पलामू: खाना मिला लेकिन पानी नहीं मिला. करीब 12 घंटे तक प्यासे रहने के बाद छात्राओं का सब्र का बांध टूट गया और वे दौड़ते हुए डीसी आवास तक पहुंच गईं. इस दौरान छात्राएं करीब तीन किलोमीटर तक दौड़ीं और डीसी से मिलने पहुंच गईं. छात्रों के आवास पर पहुंचने के बाद डीसी तुरंत बाहर निकले और सभी छात्राओं की समस्याओं को सुना. पूरा मामला पलामू के चैनपुर कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल का है.
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दरअसल, चैनपुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में पिछले एक महीने से जलसंकट है, छात्राओं को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा था. मंगलवार की रात छात्राओं को पीने के लिए पानी नहीं मिल पाया था, सुबह में सभी को नाश्ता मिला मगर पानी नहीं मिला. पानी नहीं मिलने से नाराज छात्राओं का सब्र का बांध टूट गया और स्कूल से निकल कर करीब दो दर्जन छात्राएं चैनपुर से दौड़ते हुए मेदिनीनगर स्थित डीसी आवास पहुंची थी.
चैनपुर कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में 200 के करीब छात्राएं पढ़ती हैं. चैनपुर कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल कोयल नदी के तट पर मौजूद है. बावजूद इसके पानी की संकट है. दौड़ने के बाद कुछ छात्राएं बीमार हो गईं थी जिनका इलाज एमएमसीएच में किया जा रहा है. छात्राओं का कहना है कि स्कूल में समय पर खाना पानी नहीं मिल पाता है. वहीं स्कूल के क्लर्क का व्यवहार काफी खराब है.
डीसी ने हाई लेवल जांच समिति का किया गठन: छात्राओं के डीसी आवास के पास पहुंचने के बाद डीसी शशिरंजन तुरंत आवास से बाहर निकले और सभी से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना. डीसी ने एंबुलेंस मंगा कर बीमार छात्राओं को अस्पताल भेजा. डीसी शशि रंजन ने बताया कि पूरे मामले में डीआरडीए के निदेशक के नेतृत्व में चार सदस्य जांच कमेटी का गठन किया गया है. जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी डीसी ने बताया कि जिले के सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल के छात्राओं का मेडिकल जांच भी की जाएगी, संबंध में सिविल सर्जन को निर्देश दिए गए हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारी और कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी.