रांची: बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले कम नहीं हो रहे हैं. झारखंड के साथ ही पड़ोसी राज्य बिहार से भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. कई मामले तो पुलिस के सामने पहुंच भी नहीं रहे हैं. नाबालिग के परिजन इन मामलों को छिपाने की कोशिश करते हैं. ऐसे ही एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म मामले का खुलासा रांची में तब हुआ, जब बिहार के बेगूसराय की रहने वाली एक 12 वर्षीय बच्ची का गर्भपात कराने उसके परिजन उसे लेकर रांची के निजी अस्पताल पहुंचे.
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अस्पताल में जब डॉक्टरों ने पाया कि 12 वर्षीय बच्ची पांच माह की गर्भवती है तो उन्होंने तुरंत स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी. जिसके बाद पुलिस ने पूरे मामले की जानकारी ली और फिर मामले की सूचना रांची जिला चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को दी. जानकारी मिलते ही चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार शाह और उनकी पूरी टीम अस्पताल पहुंची.
टीम ने की काउंसलिंग: अस्पताल पहुंचने के बाद चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की टीम ने बच्ची और परिजनों की काउंसलिंग की. सीडब्ल्यूसी की टीम ने काउंसिलिंग के माध्यम से बच्ची के साथ हुई घटना के बारे में जानने की कोशिश की. आखिर बच्ची के साथ क्या हुआ है, इतनी छोटी बच्ची गर्भवती कैसे हो गई, टीम ने इसकी पड़ताल की.
सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष अजय कुमार शाह ने बताया कि उनकी टीम बच्ची के साथ है. पूरे मामले की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि बच्ची के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए परिजनों के पास ही पीड़ित बच्ची को छोड़ा गया है. लेकिन सीडब्ल्यूसी रांची ने संज्ञान लेते हुए पूरे घटना की जानकारी बेगूसराय के एसपी और वहां की जिला चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को भी सूचित कर दिया गया है.
बेगूसराय में ही हुआ बच्ची के साथ दुष्कर्म: सीडब्ल्यूसी के द्वारा की गई पड़ताल के अनुसार, बताया गया कि बच्ची के साथ बेगूसराय में ही दुष्कर्म हुआ है. लेकिन उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस में नहीं दी. बच्ची के मामा ने परिजनों को एबॉर्शन के लिए रांची बुलाया था ताकि चोरी चुपके गर्भपात कराकर मामले को दबाया जा सके. लेकिन सीडब्ल्यूसी की टीम बच्ची की सुरक्षा के लिए गंभीर है. इसलिए ऐसी किसी भी घटना पर सीडब्ल्यूसी की टीम त्वरित संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करती है.
बता दें कि पांच माह के गर्भधारण करने के बाद एबॉर्शन के लिए कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती है. तभी बच्ची का गर्भपात हो सकता है. फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है, ताकि बच्ची के साथ कुकर्म करने वाले आरोपी को पकड़ा जा सके.