बालोद : शहर में संचालित स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी विद्यालय (Atmanand School of Balod ) की छात्रा नरगिस खान जो कि अपने विद्यालय के लिए एक गौरव बनकर उभर रही है. इसके पिता के हौसलों और उम्मीदों की उड़ान को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल एवं छत्तीसगढ़ सरकार ने मुहर लगा दी है. सातवीं की कक्षा में अध्ययन करने वाली नरगिस खान अब विशेष अनुमति के तहत कक्षा दसवीं की परीक्षा देगी. आपको बता दें कि इन्होंने मुख्यमंत्री से कक्षा दसवीं की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मांगी (Seventh student will give tenth paper ) थी. बालोद दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने इसके लिए हामी भी भर दी थी. अब ऑफिशियल रूप से अनुमति जारी हो चुकी है. बच्ची के शिक्षकों ने बताया कि टिफिन खाने के बाद नरगिस हमारे पास आकर 10 की पढ़ाई और होमवर्क करती थी.
पिता ने मांगी थी अनुमति : कक्षा सातवीं की छात्रा नरगिस ने जानकारी देते हुए बताया कि '' उनके पिता ने उनकी पढ़ाई को समझा और यह निर्णय लिया कि मेरी बेटी अब दसवीं की परीक्षा दिलाएगी साथ ही उसकी बेटी भी काफी टैलेंटेड है और पूरे विद्यालय के लिए वह एक गौरव है आज जब हम विद्यालय में नरगिस खान से मिलने पहुंचे तो कितने पूरे विद्यालय ने कहा कि इसका आइक्यू लेवल काफी अच्छा है और हमें गर्व होगा कि वह सीधे दसवीं की कक्षा में बैठेगी.''
सचिव ने दी अनुमति :आपको बता दें कि माध्यमिक शिक्षा मंडल छत्तीसगढ़ (Board of Secondary Education Chhattisgarh) के सचिव प्रोफेसर वीके गोयल ने इसकी अनुमति दी है.आगामी सत्र 2023 हाईस्कूल परीक्षा में नरगिस खान शामिल होगी. ऑफिशियल अनुमति शिक्षा मंडल ने भेज दी है और स्वाध्याय परीक्षार्थी के रूप में नरगिस शामिल होगी.
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वित्त विभाग एवं कार्यपालिका ने लिया निर्णय : नरगिस खान पिता फिरोज खान जिसकी जन्म तिथि 12 जून 2010 है और 1 जुलाई 2022 को वह 12 वर्ष 19 दिवस की अवधि को पूर्ण करेगी. इनके आवेदन पर कार्यपालिका और वित्त समिति ने आइक्यू लेवल को देखते हुए यह निर्णय लिया है.
अफसर बनना चाहती है बेटी : बालोद शहर के स्वामी आत्मानंद विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा नरगिस खान से जब हमने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि ''वह कक्षा दसवीं में सीधे परीक्षा दिलाना चाहती है और उसे अपने आप पर पूरा विश्वास है. विज्ञान और गणित नरगिस का पसंदीदा विषय है .नरगिस का आत्मविश्वास इतना तेज है कि उन्होंने कहा वह यूपीएससी परीक्षा देकर सिर्फ कलेक्टर ही नहीं बनना चाहती.बल्कि राज्य का मुख्य सचिव बनना चाहती है.कक्षा सातवीं में पढ़ते-पढ़ते स्वाध्याय रूप से कक्षा दसवीं की परीक्षा दिलाने वाली नरगिस छत्तीसगढ़ की पहली बालिका बनने जा रही है.आत्मानंद विद्यालय के साथ-साथ पूरे बालोद जिले के लिए यह गर्व की बात है. आपको बता दें कि इस बेटी नहीं पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है. मुख्यमंत्री ने भी इस बालिका की मंशा को सराहना की है.