूमि को हरसंभव मदद दी जाएगी.
ग्लेशियर टूटने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे अधिकारी ने बताया कि उच्चाधिकारियों ने आदेश दिया है कि नदी के किनारे रहने वाले लोगों को जल पुलिस और लोकल पुलिस की मदद से सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. रुद्र प्रयाग तक पानी पहुंचने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी सूचना नहीं है.
हादसे के संबंध में सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि ग्लेशियर टूटने के बाद तमाम अधिकारियों और थानों को अलर्ट कर दिया गया है.
उत्तराखंड के चमोली जिले स्थित जोशीमठ - बदरीनाथ मार्ग पर विष्णुप्रयाग/ ऋषि गंगा में ग्लेशियर टूट गया है. घटना की सूचना मिलते ही डीएम स्वाति एस भदौरिया घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी हैं.
ग्लेशियर टूटने से धौली गंगा नदी में अचनाक आए मलबे ने सबकुछ बर्बाद कर दिया है. वीडियो देख आप इस तबाही का अंदाजा लगा सकते हैं. कई पैदल पुल बह गए हैं. डीएम ने नदी के किनारों पर रहने वाले लोगों को घर खाली करने के आदेश दिए हैं. जनहानि की अभी कोई पुष्टि नहीं है.
ग्लेशियर टूटने के बाद प्रशासन ने लोगों को बिष्णुप्रयाग, जोशीमठ, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर से ऋषिकेश हरिद्वार तक अलकनंदा तथा गंगा नदी के किनारे नहीं जाने की सलाह दी है.
वहीं बचावकर्मी जोशीमठ क्षेत्र के रेनी गांव पहुंच चुके हैं और राहत और बचाव का कार्य शुरू कर दिया है.
इसके अलावा गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने की संभावना तथा आपदा कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के दृष्टिगत प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश के द्वारा ऋषिकेश त्रिवेणी घाट परिसर तथा नदी के किनारे स्थित अन्य घाटो से लोगो को लाउडस्पीकर के माध्यम से सचेत कर तत्काल खाली कराया जा रहा है.
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि घटना में ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. घटना में कई लोगों के हताहत होने की सूचना मिली है. फिलहाल ऋषिकेश राफ्टिंग को बंद करवा दिया गया है और ऋषिकेश में गंगा नदी के आस-पास के इलाके खाली करवाने के आदेश दे दिए गए हैं.
जोशीमठ तपोवन धौलीगंगा में ग्लेशियर टूटने की सूचना के बाद जिलाधिकारी मनुज गोयल ने पुलिस, इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट सहित अन्य अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए है. ग्लेशियर टूटने के कारण अलकनंदा नदी के भी जलस्तर बढ़ने की बड़ी संभावना है. ऐसे में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने जनपद रुद्रप्रयाग की जनता से अपील की है की नदी किनारे के स्थानों से दूर सुरक्षित स्थानों पर जाने का कष्ट करें.
ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को बड़ा नुकसान हुआ है. इस प्रोजेक्ट पर 50 लोग काम कर रहे थे. यह इलाका नीति घाटी से लगा हुआ है, जो चीन सीमा से सटी है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने इस बात की पुष्टि कि है कि यहां बड़ा ग्लेशियर टूटा है, जिससे हरिद्वार-ऋषिकेश को खतरा है, लिहाजा सभी को अलर्ट कर दिया गया है.
वहीं, जोशीमठ से आगे ग्लेशियर टूटने की घटना पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और डीएम चमोली से पूरी जानकारी प्राप्त की. मुख्यमंत्री लगातार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. संबंधित सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है. सीएम ने बताया कि अलकनंदा के पास के इलाकों से लोगों को निकाला जा रहा है. एहतियात के तौर पर भागीरथी नदी के प्रवाह को रोक दिया गया है. अलकनंदा के पानी के प्रवाह को रोकने के लिए श्रीनगर बांध और ऋषिकेश बांध को खाली कर दिया गया है. एसडीआरएफ अलर्ट पर है और मैं मौके के लिए रवाना हो रहा हूं.
चमोली जिला प्रशासन, एसडीआरएफ के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं. लोगों से अपील की जा रही है कि गंगा नदी के किनारे न जाएं.
एसपी यशवंत चौहान ने बताया कि वह खुद मौके के लिए रवाना हो चुके हैं. बाढ़ की चपेट में आने से कई लोगों के मरने की भी आशंका जताई जा रही है. मौके पर ही जाकर स्थिति का पता चल पाएगा. हरिद्वार जिला अधिकारी ने निचले इलाकों को खाली करने के भी आदेश दिए हैं.